शिमला: हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सरकार एक बार फिर से कर्मचारियों के निशाने पर आ गई है. बिजली बोर्ड के विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालयों में सहायक अभियंता से लेकर अधीक्षण अभियंता के 51 पद समाप्त करने पर कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसको लेकर शुक्रवार को बिजली बोर्ड के संयुक्त मोर्चा के विभिन्न घटकों की एक आपातकालीन बैठक आयोजित हुई. जिसमें बिजली बोर्ड के कर्मचारियों और इंजीनियरों ने सरकार के निर्णय का कड़ा विरोध करते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए. इसको लेकर हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड के चेयरमैन को लिखित तौर पर अवगत किया गया है. ऐसे में त्योहारी सीजन में आम जनता की दिक्कतें भी बढ़ने वाली हैं.
सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर जाएंगे कर्मचारी: हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के संयोजक लोकेश ठाकुर ने कहा, "अगर सरकार 28 अक्टूबर से पहले अपने आदेशों को वापस नहीं लिया तो सभी कर्मचारी और इंजीनियर सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर चलें जाएंगे. 16 अक्टूबर को जारी अधिसूचना के माध्यम से सरकार ने विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालयों में 51 पदों को एकतरफा समाप्त करने के आदेश जारी किए हैं. जिससे एचपीएसईबीएल के कर्मचारियों और इंजीनियरों में भारी रोष है. सरकार के सामने बार-बार मामला उठाए जाने के बाद भी कर्मचारियों की सुनवाई नहीं हो रही है. ऐसे में कर्मचारी यूनियन की आपातकालीन बैठक में इस तरह के निर्णयों को लेने के लिए मजबूर होना पड़ा".
मोबाइल पर नहीं सुनी जाएंगी शिकायतें: हिमाचल सरकार की ओर से बिजली बोर्ड में खत्म किए पदों को लेकर कर्मचारी और इंजीनियर गुस्से में हैं. बिजली बोर्ड के संयुक्त मोर्चा की दलीलों के बाद भी सरकार ने आखिर पदों को समाप्त करने का निर्णय लिया है. बिजली बोर्ड के सभी कर्मचारियों ने वर्क टू रूल के तहत ही काम करेंगे. ऐसे में अब शाम 6 बजे से सुबह 9 बजे तक रोजाना मोबाइल बंद रखने का निर्णय लिया है. यही नहीं कर्मचारी अब व्हाट्सएप का उपयोग भी नहीं करेंगे. ऐसे में प्रदेश भर में अब शाम 6 बजे से अगली सुबह 9 बजे तक लोगों की बिजली से संबंधित शिकायतों को नहीं सुना जाएगा. अब कर्मचारी केवल दिन में 9 बजे से शाम 6 बजे तक की कार्य करेंगे. इसके अतिरिक्त रात के समय लोगों को सेवाएं नहीं दी जाएगी. जिससे अब आम जनता की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. इसी तरह से प्रदेश में इन दिनों मोबाइल ऐप (ई-केवाईसी) के माध्यम से घरेलू उपभोक्ताओं और होटलों का सर्वेक्षण का कार्य चला है. लेकिन बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने अब सर्वेक्षण के कार्य बंद करने का निर्णय लिया है.
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