शिमला: हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान बल्क ड्रग पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क को लेकर जोरदार हंगामा हुआ. विपक्ष ने इस मामले में सरकार पर जानबूझकर भेदभाव का आरोप लगाया. वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार अपनी शर्तों पर काम करेगी. बाद में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इस मामले में एक बयान भी जारी किया.
जयराम ठाकुर ने कहा कि उद्योग मंत्री तो ये कह रहे हैं कि बल्क ड्रग पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क पर जो करना है वो जल्दी करना है, वहीं सीएम सुखविंदर सिंह कह रहे हैं कि अपनी शर्तों पर काम करेंगे. प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक बिक्रम ठाकुर के सवाल पर ये सारी गहमागहमी हुई. भाजपा विधायक बिक्रम ठाकुर बल्क ड्रग पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क के वर्तमान स्टेट्स के बारे में जानना चाहते थे. जवाब उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की तरफ से आया.
उद्योग मंत्री ने कहा कि हिमाचल सरकार इन परियोजनाओं पर चरणबद्ध तरीके से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम दौर में इसका शिलान्यास किया था, लेकिन जरूरी औपचारिकताएं पूरी नहीं की थी. उद्योग मंत्री ने कहा कि बल्क ड्रग पार्क के लिए एनवायरमेंट क्लीयरेंस के लिए डॉक्यूमेंट जमा करवा दिए गए हैं. इस संदर्भ में अब मार्च महीने में जनसुनवाई होनी है.
उन्होंने कहा कि बल्क ड्रग पार्क में अंतरराष्ट्रीय स्तर का ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया जाएगा. बल्क ड्रग पार्क प्रोजेक्ट 1923 करोड़ रुपए का है, जिसके लिए केंद्र की तरफ से 225 करोड़ रुपए जारी हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि बल्क ड्रग पार्क प्रोजेक्ट के लिए तीन विकल्प हैं. पहला विकल्प के अनुसार या तो राज्य सरकार एक हजार करोड़ रुपए का इसमें निवेश कर खुद निर्माण करे, या फिर किसी कंपनी के साथ करार कर इसे आगे बढ़ाए. इसमें 51 प्रतिशत की हिस्सेदारी सरकार की और 49 फीसदी की हिस्सेदारी निजी कंपनी की हो. तीसरा विकल्प पीपीपी मोड है.
सीएम ने किया हस्तक्षेप, बोले अपनी शर्तों पर होगा निर्माण: विपक्ष की तरफ से जोरदार हंगामे के बीच सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मामले में हस्तक्षेप किया. सीएम ने कहा कि मेडिकल डिवाइस पार्क में राज्य सरकार ने 400 एकड़ भूमि यानी चार हजार कनाल एक रुपए लीज पर नालागढ़ में दी है. ये पूर्व सरकार ने जमीन दी है. यदि कौड़ी के भाव भी कीमत लगाई जाए तो 400 एकड़ की कीमत बहुत होती है, लेकिन पूर्व सरकार ने इसे एक रुपए की लीज पर दे दिया.
राज्य सरकार ने यहां निशुल्क पानी और तीन रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली देनी है. भारत सरकार ने हिमाचल को इस पार्क डेवलप करने के लिए महज सौ करोड़ रुपए देना है. उसमें से अभी तीस करोड़ ही आए हैं. केंद्र सरकार यहां कोई इंडस्ट्री नहीं भेजेगी. इंडस्ट्री राज्य सरकार को ही लानी होगी. सीएम ने कहा कि वे नीति आयोग के सदस्यों और एपीआई इंडस्ट्री वालों से भी मिले हैं.
इस प्रोजेक्ट को हिमाचल सरकार आगे बढ़ाएगी, लेकिन अपनी शर्तों पर. वहीं, ऊना जिला के हरोली में बल्क ड्रग पार्क को लेकर भी सीएम ने कहा कि राज्य के हितों को ध्यान में रखते हुए काम किया जाएगा. सीएम ने इस मामले में पूर्व सरकार पर प्रदेश के हितों को बेचने का आरोप लगाया. सीएम सुक्खू ने कहा कि बजट पर चर्चा में जब वे जवाब देंगे तो इस बारे में विस्तार से अपना पक्ष रखेंगे. बाद में विपक्ष के सदस्यों ने जवाब से संतुष्ट न होने पर वॉकआउट कर दिया.
ये भी पढ़ें: बल्क ड्रग पार्क निर्माण में देरी को लेकर विपक्ष का सदन से वॉकआउट, CM सुक्खू पर लगाए झूठ बोलने के आरोप