जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने द्वितीय श्रेणी शिक्षक को उपखंड अधिकारी की ओर से बीएलओ पद पर लगाने के आदेश की क्रियान्विति पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में प्रारंभिक शिक्षा सचिव व संबंधित अफसरों से जवाब देने के लिए कहा है. जस्टिस फरजंद अली की एकलपीठ ने यह आदेश सीताराम रैगर की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता शिक्षक की ओर से राजसमंद के चारभुजा में स्थित स्कूल में नियमित तौर पर छात्रों के अध्यापन का काम किया जा रहा है. इस दौरान उपखंड अधिकारी कुम्भलगढ़ ने गत 7 अगस्त को आदेश जारी कर उसे बीएलओ के पद पर लगा दिया, जबकि निर्वाचन विभाग की ओर से 18 अक्टूबर 2011 व 21 जून 2012 के परिपत्र में निर्देश दिए गए हैं कि यदि किसी शिक्षक को बीएलओ के पद पर लगाने से अध्यापन कार्य में रुकावट आ रही है तो इस स्थिति में उससे बीएलओ का काम नहीं करवाया जा सकता. ऐसा इसलिए है, क्योंकि उसे अध्यापन कार्य से ही समय नहीं मिल पा रहा.
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वहीं, भारत सरकार ने भी इस संबंध में परिपत्र जारी कर रखा है. इसलिए विभाग की ओर से याचिकाकर्ता को बीएलओ के पद पर लगाने वाले आदेश को रद्द किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को बीएलओ पद पर लगाने के आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.