शिमला: इस बार लोकसभा चुनाव में छोटे राज्य हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट सबकी चर्चा का केंद्र है. छोटी काशी के नाम से मंडी विख्यात है. यहां से भाजपा ने बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत को मैदान में उतारा तो कांग्रेस ने छह बार के सीएम स्व. वीरभद्र सिंह के बेटे और युवा कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह को टिकट दिया. शनिवार को मतदान संपन्न हुआ और इसी के साथ बुशहर रियासत के मुखिया यानी किंग विक्रमादित्य सिंह और बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया.
छोटी काशी के मतदाताओं का स्नेह और समर्थन किसे हासिल होगा और शनिदेव चार जून मंगलवार को किसका मंगल करेंगे, इस पर सभी की नजरें रहेंगी. मंडी जिले की नौ सीटों में मतदान को दोनों ही प्रत्याशियों के समर्थक अपने हक में मान कर चल रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के निर्वाचन क्षेत्र सिराज में अच्छा मत प्रतिशत देखने को मिला है, उससे भाजपा समर्थक उत्साहित हैं. हालांकि वर्ष 2019 के चुनाव से मंडी का मत प्रतिशत थोड़ा कम है, लेकिन दोनों ही दल इसे अपने पक्ष में मान कर चल रहे हैं. इस बार मंडी में 72.32 फीसदी मतदान हुआ है. ये पिछली बार से सवा फीसदी कम है. वर्ष 2019 में मतदान प्रतिशत 73.60 रहा था.
पीएम मोदी और पूर्व सीएम जयराम की नाक का सवाल
मंडी लोकसभा सीट पीएम नरेंद्र मोदी और पूर्व सीएम जयराम ठाकुर की नाक का सवाल है. विधानसभा चुनाव में मंडी की दस में से नौ सीटों पर भाजपा को विजय मिली थी. इस बार भी सिराज से भाजपा को अच्छी-खासी लीड की उम्मीद है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने यहां खूब मेहनत की है. जयराम ठाकुर 2022 में अपना चुनाव प्रदेश में सबसे अधिक लीड के साथ जीते थे. इसके अलावा मंडी की नौ सीटों पर भी भाजपा को जीत मिली थी.
पीएम नरेंद्र मोदी ने यहां कंगना के समर्थन में रैली की थी. रैली में भारी उमड़ी भीड़ से पीएम भी खुश दिखाई दिए थे. उस रैली ने कंगना के प्रचार को धार दी थी. उसके बाद जयराम ठाकुर निरंतर मंडी में सक्रिय रहे. जयराम ठाकुर पर 2022 की परफार्मेंस दोहराने का भी दबाव था. अब चार जून को ईवीएम खुलने पर ही पता चलेगा कि मंडी ने जयराम ठाकुर को कितना समर्थन दिया है. दूसरे शब्दों में जयराम ठाकुर के गृह जिले में कंगना रनौत को जनता ने कितना गले लगाया है.
वोटिंग में शिखर पर सिराज
मंडी संसदीय क्षेत्र की बात करें तो यहां सिराज विधानसभा क्षेत्र से बंपर वोटिंग हुई है. यहां पर 78.28 फीसदी मतदान हुआ है. इसके अलावा मंडी सदर सीट पर 73.98 फीसदी, करसोग में 73.41, सुंदरनगर में 74.65, नाचन में 77.47, द्रंग में 74.13 फीसदी, जोगिंदर नगर में 68.15, सरकाघाट में 66.83, बल्ह में 76.87 फीसदी मतदान हुआ. वहीं, मंडी संसदीय क्षेत्र के तहत कुल्लू के आनी निर्वाचन क्षेत्र में 73.12, बंजार में 71.42, कुल्लू में 72.04, मनाली में 67.42 प्रतिशत मतदान हुआ. लाहौल-स्पीति में 74.09, भरमौर में 63.14, किन्नौर में 71.44 व रामपुर में 74.03 फीसदी मतदान हुआ. ऐसे में कंगना को सिराज तो विक्रमादित्य को रामपुर से उम्मीद है. रामपुर में भी अच्छा-खासा मतदान हुआ है. यहां 74.03 प्रतिशत मतदान होने से विक्रमादित्य सिंह समर्थकों को आस है कि ये मतदान उनके पक्ष में होगा.
कंगना ने खुद को बताया हिमाचल की बेटी
कंगना रनौत का टिकट बहुत पहले फाइनल हो गया था. भाजपा ने 24 मार्च को टिकट घोषित किया था. वहीं, विक्रमादित्य सिंह को 13 अप्रैल को टिकट का ऐलान हुआ था. कंगना ने प्रचार में खूब समय बिताया. उन्होंने मंडयाली बोली में आम जनता से भावुक संवाद किया. हालांकि उन्होंने विक्रमादित्य सिंह पर करारे हमले भी किए और एकबारगी तो प्रचार निजी हमलों तक पहुंच गया था. कांग्रेस ने कंगना को बीफ विवाद पर घेरने का प्रयास किया. विक्रमादित्य सिंह को प्रदेश में अपनी ही पार्टी की सरकार का सहारा है. साथ ही वीरभद्र सिंह परिवार का निजी वोट बैंक भी कांग्रेस के लिए उम्मीद की किरण है. यहां से वीरभद्र सिंह व प्रतिभा सिंह सांसद रह चुके हैं. कंगना और विक्रमादित्य सिंह, दोनों का ये पहला चुनाव है. कंगना को पीएम नरेंद्र मोदी के मैजिक व राम लहर से उम्मीद है. उन्होंने अपना प्रचार भी पीएम मोदी के नाम व काम पर फोकस किया था. कंगना के समर्थन में योगी आदित्यनाथ की कुल्लू वाली रैली भी प्रभावशाली मानी जा रही है. खैर, अब क्वीन व किंग का भाग्य ईवीएम में कैद है और शनिवार को हुए मतदान का परिणाम मंगलवार को निकलेगा. देखना होगा कि शनि और मंगल की ये सियासी युति क्या परिणाम लेकर आएगी.