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Himachal Budget 2024: बजट से कर्मचारी वर्ग को कई उम्मीदें, जानें किसकी क्या मांग

Himachal Budget 2024: 17 फरवरी को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट पेश करने जा रहे हैं. इस बार प्रदेश सरकार के लिए हर वर्ग को खुश करना चुनौती भरा रहने वाला है. वहीं, प्रदेश का हर वर्ग सरकार से खासी उम्मीदें लगाए बैठा है. कर्मचारियों की अगर बात करें तो उनके कई मुद्दे हैं जिनका वो हल चाह रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Himachal Budget 2024
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 16, 2024, 4:44 PM IST

Updated : Feb 16, 2024, 7:18 PM IST

बजट से कर्मचारी वर्ग को कई उम्मीदें

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 17 फरवरी को अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करने जा रहे हैं. जिसे लेकर हर वर्ग को सरकार बजट से खास उम्मीदें हैं. हिमाचल प्रदेश आर्थिक संकट से जूझ रहा है और सामने लोकसभा चुनाव हैं तो मुख्यमंत्री सुक्खू के समक्ष स्वाभाविक रूप से हर वर्ग को खुश करने की चुनौती भी है. ऐसे में कर्मचारियों की कई लंबित मांगें इस बजट में पूरी की जा सकती हैं.

'हिमाचल में कितने नियमित कर्मचारी और पेंशनर्स'

बता दें कि राज्य में नियमित कर्मचारी करीब दो लाख हैं, जबकि लगभग डेढ़ लाख पेंशनर्स हैं. सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए एक जुलाई 2022 से चार प्रतिशत, एक जनवरी 2023 से भी चार प्रतिशत और एक जुलाई 2023 से फिर चार प्रतिशत महंगाई भत्ता लंबित है.

'SMC टीचरों को मिले अच्छा मानदेय'

हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ हमीरपुर के अध्यक्ष राजेश गौतम ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि शिक्षा विभाग में बहुत से टीचर एसएमसी के द्वारा कंप्यूटर टीचर व वोकेशनल टीचर आउटसोर्स पर काम कर रहे हैं. उनको अच्छा मानदेय मिल सके इसके लिए बजट में प्रावधान किया जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जो क्लस्टर सिस्टम को प्रदेश में लागू किया है. इसे प्रभावी बनाने के लिए इसके लिए भी बजट का प्रावधान किया जाए.

'फिजिकल एजुकेशन के टीचरों की हो भर्ती'

वहीं, एडीपीओ हमीरपुर करतार चंद ने कहा कि लंबे समय से शारीरिक शिक्षकों की भर्ती नहीं की गई है. सरकार शारीरिक शिक्षकों की भर्ती भी करे और साथ ही बजट का प्रावधान भी किया जाए. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चे फिजिकल एजुकेशन से दूर न रह सकें और साथ ही टूर्नामेंट भी सुचारू रूप से हो सके.

'हिमाचल सरकार बहाल करे 4-9-14 के लाभ'

मुख्य शिक्षक नरेश शर्मा ने कहा कि वर्तमान बजट में में सरकार से यही उम्मीद करता हूं कि जो कर्मचारियों को चार नौ 14 का बेनिफिट एसीपी के रूप में मिलता है उसे पुन बहाल किया जाए. उन्होंने कहा कि पूर्व में कर्मचारियों को इसका बेनिफिट नहीं मिला है इसे भी बहाल किया जाए.

'आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन में हो बढ़ोतरी'

आउटसोर्स कर्मचारी इंदुबाला ने मुख्यमंत्री से मांग है कि हम और आउटसोर्स काम कर रही हूं. और हमारा वेतन जो है 15,000 से कम वेतन दिया जाता है. सरकार से मांग करती हूं कि हमारे वेतन में वृद्धि की जाए जिससे हम अपने परिवार का अच्छे से पालन पोषण कर सकें.

25 सालों से कर्मचारियों के लिए नहीं बनी स्थाई नीति

हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक के कर्मचारी विधि चंद का कहना है कि 25 सालों से कोई भी स्थाई नीति कर्मचारी के लिए नहीं बनाई गई है. उन्होंने कहा कि मैं सरकार से मांग करता हूं कि जल्द से जल्द इन कर्मचारियों के लिए स्थाई नीति बनाई जाए.

'DA की 3 किस्तें पेंडिंग, पे कमीशन का एरियर अभी तक नहीं मिला'

वहीं, हमीरपुर मजदूर संघ जिला अध्यक्ष हमीरपुर ने कहा कि लंबे समय से कर्मचारियों की मांगें लंबित पड़ी हैं. DA की तीन किस्तें पेंडिंग पड़ी हैं. पे कमीशन रिवाइज हुआ मगर अभी तक एरियर का भुगतान नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि सरकार कोई भी रही हो कर्मचारियों ने कभी पीठ नहीं दिखाई. सरकार को चाहिए कर्मचारियों की मांगे जल्द से जल्द पूरी की जाएं. उन्होंने कहा कि आउटसोर्स के लिए पॉलिसी बनाई जाए और बजट का प्रावधान किया जाए.

इनका मानदेय बढ़ने की उम्मीद, बिजली बोर्ड के कर्मियों को मिल सकता है OPS का लाभ!

आपको बता दें कि हर बार की तरह ही अस्थाई कामगारों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, आशा वर्करों, मिड डे मील वर्करों, जलरक्षकों, पैरा फिटरों, पंप ऑपरेटरों, दिहाड़ीदारों, आउटसोर्स कर्मियों, पंचायत, राजस्व, चौकीदारों, सिलाई अध्यापिकाओं सहित विभिन्न वर्गों का मानदेय बढ़ाया जा सकता है. बिजली बोर्ड के कर्मियों को ओपीएस बहाली की उम्मीद है. सभी सरकारी विभागों, निगमों-बोर्डों आदि में पुरानी पेंशन बहाल हुई है. सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के चिकित्सा बिलों के भुगतान की घोषणा भी संभावित है.

ये भी पढ़ें- Himachal Budget 2024: सुक्खू सरकार के बजट से क्या है महिलाओं की उम्मीदें?

बजट से कर्मचारी वर्ग को कई उम्मीदें

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 17 फरवरी को अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करने जा रहे हैं. जिसे लेकर हर वर्ग को सरकार बजट से खास उम्मीदें हैं. हिमाचल प्रदेश आर्थिक संकट से जूझ रहा है और सामने लोकसभा चुनाव हैं तो मुख्यमंत्री सुक्खू के समक्ष स्वाभाविक रूप से हर वर्ग को खुश करने की चुनौती भी है. ऐसे में कर्मचारियों की कई लंबित मांगें इस बजट में पूरी की जा सकती हैं.

'हिमाचल में कितने नियमित कर्मचारी और पेंशनर्स'

बता दें कि राज्य में नियमित कर्मचारी करीब दो लाख हैं, जबकि लगभग डेढ़ लाख पेंशनर्स हैं. सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए एक जुलाई 2022 से चार प्रतिशत, एक जनवरी 2023 से भी चार प्रतिशत और एक जुलाई 2023 से फिर चार प्रतिशत महंगाई भत्ता लंबित है.

'SMC टीचरों को मिले अच्छा मानदेय'

हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ हमीरपुर के अध्यक्ष राजेश गौतम ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि शिक्षा विभाग में बहुत से टीचर एसएमसी के द्वारा कंप्यूटर टीचर व वोकेशनल टीचर आउटसोर्स पर काम कर रहे हैं. उनको अच्छा मानदेय मिल सके इसके लिए बजट में प्रावधान किया जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जो क्लस्टर सिस्टम को प्रदेश में लागू किया है. इसे प्रभावी बनाने के लिए इसके लिए भी बजट का प्रावधान किया जाए.

'फिजिकल एजुकेशन के टीचरों की हो भर्ती'

वहीं, एडीपीओ हमीरपुर करतार चंद ने कहा कि लंबे समय से शारीरिक शिक्षकों की भर्ती नहीं की गई है. सरकार शारीरिक शिक्षकों की भर्ती भी करे और साथ ही बजट का प्रावधान भी किया जाए. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चे फिजिकल एजुकेशन से दूर न रह सकें और साथ ही टूर्नामेंट भी सुचारू रूप से हो सके.

'हिमाचल सरकार बहाल करे 4-9-14 के लाभ'

मुख्य शिक्षक नरेश शर्मा ने कहा कि वर्तमान बजट में में सरकार से यही उम्मीद करता हूं कि जो कर्मचारियों को चार नौ 14 का बेनिफिट एसीपी के रूप में मिलता है उसे पुन बहाल किया जाए. उन्होंने कहा कि पूर्व में कर्मचारियों को इसका बेनिफिट नहीं मिला है इसे भी बहाल किया जाए.

'आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन में हो बढ़ोतरी'

आउटसोर्स कर्मचारी इंदुबाला ने मुख्यमंत्री से मांग है कि हम और आउटसोर्स काम कर रही हूं. और हमारा वेतन जो है 15,000 से कम वेतन दिया जाता है. सरकार से मांग करती हूं कि हमारे वेतन में वृद्धि की जाए जिससे हम अपने परिवार का अच्छे से पालन पोषण कर सकें.

25 सालों से कर्मचारियों के लिए नहीं बनी स्थाई नीति

हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक के कर्मचारी विधि चंद का कहना है कि 25 सालों से कोई भी स्थाई नीति कर्मचारी के लिए नहीं बनाई गई है. उन्होंने कहा कि मैं सरकार से मांग करता हूं कि जल्द से जल्द इन कर्मचारियों के लिए स्थाई नीति बनाई जाए.

'DA की 3 किस्तें पेंडिंग, पे कमीशन का एरियर अभी तक नहीं मिला'

वहीं, हमीरपुर मजदूर संघ जिला अध्यक्ष हमीरपुर ने कहा कि लंबे समय से कर्मचारियों की मांगें लंबित पड़ी हैं. DA की तीन किस्तें पेंडिंग पड़ी हैं. पे कमीशन रिवाइज हुआ मगर अभी तक एरियर का भुगतान नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि सरकार कोई भी रही हो कर्मचारियों ने कभी पीठ नहीं दिखाई. सरकार को चाहिए कर्मचारियों की मांगे जल्द से जल्द पूरी की जाएं. उन्होंने कहा कि आउटसोर्स के लिए पॉलिसी बनाई जाए और बजट का प्रावधान किया जाए.

इनका मानदेय बढ़ने की उम्मीद, बिजली बोर्ड के कर्मियों को मिल सकता है OPS का लाभ!

आपको बता दें कि हर बार की तरह ही अस्थाई कामगारों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, आशा वर्करों, मिड डे मील वर्करों, जलरक्षकों, पैरा फिटरों, पंप ऑपरेटरों, दिहाड़ीदारों, आउटसोर्स कर्मियों, पंचायत, राजस्व, चौकीदारों, सिलाई अध्यापिकाओं सहित विभिन्न वर्गों का मानदेय बढ़ाया जा सकता है. बिजली बोर्ड के कर्मियों को ओपीएस बहाली की उम्मीद है. सभी सरकारी विभागों, निगमों-बोर्डों आदि में पुरानी पेंशन बहाल हुई है. सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के चिकित्सा बिलों के भुगतान की घोषणा भी संभावित है.

ये भी पढ़ें- Himachal Budget 2024: सुक्खू सरकार के बजट से क्या है महिलाओं की उम्मीदें?

Last Updated : Feb 16, 2024, 7:18 PM IST
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