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बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने दी चेतावनी, कहा- ट्रांसमिशन विंग को अलग करने पर सरकार को भुगतना होगा खामियाजा

कुल्लू में बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने सुक्खू सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. उन्होंने सरकार को ट्रांसमिशन विंग अलग करने पर खामियाजा भुगतने की चेतावनी दी.

बिजली बोर्ड कर्मचारियों का प्रदर्शन
बिजली बोर्ड कर्मचारियों का प्रदर्शन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 7, 2024, 4:59 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर के अटल सदन में हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड एम्पलाइज ज्वाइंट फ्रंट की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक की अध्यक्षता बिजली बोर्ड ज्वाइंट फ्रंट के को-कन्वीनर ने की इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी. कर्मचारियों ने कहा अगर बिजली बोर्ड के ट्रांसमिशन विंग को अलग किया गया को सरकार को इसका खामियाजा भुगतना होगा.

वहीं, प्रदेश सरकार के विरोध में सैकड़ों कर्मचारियों ने अटल सदन से लेकर डीसी कार्यालय के बाहर भी रोष रैली निकाली गई. जिसमें सभी कर्मचारियों ने सरकार की गलत नीतियों का नारे लगाकर विरोध किया. इस दौरान कर्मचारियों ने कहा, "हिमाचल प्रदेश में बिजली बोर्ड कर्मचारियों की मेहनत से तैयार हुआ है और आज प्रदेश सरकार इस बोर्ड को कमजोर करने में जुटी हुई है. लेकिन प्रदेश सरकार इस तरह का कदम उठाने से पहले एक बार जरूर सोचे. वरना उन्हें प्रदेश के हजारों कर्मचारी और सेवानिवृत कर्मचारियों के रोष का सामना करना पड़ेगा".

बिजली बोर्ड ज्वाइंट फ्रंट के को-कन्वीनर हीरा लाल वर्मा ने कहा, "आज शिमला में प्रदेश सरकार द्वारा केंद्रीय मंत्री के साथ बैठक की जा रही है और यह चर्चा भी सामने आई है कि हिमाचल बिजली बोर्ड का ट्रांसमिशन विंग अब किसी निजी कंपनी को सौंप जा रहा है. ऐसे में सरकार जो यह फैसला ले रखी है. यह पूरी तरह से गलत है. बिजली बोर्ड के कई विंग है, जिनमें बिजली उत्पादन, संचालन और ट्रांसमिशन भी है. पहले ही प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने बिजली बोर्ड के कर्मचारियों के साथ अन्याय किया है. जिसमें बिजली बोर्ड में आउटसोर्स के कर्मचारियों को बाहर निकाला गया और कई अभियंता के पदों को भी खत्म किया गया".

हीरा लाल वर्मा ने कहा, "ओपीएस का लाभ भी बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को नहीं मिल पाया है. ऐसे में अब सरकार द्वारा ट्रांसमिशन विंग को निजी कंपनी को सौंपने की तैयारी कर रही है. जो बिल्कुल भी सही नहीं है. अगर जल्द ही सरकार द्वारा बिजली बोर्ड के विरोध में लिए जा रहे फैसलों को नहीं बदल गया तो पूरे प्रदेश में कर्मचारी सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे".

ये भी पढ़ें: मोदी सरकार से 9000 करोड़ मांग रहा हिमाचल, लेकिन वित्त मंत्रालय लगा रहा शर्तें, अब टूट रही सुक्खू सरकार की आस

कुल्लू: जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर के अटल सदन में हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड एम्पलाइज ज्वाइंट फ्रंट की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक की अध्यक्षता बिजली बोर्ड ज्वाइंट फ्रंट के को-कन्वीनर ने की इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी. कर्मचारियों ने कहा अगर बिजली बोर्ड के ट्रांसमिशन विंग को अलग किया गया को सरकार को इसका खामियाजा भुगतना होगा.

वहीं, प्रदेश सरकार के विरोध में सैकड़ों कर्मचारियों ने अटल सदन से लेकर डीसी कार्यालय के बाहर भी रोष रैली निकाली गई. जिसमें सभी कर्मचारियों ने सरकार की गलत नीतियों का नारे लगाकर विरोध किया. इस दौरान कर्मचारियों ने कहा, "हिमाचल प्रदेश में बिजली बोर्ड कर्मचारियों की मेहनत से तैयार हुआ है और आज प्रदेश सरकार इस बोर्ड को कमजोर करने में जुटी हुई है. लेकिन प्रदेश सरकार इस तरह का कदम उठाने से पहले एक बार जरूर सोचे. वरना उन्हें प्रदेश के हजारों कर्मचारी और सेवानिवृत कर्मचारियों के रोष का सामना करना पड़ेगा".

बिजली बोर्ड ज्वाइंट फ्रंट के को-कन्वीनर हीरा लाल वर्मा ने कहा, "आज शिमला में प्रदेश सरकार द्वारा केंद्रीय मंत्री के साथ बैठक की जा रही है और यह चर्चा भी सामने आई है कि हिमाचल बिजली बोर्ड का ट्रांसमिशन विंग अब किसी निजी कंपनी को सौंप जा रहा है. ऐसे में सरकार जो यह फैसला ले रखी है. यह पूरी तरह से गलत है. बिजली बोर्ड के कई विंग है, जिनमें बिजली उत्पादन, संचालन और ट्रांसमिशन भी है. पहले ही प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने बिजली बोर्ड के कर्मचारियों के साथ अन्याय किया है. जिसमें बिजली बोर्ड में आउटसोर्स के कर्मचारियों को बाहर निकाला गया और कई अभियंता के पदों को भी खत्म किया गया".

हीरा लाल वर्मा ने कहा, "ओपीएस का लाभ भी बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को नहीं मिल पाया है. ऐसे में अब सरकार द्वारा ट्रांसमिशन विंग को निजी कंपनी को सौंपने की तैयारी कर रही है. जो बिल्कुल भी सही नहीं है. अगर जल्द ही सरकार द्वारा बिजली बोर्ड के विरोध में लिए जा रहे फैसलों को नहीं बदल गया तो पूरे प्रदेश में कर्मचारी सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे".

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