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कर्मचारियों का तंज, "मंत्री बनने लायक नहीं थे राजेश धर्माणी, सीएम सुक्खू को मजबूरी में कैबिनेट में लेना पड़ा" - SHIMLA EMPLOYEES TARGETS DHARMANI

Shimla Employees Targets Minister Rajesh Dharmani डीए और एरियर न मिलने से पहले ही कर्मचारी सुक्खू सरकार से नाराज चल रहे थे. वहीं, कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी के बयान पर कर्मचारी का गुस्सा फूट पड़ा. आज शिमला में एम्पलाईज यूनियन के नेताओं ने राजेश धर्माणी को जमकर निशाने पर लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सीएम सुक्खू को मजबूरी में राजेश धर्माणी को कैबिनेट मंत्री बनाना पड़ा. जबकि धर्माणी मंत्री बनने लायक नहीं थे.

कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी पर कर्मचारियों का फूटा गुस्सा
कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी पर कर्मचारियों का फूटा गुस्सा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 23, 2024, 5:30 PM IST

Updated : Aug 23, 2024, 7:22 PM IST

कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी पर कर्मचारियों का फूटा गुस्सा (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल में डीए और एरियर की मांग को लेकर सचिवालय के प्रांगण में कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों को संबोधित करते हुए एम्पलाईज यूनियन के नेताओं ने सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी पर जमकर अपनी भड़ास निकाली है. कर्मचारी यूनियन के नेताओं ने तो यहा तक कह दिया कि राजेश धर्माणी मंत्री बनने लायक नहीं थे, लेकिन सीएम सुक्खू को मजबूरी में उन्हें कैबिनेट में लेना पड़ा.

कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी के खिलाफ कर्मचारियों ने खोला मोर्चा
कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी के खिलाफ कर्मचारियों ने खोला मोर्चा (ETV Bharat)

डीए और छठे वेतन आयोग का संशोधित एरियर का भुगतान न किए जाने से पहले ही कर्मचारी और सुक्खू सरकार आमने सामने है. इस बीच तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी के शिमला में दिए गए "हमारे पास सीमित विकल्प हैं. कर्मचारियों को वर्तमान में जो लाभ मिल रहे हैं, अगर वह चाहते हैं कि उन्हें यह लाभ मिलते रहें तो उन्हें सरकार के साथ खड़ा होना पड़ेगा" बयान ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है.

शुक्रवार को सचिवालय के आर्म्सडेल भवन के प्रांगण में हुए जरनल हाउस में कर्मचारियों का कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी पर पूरा गुबार उतरा. कर्मचारी नेताओं ने तंज कसते हुए कहा, "राजेश धर्माणी तो मंत्री बनने लायक नहीं थे, ये तो सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को मजबूरी में राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कहने पर कैबिनेट में लेना पड़ा".

'सुक्खू के आगे पीछे घूमते थे धर्माणी': हिमाचल प्रदेश सचिवालय परिसंघ के चेयरमैन संजीव शर्मा ने कर्मचारियों को संबोधित किया. इस दौरान संजीव शर्मा ने कहा कि राजेश धर्माणी मंत्री बनने लायक नहीं थे. साल 2012 में जब कांग्रेस की सरकार बनी थी तो उस दौरान प्रेशर डालकर राजेश धर्माणी सीपीएस बने थे, लेकिन उन्हें लगा कि इस पद से तो कोई फायदा नहीं है तो उन्होंने मंत्री न बनाए जाने के विरोध में पद से इस्तीफा दे दिया. राजनीति का संस्थान रहे वीरभद्र सिंह ने राजेश धर्माणी को मंत्री नहीं बनाया. अब फिर से कांग्रेस सत्ता में आई तो धर्माणी को लगा कि सुक्खू सीएम बनने वाले हैं तो उनके आगे पीछे चक्कर काटने शुरू कर दिए, लेकिन सुक्खू को भी पता था कि राजेश धर्माणी मंत्री बनने लायक नहीं है. लेकिन सीएम सुक्खू को मजबूरी में धर्माणी को मंत्री बनाना पड़ा. आज सुक्खू को बता चला है कि जिनको मैने मंत्री बनाया है, उन्होंने मेरी सरकार की क्या हालत कर दी है?

डीए और एरियर की मांग लेकर कर्मचारियों का हल्ला बोल
डीए और एरियर की मांग लेकर कर्मचारियों का हल्ला बोल (ETV Bharat)

कर्मचारी नेता ने धर्माणी से पूछे तीन सवाल: हिमाचल प्रदेश सचिवालय परिसंघ के चेयरमैन संजीव शर्मा ने राजेश धर्माणी से तीन सवाल पूछे हैं. उन्होंने पूछा कि राजेश धर्माणी बताए कि क्या उनका टेलीफोन का खर्चा 20 हजार रूपये महीना है. उनके पास ऐसा कौन सा नेटवर्क है, जिसका खर्चा 20 हजार आता है. उन्होंने ने दूसरा सवाल किया कि आप जो 95 हजार का सत्कार भत्ता लेते हैं, क्या आप अपने विधानसभा क्षेत्र में जनता को शॉल टोपी पहनाकर स्वागत करते हैं? उन्होंने कहा कि जब आप विधानसभा क्षेत्र की जनता को शॉल टोपी नहीं पहनाते हैं तो आपको वो पैसा वापस नहीं करना चाहिए?

संजीव शर्मा ने तीसरा सवाल पूछा कि मंत्री जो आने कार्यालय को चमकाने में 50-50 लाख खर्च कर रहे हैं. इस पर आपका क्या जवाब है? उन्होंने कहा कि इन तीन सवालों का जवाब प्रदेश के कर्मचारी पूछते हैं? इस दौरान संजीव शर्मा ने राजेश धर्माणी को ललकार दी कि अगर उनमें दम है तो अपने घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर किसी अन्य विधानसभा क्षेत्र से कर्मचारी के खिलाफ चुनाव लड़कर दिखाए.

ये भी पढ़ें: "धर्माणी 5 लाख कर्मचारी और पेंशनरों को दे रहे धमकी, क्या ये पाकिस्तान है, हम अपना DA-एरियर लेकर रहेंगे"

कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी पर कर्मचारियों का फूटा गुस्सा (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल में डीए और एरियर की मांग को लेकर सचिवालय के प्रांगण में कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों को संबोधित करते हुए एम्पलाईज यूनियन के नेताओं ने सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी पर जमकर अपनी भड़ास निकाली है. कर्मचारी यूनियन के नेताओं ने तो यहा तक कह दिया कि राजेश धर्माणी मंत्री बनने लायक नहीं थे, लेकिन सीएम सुक्खू को मजबूरी में उन्हें कैबिनेट में लेना पड़ा.

कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी के खिलाफ कर्मचारियों ने खोला मोर्चा
कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी के खिलाफ कर्मचारियों ने खोला मोर्चा (ETV Bharat)

डीए और छठे वेतन आयोग का संशोधित एरियर का भुगतान न किए जाने से पहले ही कर्मचारी और सुक्खू सरकार आमने सामने है. इस बीच तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी के शिमला में दिए गए "हमारे पास सीमित विकल्प हैं. कर्मचारियों को वर्तमान में जो लाभ मिल रहे हैं, अगर वह चाहते हैं कि उन्हें यह लाभ मिलते रहें तो उन्हें सरकार के साथ खड़ा होना पड़ेगा" बयान ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है.

शुक्रवार को सचिवालय के आर्म्सडेल भवन के प्रांगण में हुए जरनल हाउस में कर्मचारियों का कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी पर पूरा गुबार उतरा. कर्मचारी नेताओं ने तंज कसते हुए कहा, "राजेश धर्माणी तो मंत्री बनने लायक नहीं थे, ये तो सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को मजबूरी में राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कहने पर कैबिनेट में लेना पड़ा".

'सुक्खू के आगे पीछे घूमते थे धर्माणी': हिमाचल प्रदेश सचिवालय परिसंघ के चेयरमैन संजीव शर्मा ने कर्मचारियों को संबोधित किया. इस दौरान संजीव शर्मा ने कहा कि राजेश धर्माणी मंत्री बनने लायक नहीं थे. साल 2012 में जब कांग्रेस की सरकार बनी थी तो उस दौरान प्रेशर डालकर राजेश धर्माणी सीपीएस बने थे, लेकिन उन्हें लगा कि इस पद से तो कोई फायदा नहीं है तो उन्होंने मंत्री न बनाए जाने के विरोध में पद से इस्तीफा दे दिया. राजनीति का संस्थान रहे वीरभद्र सिंह ने राजेश धर्माणी को मंत्री नहीं बनाया. अब फिर से कांग्रेस सत्ता में आई तो धर्माणी को लगा कि सुक्खू सीएम बनने वाले हैं तो उनके आगे पीछे चक्कर काटने शुरू कर दिए, लेकिन सुक्खू को भी पता था कि राजेश धर्माणी मंत्री बनने लायक नहीं है. लेकिन सीएम सुक्खू को मजबूरी में धर्माणी को मंत्री बनाना पड़ा. आज सुक्खू को बता चला है कि जिनको मैने मंत्री बनाया है, उन्होंने मेरी सरकार की क्या हालत कर दी है?

डीए और एरियर की मांग लेकर कर्मचारियों का हल्ला बोल
डीए और एरियर की मांग लेकर कर्मचारियों का हल्ला बोल (ETV Bharat)

कर्मचारी नेता ने धर्माणी से पूछे तीन सवाल: हिमाचल प्रदेश सचिवालय परिसंघ के चेयरमैन संजीव शर्मा ने राजेश धर्माणी से तीन सवाल पूछे हैं. उन्होंने पूछा कि राजेश धर्माणी बताए कि क्या उनका टेलीफोन का खर्चा 20 हजार रूपये महीना है. उनके पास ऐसा कौन सा नेटवर्क है, जिसका खर्चा 20 हजार आता है. उन्होंने ने दूसरा सवाल किया कि आप जो 95 हजार का सत्कार भत्ता लेते हैं, क्या आप अपने विधानसभा क्षेत्र में जनता को शॉल टोपी पहनाकर स्वागत करते हैं? उन्होंने कहा कि जब आप विधानसभा क्षेत्र की जनता को शॉल टोपी नहीं पहनाते हैं तो आपको वो पैसा वापस नहीं करना चाहिए?

संजीव शर्मा ने तीसरा सवाल पूछा कि मंत्री जो आने कार्यालय को चमकाने में 50-50 लाख खर्च कर रहे हैं. इस पर आपका क्या जवाब है? उन्होंने कहा कि इन तीन सवालों का जवाब प्रदेश के कर्मचारी पूछते हैं? इस दौरान संजीव शर्मा ने राजेश धर्माणी को ललकार दी कि अगर उनमें दम है तो अपने घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर किसी अन्य विधानसभा क्षेत्र से कर्मचारी के खिलाफ चुनाव लड़कर दिखाए.

ये भी पढ़ें: "धर्माणी 5 लाख कर्मचारी और पेंशनरों को दे रहे धमकी, क्या ये पाकिस्तान है, हम अपना DA-एरियर लेकर रहेंगे"

Last Updated : Aug 23, 2024, 7:22 PM IST
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