देहरादून: प्रदेश के महाविद्यालय और विश्वविद्यालय कैंपस में होने वाले छात्र संघ चुनाव को लेकर कुछ नए बड़े बदलाव होने जा रहे हैं. इसके तहत छात्र संघ में छात्राओं की भी भागीदारी बढ़ाये जाने पर काम किया जाएगा. छात्र संघ चुनाव को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं कि इसमें छात्राओं को 50% तक का प्रतिनिधित्व दिलवाया जाए. विश्वविद्यालय के कुलपतियों को इस संदर्भ में दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
दरअसल महाविद्यालय और विश्वविद्यालय कैंपस में छात्र संघ चुनाव केवल राजनीति करने तक ही सीमित हो गए हैं. ऐसे में अब प्रयास किया जा रहा है कि छात्र संघ के जरिये रचनात्मक गतिविधियों और शैक्षणिक माहौल को बेहतर करने पर काम हो और इसके लिए मेधावी छात्रों को भी छात्र संघ चुनाव में प्रतिभाग करने के लिए उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने पर काम होगा.
उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में कुल 15,2387 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. इसमें छात्राओं की संख्या करीब 100000 है, जबकि 52000 छात्र अध्ययन कर रहे हैं. इस तरह 65 फ़ीसदी से भी ज्यादा विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में छात्राएं पढ़ रही हैं. लिहाजा छात्र संघ चुनाव में भी छात्राओं की भागीदारी को बढ़ाने की जरूरत है, ताकि छात्राओं को उचित प्रतिनिधित्व मिल सके. उन्होंने कहा कि अधिकारियों और विश्वविद्यालय के कुलपतियों को निर्देश दिए गए कि उच्च शिक्षण संस्थानों में लिंगदोह कमेटी की सिफारिश के अनुरूप चुनाव करवाएं जाए और छात्र संघ संविधान में भी बदलाव किए जाएं.
प्रदेश के महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में छात्रों की संख्या को लेकर आंकड़ों पर गौर करें, तो राजकीय महाविद्यालय परिसरों में कुल 97997 विद्यार्थी अध्यनरत हैं. जिसमें से 30130 छात्र और 67867 छात्राएं शामिल हैं. वहीं, अशासकीय महाविद्यालय में 34590 में से 14730 छात्र और 19860 छात्राएं हैं. इसके अलावा विश्वविद्यालय परिसरों में कुल 19800 विद्यार्थी हैं. जिसमें 7255 छात्र और 12545 छात्राएं अध्यनरत हैं.
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