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खनन माफिया हाजी इकबाल के बेटों की जमानत खारिज, पिता की फरारी को देखते हुए हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इंकार

Allahabad High Court : सहारनपुर के मिर्जापुर थाने में जावेद और अलीशान पर दर्ज है गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

प्रयागराज : मेरठ के खनन माफिया हाजी इकबाल के बेटों की गैंगस्टर मामले में जमानत याचिका खारिज हो गई है. दोनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी. कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के पिता पहले ही देश से फरार हैं और दुबई में हैं. ऐसे में बेटों को जमानत दी गई तो वह भी भाग सकते हैं. यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने जावेद और अलीशान की जमानत अर्जी पर दिया. याची की ओर वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष गोयल और प्रदेश सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और अपर शासकीय अधिवक्ता विकास सहाय ने पक्ष रखा.

सहारनपुर के मिर्जापुर थाने में जावेद और अलीशान पर गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज है. आरोप है कि पिता हाजी इकबाल के साथ मिलकर दोनों एक गिरोह चलाते हैं. गिरोह के लोग जबरन वसूली, जान लेने की धमकी देने आदि के कार्य में संलिप्त हैं. लकड़ी की तस्करी, अवैध खनन, भूमि पर अवैध कब्जे के कार्य में शामिल हैं. इनकी वजह से लोगों में आतंक है. पुलिस ने इन पर गैंगस्टर की कार्रवाई की है. याचियों के वकील ने कहा कि दर्ज एफआईआर गैंगस्टर अधिनियम के प्रावधानों का दुरुपयोग है, क्योंकि याची को गैंग चार्ट में उल्लिखित दो मामलों के आधार पर ही इस मामले में फंसाया गया है, जिसमें से एक मामले में वे दोषमुक्त हो गए हैं. ऐसे में इस मामले में जमानत के हकदार हैं.

सरकार की ओर से विरोध में कहा गया कि याची के भागने का खतरा है, क्योंकि उसके पिता मुख्य आरोपी हाजी इकबाल पहले ही देश छोड़कर भाग चुके हैं. कोर्ट ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत अर्जी खारिज दी है.

प्रयागराज : मेरठ के खनन माफिया हाजी इकबाल के बेटों की गैंगस्टर मामले में जमानत याचिका खारिज हो गई है. दोनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी. कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के पिता पहले ही देश से फरार हैं और दुबई में हैं. ऐसे में बेटों को जमानत दी गई तो वह भी भाग सकते हैं. यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने जावेद और अलीशान की जमानत अर्जी पर दिया. याची की ओर वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष गोयल और प्रदेश सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और अपर शासकीय अधिवक्ता विकास सहाय ने पक्ष रखा.

सहारनपुर के मिर्जापुर थाने में जावेद और अलीशान पर गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज है. आरोप है कि पिता हाजी इकबाल के साथ मिलकर दोनों एक गिरोह चलाते हैं. गिरोह के लोग जबरन वसूली, जान लेने की धमकी देने आदि के कार्य में संलिप्त हैं. लकड़ी की तस्करी, अवैध खनन, भूमि पर अवैध कब्जे के कार्य में शामिल हैं. इनकी वजह से लोगों में आतंक है. पुलिस ने इन पर गैंगस्टर की कार्रवाई की है. याचियों के वकील ने कहा कि दर्ज एफआईआर गैंगस्टर अधिनियम के प्रावधानों का दुरुपयोग है, क्योंकि याची को गैंग चार्ट में उल्लिखित दो मामलों के आधार पर ही इस मामले में फंसाया गया है, जिसमें से एक मामले में वे दोषमुक्त हो गए हैं. ऐसे में इस मामले में जमानत के हकदार हैं.

सरकार की ओर से विरोध में कहा गया कि याची के भागने का खतरा है, क्योंकि उसके पिता मुख्य आरोपी हाजी इकबाल पहले ही देश छोड़कर भाग चुके हैं. कोर्ट ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत अर्जी खारिज दी है.

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