शिमला: हिमाचल में राशन कार्ड की ई-केवाईसी न करने की लापरवाही लाखों राशन कार्ड धारकों पर महंगी पड़ गई है. प्रदेश में ई केवाईसी करने के लिए उपभोक्ताओं को हर हाल में 31 दिसंबर तक अल्टीमेटम दिया गया था, लेकिन इसके बाद भी बहुत से राशन कार्ड कार्ड धारकों ने विभाग के चेतावनी को हल्के में लेते हुए ई-केवाईसी नहीं कराई है.
जिसके बाद खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने सख्ती दिखाते हुए ऐसे सभी राशन कार्ड को अस्थाई तौर पर ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरु कर दी हैं. इसके बाद अब तक प्रदेशभर में 2.65 लाख से अधिक राशन कार्ड को ब्लॉक किया गया है. ये प्रक्रिया अभी जारी हैं. वहीं, डिपुओं में सस्ता राशन का कोटा न मिलने के बाद से बहुत से राशनकार्ड धारकों ने ई-केवाईसी करानी शुरू कर दी है.
ऐसे सभी उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर ये है कि इनका जनवरी महीने न मिलने वाला राशन का कोटा लेप्स नहीं होगा. ई-केवाईसी करने के बाद अगले महीने डिपुओं में इन परिवारों को अगले महीने यानी फरवरी में एक साथ दो महीने का राशन दिया जाएगा. इस बारे में सभी जिला नियंत्रकों को आदेश जारी किए जा रहे हैं.
बेटी की शादी होने, किसी सदस्य की मृत्यु होने पर कटेगा नाम
ई-केवाईसी का मुख्य उद्देश्य ये सुनिश्चित करना है कि केवल राशन कार्ड में दर्ज वास्तविक सदस्य को ही सस्ते राशन की सुविधा का लाभ मिले. लेकिन देखा ये गया है कि बहुत से परिवारों के राशन कार्ड की स्थिति बेटी शादी होने और किसी सदस्य के निधन होने के बाद बदल चुकी है, लेकिन कार्ड में नाम दर्ज होने से ऐसे सदस्यों के नाम पर भी राशन लिया जा रहा है.
इसलिए राशन कार्ड में दर्ज हर सदस्य की ई-केवाईसी की जा रही है. ताकि राशन कार्ड में दर्ज ऐसे सदस्यों के नामों को हटाए जा सके और वास्तविक लाभार्थियों को ही राशन उपलब्ध हो सके. ऐसे में अगर राशन कार्ड में दर्ज किसी सदस्य की मृत्यु हो चुकी है तो ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित पंचायत के सचिव के पास डेथ सर्टिफिकेट लगाकर राशन कार्ड में दर्ज ऐसे व्यक्ति के नाम को को काटने के लिए आवेदन किया जा सकता है. इसके अतिरिक्त शहरी क्षेत्रों में संबंधित फूड इंस्पेक्टर को व्यक्ति का डेथ सर्टिफिकेट लगाकर आवेदन कर व्यक्ति का नाम राशन कार्ड से हटाया जा सकता है.
वहीं, ग्रामीण परिवार में बेटी की शादी होने पर माइका और ससुराल पक्ष के राशन कार्ड लगाकर संबंधित पंचायत सचिव को आवेदन कर मायका पक्ष से नाम हटाकर ससुराल के राशन कार्ड में दर्ज कराया जा सकता है. शहरी क्षेत्रों में इस प्रक्रिया को संबंधित इंस्पेक्टर को आवेदन कर पूरा किया जा सकता है.
ई-केवाईसी इसलिए जरूरी
ई-केवाईसी का मुख्य उद्देश्य ये सुनिश्चित करना है कि केवल वास्तविक परिवारों को ही सस्ते राशन की सुविधा का लाभ मिले. ये देखा गया है कि बहुत से परिवारों के राशन कार्ड में दर्ज सदस्यों की स्थिति बेटी के विवाह होने और किसी सदस्य के निधन होने से बदल चुकी है, लेकिन ऐसे सदस्यों के नाम पर अभी भी राशन कार्ड से नहीं कटे हैं. इसलिए इन लोगों के नाम राशन कार्ड से हटाने के लिए ई-केवाईसी काफी आवश्यक है. ताकि वास्तविक लाभार्थियों को ही राशन उपलब्ध हो सके. इस तरह राशन कार्ड में दर्ज सदस्यों की जानकारी को अपडेट करने के लिए ई-केवाईसी करवाई जा रही है.
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त निदेशक सुरेन्द्र सिंह राठौर ने कहा, "जिन उपभोक्ताओं के राशन कार्डों को अस्थायी तौर पर ब्लॉक किया गया हैं. ऐसे उपभोक्ताओं को ई-केवाईसी कराने के बाद अगले महीने का राशन बैकलॉग कोटे के साथ दिया जाएगा".
ये भी पढ़ें: हिमाचल में घर-घर जाकर होगी राशन कार्डों की ई-केवाईसी, बुजुर्गों और दिव्यांगों को मिलेगी बड़ी राहत