मंडी: बल्ह के दुर्गापुर गांव में एक परिवार में शादी की खुशियां मातम में बदल गई. बेटे की शादी के लिए घर आए पिता ने अपने इकलौते बेटे की शादी में हर कर्तव्य निभाया, बैंड-बाजे की धुन पर खूब डांस भी किया और फिर उस पिता की मौत से खुशियों वाले घर में मातम पसर गया.
बेटे की शादी और पिता की मौत
54 साल के देवेंद्र कुमार उप तहसील रिवालसर के दुर्गापुर गांव के रहने वाले थे. आईटीबीपी में एएसआई के पद पर कार्यरत देवेंद्र कुमार अपने बेटे की शादी के लिए गांव आए हुए थे. 16, 17 और 18 फरवरी को धूमधाम से बेटे की शादी की. घर पर रिश्तेदार और मेहमानों की रौनक थी. जो 18 फरवरी को देवेंद्र कुमार की मौत के साथ मातम में तब्दील हो गई. 18 फरवरी को शादी समारोह से जुड़े सारे काम करके देवेंद्र कुमार सोने चले गए. तभी अचानक सीने में तेज दर्द की शिकायत के बाद घरवाले उन्हें रिवालसर अस्पताल ले गए. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
देवेंद्र कुमार की आखिरी यादें
बेटे की शादी में बारात तैयार करने से लेकर मेहमानों और गांववालों को धाम खिलाने तक देवेंद्र कुमार ने अपनी हर जिम्मेदारी को निभाया. इकलौते बेटे के दूल्हे बनने की खुशी देवेंद्र कुमार के चेहरे पर उस वक्त सबने देखी जब बैंड बाजे की धुन पर देवेंद्र कुमार नाच रहे थे. अब परिवार और रिश्तेदारों के पास यही उनकी आखिरी यादे हैं. सोमवार को मंडी के नेरचौक मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम के बाद देवेंद्र कुमार का अंतिम संस्कार हुआ. जो परिवार कल तक बेटे की शादी की खुशियों में नाच-गा रहा था, उस आंगन में आज मातम पसरा हुआ है.
दूल्हा बने बेटे ने दी मुखाग्नि
54 साल के देवेंद्र कुमार ITBP में ASI के पद पर तैनात थे. वो इन दिनों त्रिवेंद्रम में तैनात थे और बेटे की शादी के लिए घर आए हुए थे. उनके पैतृक गांव में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. ITBP के जवानों ने अपने साथी को अंतिम सलामी देकर विदा किया. एक दिन पहले दूल्हा बने देवेंद्र कुमार के इकलौते बेटे चेतन ने ही पिता को मुखाग्नि दी.
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