जबलपुर. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों (EWS) के लिए निर्धारित अंक 60 प्रतिशत से घटाकर 50 प्रतिशत किए जाएं। सरकार यह प्रक्रिया 45 दिनों के अंदर पूर्ण करे. याचिकाकर्ता विनीता रघुवंशी, शिखा श्रीवास्तव सहित अन्य 12 की ओर से इस संबंध में याचिका दायर की गई थी, जिसपर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल (Justice Vivek Agrawal) ने शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 के रिक्त पदों को लेकर फैसला सुनाया.
कोर्ट में लगाई गई थी ये याचिका
याचिका में कहा गया था कि व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती के लिए पात्रता परीक्षा आयोजित करने का विज्ञापन जारी किया था. विज्ञापन के अनुसार पात्रता परीक्षा के फॉर्म भरने की अंतिम तारीख 30 सितम्बर थी और परीक्षा का आयोजन 29 दिसम्बर को किया गया था. परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिए 60 प्रतिशत अंक और अन्य आरक्षित वर्ग के लिए 50 प्रतिशत न्यूनतम अंक की बाध्यता थी. याचिका में कहा गया कि केन्द्र सरकार ने संविधान में संशोधन कर 14 जनवरी 2019 को ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू किया था. इसके बाद सेवा तथा भर्ती नियमों की शर्तों में बदलाव किया गया. परीक्षा के आयोजन के दौरान ईओडब्ल्यू आरक्षण प्रभारी नहीं था परंतु परीक्षा की वैधता एक साल तक रहती है, जिसे बाद में बढाकर तीन साल कर दिया गया था.
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45 दिनों के अंदर करें कार्रवाई
साल 2018 के बाद पात्रता परीक्षा का आयोजन 2023 में किया गया था. जिसमें साल 2018 में रिक्त पदों को समाहित किया गया. याचिका में कहा गया था कि रिक्त पदों को ईओडब्ल्यू आरक्षण के माध्यम से भरा जाए. हाईकोर्ट जबलपुर (Highcourt Jabalpur) एकलपीठ ने याचिकाओं की सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा है कि रिक्त पदों में ईओडब्ल्यू आरक्षण का लाभ दिया जाए और न्यूनतम अंक की बाध्यता घटाकर 50 प्रतिशत किया जाए. सरकार 45 दिनों में पूरी कार्रवाई करते हुए नियुक्ति प्रदान करें.