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फ्रांस से लौटे हिमाचल सरकार का खजाना संभालने वाले अफसर, पहली तारीख को वेतन और पेंशन देने पर होगा मंथन - Devesh Kumar Returned from France - DEVESH KUMAR RETURNED FROM FRANCE

IAS Devesh Kumar Return Himachal from France Visit: हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार का खजाना संभालने वाले अफसर देवेश कुमार विदेश दौरे से हिमाचल लौट आए हैं. आज से प्रदेश में बैठकों का दौर शुरू होगा. जिनमें पहली तारीख को सैलरी और पेंशन देने को लेकर मंथन किया जाएगा.

IAS Devesh Kumar Return Himachal from France Visit
वित्त विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार फ्रांस दौरे से हिमाचल लौटे (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 26, 2024, 6:41 AM IST

शिमला: हिमाचल सरकार में खजाना संभालने वाले अफसर फ्रांस दौरे से लौट आए हैं. राज्य सरकार के वित्त विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार फ्रांस के आधिकारिक दौरे से हिमाचल वापस लौट आए हैं. गुरुवार को वे विभाग के अधिकारियों से बैठकों का दौर आरंभ करेंगे. वित्त विभाग के समक्ष अभी अगले महीने यानी अक्टूबर में देय सितंबर माह के वेतन व पेंशन के लिए रकम जुटाने की चुनौती है. वित्त विभाग ये आकलन करेगा कि खजाने में कितनी रकम शेष है और ओवरड्राफ्ट की नौबत आए तो उसमें कैसे आगे बढ़ना है. इसके बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को सारी वस्तुस्थिति से अवगत करवाया जाएगा. इस बारे में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ही अंतिम फैसला लेंगे.

उल्लेखनीय है कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ये कह चुके हैं कि वेतन व पेंशन देने के लिए सरकारी खजाने में पर्याप्त पैसा न होने के कारण राज्य सरकार को लोन लेना पड़ता है. महीने के आरंभ में ही लोन लेने पर ब्याज के रूप में महीने में 2.80 करोड़ रुपए का बोझ पड़ता है. इस पैसे को बचाने के लिए वेतन पांच तारीख को दिया गया. साथ ही सीएम व उनके कैबिनेट सहयोगियों ने भी अपना दो महीने का वेतन विलंबित यानी डेफर किया है. अभी मौजूदा परिस्थितियों को देखें तो हिमाचल के पेंशनर्स इस बात पर अड़े हैं कि उन्हें पहली तारीख को ही पेंशन दी जाए. पिछली बार यानी अगस्त की सेलेरी सितंबर में देय, जब ये फैसला हुआ था तो कर्मचारियों ने कहा था कि उनकी ईएमआई पहली तारीख को ही कट जाती है. तब राज्य सरकार ने बैंकों को निर्देश दिया था कि ईएमआई लेट होने पर अतिरिक्त चार्ज न वसूला जाए.

क्या दिवाली को डीए की एक किश्त मिलेगी?

अभी कर्मचारियों का ये भी कहना है कि राज्य सरकार को दिवाली के समय कम से कम एक किश्त डीए की जरूर देनी चाहिए. यदि राज्य सरकार चार फीसदी डीए की किश्त देने पर विचार करती है तो उसे कम से कम 500 करोड़ रुपए की रकम चाहिए. अभी जो सरकार के पास लोन लिमिट बची है वो महज 1617 करोड़ रुपए ही है. इस लिमिट से दिसंबर तक का समय निकालना होगा. दिसंबर से मार्च तक की अवधि के लिए केंद्र सरकार अलग से लोन लिमिट सेंक्शन करती है. ऐसे में सरकार को दिसंबर तक का समय निकालना मुश्किल है. दिवाली इस बार 31 अक्टूबर की है. यदि सरकार दिवाली से पहले चार फीसदी डीए देती है तो उसे कर्ज लेना पड़ेगा. इन सभी बिंदुओं पर प्रधान वित्त सचिव देवेश कुमार वित्त विभाग के अधिकारियों से मीटिंग करेंगे. वहीं, 30 सितंबर को खजाने की एक्चुअल पोजीशन भी सामने आ जाएगी. देखना है कि वित्त विभाग की तरफ से सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के समक्ष खजाने को लेकर क्या रिपोर्ट दी जाती है. वहीं, पहली तारीख को वेतन व पेंशन जारी करने को लेकर अंतिम फैसला सीएम को ही लेना है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल के सरकारी कर्मियों व पेंशनर्स को अगले मंगलवार खाते में वेतन और पेंशन का इंतजार, क्या इस बार पहली तारीख को आएगा सुख का संदेश

शिमला: हिमाचल सरकार में खजाना संभालने वाले अफसर फ्रांस दौरे से लौट आए हैं. राज्य सरकार के वित्त विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार फ्रांस के आधिकारिक दौरे से हिमाचल वापस लौट आए हैं. गुरुवार को वे विभाग के अधिकारियों से बैठकों का दौर आरंभ करेंगे. वित्त विभाग के समक्ष अभी अगले महीने यानी अक्टूबर में देय सितंबर माह के वेतन व पेंशन के लिए रकम जुटाने की चुनौती है. वित्त विभाग ये आकलन करेगा कि खजाने में कितनी रकम शेष है और ओवरड्राफ्ट की नौबत आए तो उसमें कैसे आगे बढ़ना है. इसके बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को सारी वस्तुस्थिति से अवगत करवाया जाएगा. इस बारे में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ही अंतिम फैसला लेंगे.

उल्लेखनीय है कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ये कह चुके हैं कि वेतन व पेंशन देने के लिए सरकारी खजाने में पर्याप्त पैसा न होने के कारण राज्य सरकार को लोन लेना पड़ता है. महीने के आरंभ में ही लोन लेने पर ब्याज के रूप में महीने में 2.80 करोड़ रुपए का बोझ पड़ता है. इस पैसे को बचाने के लिए वेतन पांच तारीख को दिया गया. साथ ही सीएम व उनके कैबिनेट सहयोगियों ने भी अपना दो महीने का वेतन विलंबित यानी डेफर किया है. अभी मौजूदा परिस्थितियों को देखें तो हिमाचल के पेंशनर्स इस बात पर अड़े हैं कि उन्हें पहली तारीख को ही पेंशन दी जाए. पिछली बार यानी अगस्त की सेलेरी सितंबर में देय, जब ये फैसला हुआ था तो कर्मचारियों ने कहा था कि उनकी ईएमआई पहली तारीख को ही कट जाती है. तब राज्य सरकार ने बैंकों को निर्देश दिया था कि ईएमआई लेट होने पर अतिरिक्त चार्ज न वसूला जाए.

क्या दिवाली को डीए की एक किश्त मिलेगी?

अभी कर्मचारियों का ये भी कहना है कि राज्य सरकार को दिवाली के समय कम से कम एक किश्त डीए की जरूर देनी चाहिए. यदि राज्य सरकार चार फीसदी डीए की किश्त देने पर विचार करती है तो उसे कम से कम 500 करोड़ रुपए की रकम चाहिए. अभी जो सरकार के पास लोन लिमिट बची है वो महज 1617 करोड़ रुपए ही है. इस लिमिट से दिसंबर तक का समय निकालना होगा. दिसंबर से मार्च तक की अवधि के लिए केंद्र सरकार अलग से लोन लिमिट सेंक्शन करती है. ऐसे में सरकार को दिसंबर तक का समय निकालना मुश्किल है. दिवाली इस बार 31 अक्टूबर की है. यदि सरकार दिवाली से पहले चार फीसदी डीए देती है तो उसे कर्ज लेना पड़ेगा. इन सभी बिंदुओं पर प्रधान वित्त सचिव देवेश कुमार वित्त विभाग के अधिकारियों से मीटिंग करेंगे. वहीं, 30 सितंबर को खजाने की एक्चुअल पोजीशन भी सामने आ जाएगी. देखना है कि वित्त विभाग की तरफ से सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के समक्ष खजाने को लेकर क्या रिपोर्ट दी जाती है. वहीं, पहली तारीख को वेतन व पेंशन जारी करने को लेकर अंतिम फैसला सीएम को ही लेना है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल के सरकारी कर्मियों व पेंशनर्स को अगले मंगलवार खाते में वेतन और पेंशन का इंतजार, क्या इस बार पहली तारीख को आएगा सुख का संदेश
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