शिमला: हिमाचल विधानसभा में गुरुवार को बजट पर सामान्य चर्चा के दौरान सतपाल सिंह सत्ती ने सत्ता पक्ष को जमकर घेरा. अपने बेबाक अंदाज से महफिल लूटने के लिए पहचान रखने वाले सत्ती ने चुटीले शब्दों के तीखे बाण चलाकर सत्ता पक्ष को घायल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और तेज तर्रार नेता सतपाल सिंह सत्ती ने न केवल वीरभद्र सिंह की जमकर तारीफ की, बल्कि धर्मांतरण कानून लाने के लिए उन्हें प्रणाम भी किया. सत्ती ने विक्रमादित्य सिंह को श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा वाले समारोह में जाने के लिए धन्यवाद भी किया. भाजपा विधायक सतपाल सत्ती ने कांग्रेस पर तीखे हमले किए. दरअसल, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बजट पर चर्चा में शामिल होते हुए पीएम नरेंद्र मोदी, आरएसएस व भाजपा पर कई कटाक्ष किए थे. सत्ती ने पलटवार करते हुए कहा कि वे तो सामान्य तौर पर अपनी बात कहना चाहते थे, लेकिन सत्ता पक्ष ने छेड़ा है तो जवाब देना पड़ेगा.
ये भी पढ़ें- सुधीर शर्मा ने मंत्री बनने से किया इनकार, कहा- जब किसी को भूख लगती है, तभी उसे खाना देना चाहिए
सतपाल सिंह सत्ती ने अपने संबोधन की शुरुआत तो कर्ज के संदर्भ में की थी. बाद में कांग्रेस को उन्होंने गारंटियों व अन्य मुद्दों पर घेरा. उसके बाद सत्ती ने कैबिनेट मंत्री जगत नेगी के भाषण का संदर्भ लेते हुए कहा कि वे अपने संबोधन में कश्मीर का जिक्र ले आए और नेहरू को श्रेय दिया. लेकिन उसी कश्मीर को बचाने के लिए मेजर सोमनाथ ने बलिदान दिया. सत्ती ने कहा कि जो सत्ता में अधिक समय तक रहता है, उसके पाप भी अधिक होते हैं. सत्ती ने कहा कि कांग्रेस ये कहती है कि राम मंदिर बनाने का श्रेय भाजपा ले रही है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में हमारी सरकारों का बलिदान हुआ.
इसके बाद सतपाल सिंह सत्ती ने कांग्रेस को तीखे शब्दों में घेरना शुरू कर दिया. उन्होंने विक्रमादित्य सिंह को धन्यवाद दिया कि वे राम मंदिर में श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा में गए. सत्ती ने कहा कि विक्रमादित्य सिंह ने दम दिखाया, उन्हें हम धन्यवाद करते हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए विक्रमादित्य सिंह को बधाई देते हैं. यही सुनते ही सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मेज थपथपाकर सत्ती की बातों का समर्थन किया. सत्ती ने तीखे शब्दों में कहा कि जैसे केजरीवाल ने अन्ना हजारे को धोखा दिया, वैसे ही सत्ता के लिए कांग्रेस नाम का खून चूसा गया.
महात्मा गांधी जी ने कहा था कि कांग्रेस को भंग कर दिया जाए, लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई. फिर सत्ती ने अपनी बात का रुख पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की तरफ मोड़ दिया. सत्ती ने विक्रमादित्य सिंह की तरफ देखते हुए कहा कि आपके पिताश्री ने धर्म परिवर्तन से जुड़ा कानून लेकर आए थे. सत्ती ने कहा कि जब वीरभद्र सिंह ये कानून लेकर आए तो आपके राष्ट्रीय नेतृत्व ने उनके साथ क्या किया था. सत्ती ने कहा कि वीरभद्र सिंह किसी की परवाह नहीं करते थे. उन्होंने लड़ाई लडक़र ही सीएम की दो बार सीट ली थी. उसके बाद सत्ती ने कहा कि विक्रमादित्य सिंह ने राम मंदिर जाकर पुण्य कमाया है और आगे आने वाले समय में सभी को राम मंदिर जाना चाहिए.
ये भी पढ़ें- सुधीर को मंत्री बनाने की पैरवी करते दिखे नेता प्रतिपक्ष, सीएम बोले-मंत्री भी बनाएंगे, भविष्य के गर्भ में छिपा है सब