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हिमाचल के यूनिक पोलिंग बूथ, जहां पहुंचना किसी युद्ध जीतने से कम नहीं, कहीं नाव से तो कहीं हेलीकॉप्टर से पहुंचाई जाती हैं पोलिंग टीमें - Himachal Polling Booth

Unique polling booth of Himachal: हिमाचल प्रदेश भौगोलिक दृष्टि से अति दुर्गम क्षेत्रों से भरा हुआ है. इन क्षेत्रों में कई मतदान केंद्र काफी दूर और अति दुर्गम इलाकों में हैं, जहां पहुंचना पोलिंग पार्टियों के लिए किसी युद्ध जीतने से कम नहीं है. यहां पर चुनाव करवाने के लिए चुनाव आयोग को कई दिन पहले तैयारियां करनी पड़ती हैं. पोलिंग पार्टी को कहीं नाव के जरिए तो कहीं हेलीकॉप्टर के जरिए पोलिंग बूथ तक पहुंचना पड़ता है.

Himachal Pradesh Elections
हिमाचल में चुनाव (CEO Himachal X)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 25, 2024, 11:09 AM IST

शिमला: पहाड़ी प्रदेश होने की वजह से हिमाचल में भौगोलिक दृष्टि से कई अति दुर्गम क्षेत्र हैं. इन क्षेत्रों में कई मतदान केंद्र काफी दूर और अति दुर्गम इलाकों में हैं, जहां पहुंचना पोलिंग पार्टियों के लिए किसी युद्ध जीतने से कम नहीं है. इन्हीं में से एक मतदान केंद्र पौंग डैम में टापू पर बनाया गया सथ कुठेडा में है. जहां नाव से 5.5 किलोमीटर का सफर तय करके पोलिंग टीमें मतदान केंद्र में पहुंचती हैं. इसी तरह से बैजनाथ निर्वाचन क्षेत्र के तहत बड़ा भंगाल एक ऐसा पोलिंग बूथ है, जहां मतदान कर्मियों को हेलीकॉप्टर से पहुंचाया जाता है.

1 जून को मतदान

देश के कुछ राज्य में आज छठे चरण के लिए मतदान चल रहा है. इसके बाद हिमाचल में अंतिम चरण में 1 जून को मतदान होना है. ऐसे में अब भाजपा और कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के स्टार प्रचारक पार्टी प्रत्याशियों को जीतने के पहाड़ों पर पसीना बहा रहे हैं. जिससे छोटे पहाड़ी राज्य की शांत वादियों में सियासी पारा चढ़ गया है. ये तो बात हुई चुनाव प्रचार करने में जुटे नेताओं की, लेकिन भौगोलिक दृष्टि से हिमाचल में कई अति दुर्गम क्षेत्र होने के साथ यहां चुनाव कराने को लेकर कई रोचक तथ्य भी जुड़े है.

कठिनाइयों से भरे हिमाचल के पोलिंग बूथ

पहाड़ी राज्य होने की वजह से कुछ मतदाताओं तक पहुंचने के लिए चुनाव आयोग को कई दिन पहले ही अपनी तैयारियों पूरी करनी पड़ती है, ताकि दुर्गम क्षेत्रों में कोई भी वोटर अपने मताधिकार से वंचित न रह जाए. इसमें चाहे फतेहपुर निर्वाचन क्षेत्र का सथ कुठेडा मतदान केंद्र हो, जहां पोलिंग पार्टी नाव से सफर तय करके पहुंचती है या फिर बैजनाथ निर्वाचन क्षेत्र के तहत बड़ा भंगाल पोलिंग बूथ है, जहां मतदान कर्मियों को हेलीकॉप्टर से पहुंचाया जाता है.

Unique polling booth of Himachal
दुनिया का सबसे ऊंचा पोलिंग बूथ टशीगंग (ETV Bharat)

दुनिया का सबसे ऊंचा पोलिंग बूथ

हिमाचल में अब आखिरी चरण के चुनाव के लिए मतदान होना है. ऐसे में यहां होने जा रहे आम आम चुनाव को लेकर कई रोचक तथ्य जुड़े हैं. इसमें लाहौल स्पीति निर्वाचन क्षेत्र के तहत 15,256 फीट की ऊंचाई पर स्थित टशीगंग विश्व का सबसे ऊंचा पोलिंग बूथ है. यहां पर सिर्फ 52 वोटर हैं.

पौंग टापू में स्थित यूनिक मतदान केंद्र

वहीं, प्रदेश के फतेहपुर निर्वाचन क्षेत्र में पौंग डैम में टापू पर स्थित सथ कुठेडा ऐसा एक यूनिक मतदान केंद्र हैं, जहां पर 97 वोटरों तक पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी के पास मतदान केंद्र तक पहुंचने का एकमात्र साधन नाव है. ऐसे में इस पोलिंग बूथ तक पहुंचने के लिए मतदान कर्मियों को नाव से साढ़े पांच किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ता है.

Unique polling booth of Himachal
बैजनाथ निर्वाचन क्षेत्र के तहत बड़ा भंगाल (ETV Bharat File Photo)

कांगड़ा का अति दुर्गम पोलिंग बूथ

इसी तरह से बैजनाथ निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत बड़ा भंगाल एक अति दुर्गम पोलिंग बूथ है, जहां पोलिंग टीम को सड़क मार्ग से होकर पहुंचने में तीन दिन लगते हैं. ऐसे में इस पोलिंग बूथ पर हेलीकॉप्टर के माध्यम से पोलिंग टीम को पहुंचाया जाता है. देश में शायद ही कहीं पर ऐसे यूनिक मतदान केंद्र हो.

Unique polling booth of Himachal
हिमाचल में दुर्मग इलाकों में स्थित पोलिंग बूथ (CEO Himachal X)

पैदल तय करनी पड़ती है 13 किलोमीटर की दूरी

हिमाचल पहाड़ी राज्य में भले ही देश के लिए ये यूनिक मतदान केंद्र हो, लेकिन यहां तक पहुंचने में पोलिंग पार्टियों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. यहां पर लोगों का जीवन भी कठिनाइयों से भरा है. ऐसे ही निर्वाचन क्षेत्र भरमौर के तहत एक मतदान केंद्र ऐहलमी है. जहां तक पहुंचने के लिए पोलिंग टीम को पीठ में सामान उठाकर 183 मतदाताओं के लिए 13 किलोमीटर का पैदल सफर तय करना पड़ता है.

Unique polling booth of Himachal
हिमाचल के कई बूथ में हेलीकॉप्टर से पहुंचती है पोलिंग टीमें (CEO Himachal X)

135 वोटर्स के लिए 13 KM का सफर

इसी तरह से निर्वाचन क्षेत्र भटियात के अंतर्गत चक्की मतदान केंद्र है. यहां कुल मतदाताओं की संख्या 135 है. जहां तक पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी को भीषण गर्मी में 13 किलोमीटर पैदल चलना पड़ेगा. ऐसे क्षेत्रों में मतदान केंद्रों में चुनाव प्रक्रिया को पूरा करना निर्वाचन विभाग के लिए काफी चुनौतियों से भरा रहता है.

Unique polling booth of Himachal
शाक्टी पोलिंग बूथ के लिए अपनी टीम संग जाते हुए एसडीएम बंजार (ETV Bharat)

शाक्टी बूथ पर महज 100 वोटर्स

इसी तरह कुल्लू में सबसे दूर दराज मतदान केंद्र शाक्टी भी दुर्गम इलाके में हैं. यहां पर पहुंचने के पोलिंग टीमों को ही नहीं बल्कि शाक्टी और मरोड़ और शुगाड़ गांव के लोगों को भी कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. यहां पर वोटर्स की संख्या 100 है, जिनमें से 51 पुरुष और 49 महिला मतदाता हैं. शाक्टी बूथ के लोगों ने इस बार सरकार के प्रति नाराजगी जताते हुए चुनाव बहिष्कार का फैसला लिया था, लेकिन एसडीएम बंजार पंकज शर्मा 6 घंटे का पैदल सफर कर अपनी टीम के साथ शाक्टी पहुंचे और लोगों की समस्या सुनते हुए, उन्हें मतदान के लिए प्रेरित किया.

ये भी पढ़ें: इस पोलिंग बूथ पर जाना किसी युद्ध जीतने से कम नहीं, 97 वोटरों के लिए नाव से पहुंचते हैं मतदान कर्मचारी

ये भी पढे़ं: सवा 6 घंटे पैदल चलकर पहली बार शाक्टी बूथ पहुंचे SDM बंजार, ग्रामीणों ने किया था वोट का बहिष्कार

ये भी पढ़ें: दुनिया का सबसे ऊंचा पोलिंग बूथ, टशीगंग मतदान केंद्र में 100% वोटिंग का रहा है रिकॉर्ड, जानें खासियत

शिमला: पहाड़ी प्रदेश होने की वजह से हिमाचल में भौगोलिक दृष्टि से कई अति दुर्गम क्षेत्र हैं. इन क्षेत्रों में कई मतदान केंद्र काफी दूर और अति दुर्गम इलाकों में हैं, जहां पहुंचना पोलिंग पार्टियों के लिए किसी युद्ध जीतने से कम नहीं है. इन्हीं में से एक मतदान केंद्र पौंग डैम में टापू पर बनाया गया सथ कुठेडा में है. जहां नाव से 5.5 किलोमीटर का सफर तय करके पोलिंग टीमें मतदान केंद्र में पहुंचती हैं. इसी तरह से बैजनाथ निर्वाचन क्षेत्र के तहत बड़ा भंगाल एक ऐसा पोलिंग बूथ है, जहां मतदान कर्मियों को हेलीकॉप्टर से पहुंचाया जाता है.

1 जून को मतदान

देश के कुछ राज्य में आज छठे चरण के लिए मतदान चल रहा है. इसके बाद हिमाचल में अंतिम चरण में 1 जून को मतदान होना है. ऐसे में अब भाजपा और कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के स्टार प्रचारक पार्टी प्रत्याशियों को जीतने के पहाड़ों पर पसीना बहा रहे हैं. जिससे छोटे पहाड़ी राज्य की शांत वादियों में सियासी पारा चढ़ गया है. ये तो बात हुई चुनाव प्रचार करने में जुटे नेताओं की, लेकिन भौगोलिक दृष्टि से हिमाचल में कई अति दुर्गम क्षेत्र होने के साथ यहां चुनाव कराने को लेकर कई रोचक तथ्य भी जुड़े है.

कठिनाइयों से भरे हिमाचल के पोलिंग बूथ

पहाड़ी राज्य होने की वजह से कुछ मतदाताओं तक पहुंचने के लिए चुनाव आयोग को कई दिन पहले ही अपनी तैयारियों पूरी करनी पड़ती है, ताकि दुर्गम क्षेत्रों में कोई भी वोटर अपने मताधिकार से वंचित न रह जाए. इसमें चाहे फतेहपुर निर्वाचन क्षेत्र का सथ कुठेडा मतदान केंद्र हो, जहां पोलिंग पार्टी नाव से सफर तय करके पहुंचती है या फिर बैजनाथ निर्वाचन क्षेत्र के तहत बड़ा भंगाल पोलिंग बूथ है, जहां मतदान कर्मियों को हेलीकॉप्टर से पहुंचाया जाता है.

Unique polling booth of Himachal
दुनिया का सबसे ऊंचा पोलिंग बूथ टशीगंग (ETV Bharat)

दुनिया का सबसे ऊंचा पोलिंग बूथ

हिमाचल में अब आखिरी चरण के चुनाव के लिए मतदान होना है. ऐसे में यहां होने जा रहे आम आम चुनाव को लेकर कई रोचक तथ्य जुड़े हैं. इसमें लाहौल स्पीति निर्वाचन क्षेत्र के तहत 15,256 फीट की ऊंचाई पर स्थित टशीगंग विश्व का सबसे ऊंचा पोलिंग बूथ है. यहां पर सिर्फ 52 वोटर हैं.

पौंग टापू में स्थित यूनिक मतदान केंद्र

वहीं, प्रदेश के फतेहपुर निर्वाचन क्षेत्र में पौंग डैम में टापू पर स्थित सथ कुठेडा ऐसा एक यूनिक मतदान केंद्र हैं, जहां पर 97 वोटरों तक पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी के पास मतदान केंद्र तक पहुंचने का एकमात्र साधन नाव है. ऐसे में इस पोलिंग बूथ तक पहुंचने के लिए मतदान कर्मियों को नाव से साढ़े पांच किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ता है.

Unique polling booth of Himachal
बैजनाथ निर्वाचन क्षेत्र के तहत बड़ा भंगाल (ETV Bharat File Photo)

कांगड़ा का अति दुर्गम पोलिंग बूथ

इसी तरह से बैजनाथ निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत बड़ा भंगाल एक अति दुर्गम पोलिंग बूथ है, जहां पोलिंग टीम को सड़क मार्ग से होकर पहुंचने में तीन दिन लगते हैं. ऐसे में इस पोलिंग बूथ पर हेलीकॉप्टर के माध्यम से पोलिंग टीम को पहुंचाया जाता है. देश में शायद ही कहीं पर ऐसे यूनिक मतदान केंद्र हो.

Unique polling booth of Himachal
हिमाचल में दुर्मग इलाकों में स्थित पोलिंग बूथ (CEO Himachal X)

पैदल तय करनी पड़ती है 13 किलोमीटर की दूरी

हिमाचल पहाड़ी राज्य में भले ही देश के लिए ये यूनिक मतदान केंद्र हो, लेकिन यहां तक पहुंचने में पोलिंग पार्टियों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. यहां पर लोगों का जीवन भी कठिनाइयों से भरा है. ऐसे ही निर्वाचन क्षेत्र भरमौर के तहत एक मतदान केंद्र ऐहलमी है. जहां तक पहुंचने के लिए पोलिंग टीम को पीठ में सामान उठाकर 183 मतदाताओं के लिए 13 किलोमीटर का पैदल सफर तय करना पड़ता है.

Unique polling booth of Himachal
हिमाचल के कई बूथ में हेलीकॉप्टर से पहुंचती है पोलिंग टीमें (CEO Himachal X)

135 वोटर्स के लिए 13 KM का सफर

इसी तरह से निर्वाचन क्षेत्र भटियात के अंतर्गत चक्की मतदान केंद्र है. यहां कुल मतदाताओं की संख्या 135 है. जहां तक पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी को भीषण गर्मी में 13 किलोमीटर पैदल चलना पड़ेगा. ऐसे क्षेत्रों में मतदान केंद्रों में चुनाव प्रक्रिया को पूरा करना निर्वाचन विभाग के लिए काफी चुनौतियों से भरा रहता है.

Unique polling booth of Himachal
शाक्टी पोलिंग बूथ के लिए अपनी टीम संग जाते हुए एसडीएम बंजार (ETV Bharat)

शाक्टी बूथ पर महज 100 वोटर्स

इसी तरह कुल्लू में सबसे दूर दराज मतदान केंद्र शाक्टी भी दुर्गम इलाके में हैं. यहां पर पहुंचने के पोलिंग टीमों को ही नहीं बल्कि शाक्टी और मरोड़ और शुगाड़ गांव के लोगों को भी कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. यहां पर वोटर्स की संख्या 100 है, जिनमें से 51 पुरुष और 49 महिला मतदाता हैं. शाक्टी बूथ के लोगों ने इस बार सरकार के प्रति नाराजगी जताते हुए चुनाव बहिष्कार का फैसला लिया था, लेकिन एसडीएम बंजार पंकज शर्मा 6 घंटे का पैदल सफर कर अपनी टीम के साथ शाक्टी पहुंचे और लोगों की समस्या सुनते हुए, उन्हें मतदान के लिए प्रेरित किया.

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