शिमला: हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने दो टूक कह दिया है कि प्रदेश में उद्घाटन और शिलान्यास पट्टिकाओं पर पूर्व विधायकों का नाम नहीं लिखा जाएगा. दरअसल द्रंग से विधायक पूर्णचंद ठाकुर के एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने ये साफ कर दिया है.
'ये परंपरा नहीं बननी चाहिए'
दरअसल द्रंग से विधायक पूर्ण चंद्र ठाकुर ने सवाल पूछा था कि अगर उनकी विधानसभा में 1 जनवरी 2023 के बाद विकास योजनाओं की उद्घाटन या शिलान्यास पट्टिकाओं पर पूर्व विधायकों के नाम लिखे जा रहे हैं तो ये किन नियमों के तहत लिखे जा रहे हैं. साथ ही विधायक ने पूछा था कि अगर ऐसा कोई नियम नहीं है तो इन पट्टिकाओं पर पूर्व विधायक का नाम लिखने वाले अधिकारियों पर क्या एक्शन लिया गया. जिसका जवाब मुख्यमंत्री ने दिया था.
"प्रदेश में उद्घाटन व शिलान्यास पट्टिकाओं में पूर्व विधायकों का नाम अंकित नहीं होगा. अगर पूर्व विधायकों का नाम पट्टिकाओं पर अंकित होता रहेगा तो यह परंपरा चलती रहेगी. इस तरह की परंपरा को खत्म करना होगा" - सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री
द्रंग से पूर्व विधायक कांग्रेस के कौल सिंह ठाकुर हैं, जिन्हें लेकर मौजूदा विधायक ने सवाल उठाया था. मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि कौल सिंह सम्मानित सदस्य रहे हैं, कई जगह हमें कुछ स्थिति को स्पष्ट करने की जरूरत है. जो चुने हुए विधायक होते हैं, वो चाहे सत्ता पक्ष के हैं या विपक्ष के, वे सदन में अपनी बात रखते हैं. जो चुने हुए नहीं है, अगर पट्टिकाओं पर उनका नाम होता है तो इस तरह की परंपरा को खत्म करना होगा.
"आगे से केवल विधायकों और मानदेय लेने वाले सरकारी ओहदे पर नियुक्त व्यक्तियों का नाम ही उद्घाटन व शिलान्यास पट्टिकाओं पर अंकित होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बारे में सरकार आदेश जारी करेगी और इनका उल्लंघन करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी."- सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री
"पूर्व विधायकों की पुरानी पट्टिकाओं का क्या होगा"
प्रश्न काल में पट्टिकाओं पर नाम को लेकर सवाल उठे तो बीजेपी विधायक राकेश जम्वाल ने सदन से पूछा कि "जहां पूर्व विधायकों की पुरानी पट्टिका लगी है, क्या उनको हटाया जाएगा". इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस बारे में अगर कोई लिखकर देगा तो उस पर विचार किया जाएगा.
वहीं नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि यह भावनाओं से जुड़ा हुआ है. नेता विपक्ष ने अपने बगस्याड स्कूल का मामला उठाया और कहा कि "मैं इस स्कूल में पढ़ा हूं. स्थानीय विधायक होने के नाते पीटीए की मीटिंग में उनको बुलाया गया था लेकिन इस पर वहां से शिक्षकों की ट्रांसफर कर दी गई. ओकओवर के संवाद कक्ष और लिफ्ट में उनके नाम की पट्टिकाएं लगी थीं, जिनको हटा दिया गया. अधिकारियों पर दबाव डालकर चुने हुए प्रतिनिधियों को अपमानित करने का कार्य नहीं रुका, जो कि सही नहीं है."
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस पर कहा कि "इस बारे में निर्देश जारी किए जाएंगे और इसका उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. ओक ओवर में जयराम ठाकुर के नाम की पट्टिका हटाने की जानकारी मुझे नहीं है. अगर ऐसा हुआ है तो इसको दोबारा लगाया जाएगा."
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