लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने संपत्तियों पर अवैध कब्जा करने वाले वकीलों से सम्बंधित मामलों की सुनवाई करते हुए कहा है कि ऐसे मामलों के लिए बनाई गई पुलिस की स्पेशल सेल व कोर्ट के आदेश का इस्तेमाल निर्दोष वकीलों को परेशान करने के लिए न किया जाए. न्यायालय ने कहा कि हम यह स्पष्ट करते हैं कि स्पेशल सेल सिर्फ उन्हीं मामलों व शिकायतों की निगरानी करे जो संपत्तियों पर अवैध कब्जा करने वाले, वादकारियों अथवा गवाहों को धमकाने वाले तथा अदालती कार्यवाहियों में बाधा उत्पन्न करने वाले वकीलों के विरुद्ध दर्ज करवाई गई हैं.
यह टिप्पणियां न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति एनके जौहरी की खंडपीठ ने अनिल कुमार खन्ना समेत वकीलों से सम्बंधित मामलों पर विचाराधीन कई याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए की हैं. न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमारी मंशा वकीलों के बीच के अराजक तत्वों की पहचान करना है न कि सभी वकीलों को एक ही नजर से देखना.
न्यायालय ने उपरोक्त टिप्पणियां करते हुए कहा कि स्पेशल सेल द्वारा वकीलों के ऐसे मामलों की मॉनीटरिंग अथवा विवेचना के दौरान यदि किन्हीं मामलों में उनके साथ किसी पुलिसकर्मी की संलिप्तता सामने आती है तो उसके भूमिका की भी विधिवत जांच होनी चाहिए.
सुनवाई के दौरान मौजूद अधिवक्ताओं ने भी न्यायालय से कहा कि तेजी से बढ़े लॉ कॉलेज भी दूषित पृष्ठभूमि से आए लोगों के इस पेशे में शामिल हो जाने के कारक हैं. इस पर न्यायालय ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया व बार काउंसिल ऑफ यूपी के अधिवक्ताओं से लखनऊ बेंच के क्षेत्राधिकार में आने वाले जनपदों में स्थापित लॉ कॉलेजों का ब्यौरा तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई बुधवार को भी होगी.
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