शिमला: हिमाचल की राजधानी शिमला के सबसे बड़े उपनगर संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण का मामला सामने आने के बाद से प्रदेशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से बाहरी राज्यों से आकर कारोबार कर रहे लोगों के पंजीकरण की मांग उठी थी. जिसके बाद सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्री ने विधानसभा में स्ट्रीट वेंडर्स के लिए नीति बनाने की बात कही थी. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी इस पर सहमति जताई थी.
स्ट्रीट वेंडर पर पॉलिसी के लिए बनी है कमेटी
विधानसभा के मानसून सेशन के दौरान स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इस कमेटी के गठन को लेकर निर्देश दिए थे. स्पीकर कुलदीप पठानिया ने कमेटी का गठन किया है, जिसमें सात सदस्यीय कमेटी की अगुवाई उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान करेंगे. इस कमेटी के गठन के बाद शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी शिमला शहर के विधायक हरीश जनारथा, नगर निगम मेयर सुरेंद्र चौहान, शिमला व्यापार मंडल व शहर की स्ट्रीट वेंडर्स एसोसिएशन के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की थी.
जिसमें विक्रमादित्य सिंह ने नगर निगम को तहबाजारियों की पहचान करके, शहर में स्ट्रीट वेंडर जोन चिन्हित व स्ट्रीट वेंडर्स के लिए ब्लू लाइन लगाने के निर्देश दिए थे. जिसके लिए वेंडिंग के लिए जोनिंग और ब्लू लाइन का कार्य पूरा करने के लिए नगर निगम आयुक्त को 30 दिसंबर की डेडलाइन दी गई है. इसी के साथ विक्रमादित्य सिंह ने अब हिमाचल में हर भोजनालय और फास्ट फूड रेड़ी पर ओनर को अपनी ID लगाने के निर्देश जारी किए हैं. ताकि लोगों को किसी भी तरीके की कोई परेशानी न हो. इसको लेकर विक्रमादित्य सिंह ने अपने सोशल मीडिया के फेसबुक पेज पर एक पोस्ट शेयर की है.
"उत्तर प्रदेश में भी रेहड़ी फड़ी वालों के लिए ये मेंडेटरी किया गया है कि अपना नाम और आईडी लगाना होगा. हमने भी यहां पर मजबूती से लागू करने का निर्णय लिया है. जो भी दुकान या रेहड़ी फड़ी लगाता है तो उसे अपना आईडी, क्लीयर आइडेंटिफिकेशन करना होगा. वैसे भी स्ट्रीट वेंडिंग कमेटी बन चुकी है. उन्हें आईडी दिया जाएगा और उन्हें ये डिस्प्ले करना होगा ताकि आने वाले समय में कोई भी समस्या आती है तो पारदर्शिता से कार्रवाई की जा सके."- विक्रमादित्य सिंह
छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल तहत मशहूर पर्यटन स्थलों की खूबसूरती को निहारने के लिए हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं. ऐसे में बाहरी राज्यों से भी बड़ी संख्या में लोगों रोजी रोटी की तलाश में शिमला सहित अन्य प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में आकर अपना भोजनालय और फास्ट फूड की रेहड़ी लगाकर कमाई कर रहे है. इसको देखते हुई शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पारदर्शिता और सार्वजनिक सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेश भर में सभी खाद्य प्रतिष्ठानों में मालिकों को अपनी पहचान नाम और पते के साथ प्रदर्शित करने के निर्देश जारी किए हैं. ताकि ये पता चल सके कि ओनर कौन से राज्य और किस समाज से संबंध रखता है. इस तरह की पोस्ट विक्रमादित्य सिंह ने अपने सोशल मीडिया पेज पर शेयर की है. जिस पर यूजर की विभिन्न तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.