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सीएम के गृह जिला में भाजपा के आशीष को मिला जनता का प्रेम और अनुराग, पूर्व सीएम और सांसद के सहारे खिला कमल - Himcahal By Election Result

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 13, 2024, 3:32 PM IST

Himachal Assembly By-Election Result 2024: हिमाचल प्रदेश में 10 जुलाई को तीन विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे आ गए हैं. इस उपचुनाव में कांग्रेस को दो सीटों और बीजेपी को एक सीट पर जीत मिली है. सीएम सुक्खू अपने गहृ जिला हमीरपुर में कांग्रेस प्रत्याशी को जीत नहीं दिला पाए. वहीं, पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल और सांसद अुनराग ठाकुर के सहारे आशीष शर्मा कमल खिलाने में सफल रहे हैं. पढ़िए पूरी खबर...

हिमाचल विधानसभा उपचुनाव परिणाम
हिमाचल विधानसभा उपचुनाव परिणाम (ETV Bharat)

शिमला: लोकतंत्र में जनता वाकई अपने निर्वाचन क्षेत्र की परिस्थितियों के हिसाब से फैसला सुनाती है. हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह जिला की हमीरपुर सदर सीट से भाजपा के आशीष शर्मा कड़े मुकाबले में जीत हासिल करने में कामयाब रहे. आशीष की जीत में पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल और सांसद अनुराग ठाकुर के प्रयास भी शामिल किए जा सकते हैं. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी हमीरपुर में खूब प्रचार किया. उनके प्रयास का भी फल आशीष शर्मा को मिला है. यहां नजदीकी मुकाबले में आशीष शर्मा बाजी मारने में सफल हुए.

आशीष 1400 से अधिक मतों से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे. कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा और भाजपा के आशीष शर्मा के बीच मुकाबला इस कदर दिलचस्प था कि पहले कांग्रेस आगे चल रही थी और फिर आशीष शर्मा रेस में आगे निकल गए. पांचवें राउंड में आशीष शर्मा महज 67 वोट की लीड पर थे. फिर छठे राउंड में ये लीड 743 वोट की हो गई. सातवें राउंड में आशीष शर्मा अपने विरोधी डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा से 1545 वोटों से आगे हो गए. हमीरपुर में कुल 9 राउंड की काउंटिंग थी.

आशीष शर्मा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर 2022 का चुनाव जीते थे. राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन को वोट करने के बाद उन्होंने भाजपा में शामिल होकर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. हमीरपुर में भाजपा ने अन्य सभी सीटों की तरह ही राज्यसभा चुनाव में हर्ष महाजन को वोट देने वाले नेताओं के रूप में आशीष को उपचुनाव में उतारा. कांग्रेस का प्रचार इसी बात पर केंद्रित था कि निर्दलीय विधायकों को इस्तीफा देने की क्या जरूरत थी.

भाजपा प्रत्याशी (पहले निर्दलीय) आशीष का दावा था कि उन्हें विकास कार्यों के लिए सरकार से सहयोग नहीं मिल रहा था और साथ ही कांग्रेस सरकार उन्हें प्रताड़ित कर रही थी. दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप लग रहे थे. इस बीच चुनाव प्रचार में अनुराग ठाकुर और जयराम ठाकुर ने भी हमीरपुर में खूब जोर लगाया था. जनता ने अपने सांसद अनुराग ठाकुर का मान रखा. जनता को ये मालूम है कि सांसद के तौर पर अनुराग ठाकुर यहां के विकास में धन की कमी आड़े नहीं आने देंगे. यही कारण है कि जनता ने राज्य की सत्ता की बजाय अपने सांसद के प्रभाव को चुना.

चुनाव प्रचार में आशीष शर्मा जनता की सहानुभूति लेने में कामयाब रहे. उनके घर को जाने वाली सड़क में जिस तरह से स्पीड ब्रेकर को जेसीबी से हटाया गया, उसे भी जनता ने कांग्रेस सरकार के अहम और हनक से जोड़कर देखा. फिलहाल, आशीष शर्मा अपनी सीट बचाने और उसे भाजपा की झोली में डालने में कामयाब हुए हैं. इस तरह भाजपा के सदस्यों की संख्या अब सदन में 28 हो गई है. हमीरपुर की जीत से अनुराग ठाकुर ने भी राहत की सांस ली है. यहां उनकी साख दाव पर थी.

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शिमला: लोकतंत्र में जनता वाकई अपने निर्वाचन क्षेत्र की परिस्थितियों के हिसाब से फैसला सुनाती है. हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह जिला की हमीरपुर सदर सीट से भाजपा के आशीष शर्मा कड़े मुकाबले में जीत हासिल करने में कामयाब रहे. आशीष की जीत में पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल और सांसद अनुराग ठाकुर के प्रयास भी शामिल किए जा सकते हैं. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी हमीरपुर में खूब प्रचार किया. उनके प्रयास का भी फल आशीष शर्मा को मिला है. यहां नजदीकी मुकाबले में आशीष शर्मा बाजी मारने में सफल हुए.

आशीष 1400 से अधिक मतों से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे. कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा और भाजपा के आशीष शर्मा के बीच मुकाबला इस कदर दिलचस्प था कि पहले कांग्रेस आगे चल रही थी और फिर आशीष शर्मा रेस में आगे निकल गए. पांचवें राउंड में आशीष शर्मा महज 67 वोट की लीड पर थे. फिर छठे राउंड में ये लीड 743 वोट की हो गई. सातवें राउंड में आशीष शर्मा अपने विरोधी डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा से 1545 वोटों से आगे हो गए. हमीरपुर में कुल 9 राउंड की काउंटिंग थी.

आशीष शर्मा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर 2022 का चुनाव जीते थे. राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन को वोट करने के बाद उन्होंने भाजपा में शामिल होकर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. हमीरपुर में भाजपा ने अन्य सभी सीटों की तरह ही राज्यसभा चुनाव में हर्ष महाजन को वोट देने वाले नेताओं के रूप में आशीष को उपचुनाव में उतारा. कांग्रेस का प्रचार इसी बात पर केंद्रित था कि निर्दलीय विधायकों को इस्तीफा देने की क्या जरूरत थी.

भाजपा प्रत्याशी (पहले निर्दलीय) आशीष का दावा था कि उन्हें विकास कार्यों के लिए सरकार से सहयोग नहीं मिल रहा था और साथ ही कांग्रेस सरकार उन्हें प्रताड़ित कर रही थी. दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप लग रहे थे. इस बीच चुनाव प्रचार में अनुराग ठाकुर और जयराम ठाकुर ने भी हमीरपुर में खूब जोर लगाया था. जनता ने अपने सांसद अनुराग ठाकुर का मान रखा. जनता को ये मालूम है कि सांसद के तौर पर अनुराग ठाकुर यहां के विकास में धन की कमी आड़े नहीं आने देंगे. यही कारण है कि जनता ने राज्य की सत्ता की बजाय अपने सांसद के प्रभाव को चुना.

चुनाव प्रचार में आशीष शर्मा जनता की सहानुभूति लेने में कामयाब रहे. उनके घर को जाने वाली सड़क में जिस तरह से स्पीड ब्रेकर को जेसीबी से हटाया गया, उसे भी जनता ने कांग्रेस सरकार के अहम और हनक से जोड़कर देखा. फिलहाल, आशीष शर्मा अपनी सीट बचाने और उसे भाजपा की झोली में डालने में कामयाब हुए हैं. इस तरह भाजपा के सदस्यों की संख्या अब सदन में 28 हो गई है. हमीरपुर की जीत से अनुराग ठाकुर ने भी राहत की सांस ली है. यहां उनकी साख दाव पर थी.

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