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हाई कोर्ट का आदेश- कांग्रेस उम्मीदवार सरेंडर करें, नहीं तो पुलिस करेगी गिरफ्तार, जानें पूरा मामला - Dharam Singh Choukar

Congress Candidate Dharam Singh Choukar: पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने समालखा विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार धर्म सिंह छौकर को सरेंडर करने और उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं.

Congress Candidate Dharam Singh Choukar
Congress Candidate Dharam Singh Choukar (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 1, 2024, 2:19 PM IST

पंचकूला: पानीपत जिले की समालखा विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार धर्म सिंह छौकर को तगड़ा झटका लगा है. हाई कोर्ट ने छौकर को चेतावनी दी है कि वो कल यानी 2 अक्टूबर 2024 तक सरेंडर कर दें, नहीं तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार करेगी. हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी के आदेश जारी कर दिए हैं. स्पष्ट है कि अब छौकर का पकड़ा जाना तय है.

गैर जमानती वारंट पर भी गिरफ्तारी नहीं: धर्म सिंह छौकर के खिलाफ हाई कोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाए गए हैं कि वो विधानसभा चुनाव के लिए खुलेआम प्रचार कर रहे हैं. जबकि उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हैं. स्पष्ट है कि प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों पर 5 अक्टूबर को मतदान होना है. लेकिन इससे पहले छोकर के गिरफ्तार होने का असर मतदान और चुनाव नतीजों में देखने को मिल सकता है.

छौकर समेत दो विधायकों को मौका: पानीपत जिले की 2 विधानसभाओं पर कांग्रेस ने अपने दो मौजूदा विधायकों को इस बार फिर मौका दिया है. इनमें से एक समालखा से धर्म सिंह छौकर भी शामिल है. दरअसल, धर्म सिंह छौक्कर पहले पुलिस अधिकारी थे, जो वर्ष 2007 में पुलिस की नौकरी छोड़ राजनीति में आए. गौरतलब है कि धर्म सिंह छौक्कर के दो और भाई थे. इनमें से एक इंदर सिंह छौक्कर, जो हरियाणा पुलिस में कार्यरत थे.

साल 2000 में वह पुलिस की नौकरी छोड़ इनेलो के कार्यकर्ता बने, फिर उन्होंने समालखा विधानसभा से राजनीति की शुरुआत की. इनेलो ने टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय ही चुनाव लड़ा. इस दौरान वह पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के संपर्क में आए. इंदर सिंह का निधन होने के बाद उनके भाई धर्म सिंह छौक्कर ने इंदर सिंह छौकर की जगह ली.

2008 में राजनीति में हुए शामिल: साल 2007 में इंदर सिंह छौक्कर की मौत के बाद साल 2008 में धर्म सिंह छौक्कर राजनीति में आए. पहली बार हजकां के टिकट पर कांग्रेस के उम्मीदवार संजय छौक्कर को हराकर विधायक बने. इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए. 2014 में धर्म सिंह छौक्कर ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा. लेकिन उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र मछरौली से हार का सामना करना पड़ा. हारने के बाद भी 5 साल तक वह अपनी विधानसभा में सक्रिय रहे और 2019 के चुनाव में उन्हें 81898 वोट मिले और बीजेपी के प्रत्याशी शशिकांत कौशिक को 66956 वोट मिले. वह दूसरी बार विधायक बने.

ED ने दर्ज किया था केस: करीब 14 महीने पहले ED ने धर्म सिंह छौक्कर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था. गुरुग्राम पुलिस की FIR के बाद ईडी ने कार्रवाई शुरू की थी. एफआईआर में गुरुग्राम पुलिस ने साई आइना फर्म्स प्राइवेट लिमिटेड को धोखाधड़ी का आरोपी बनाया था. इसमें कहा गया कि फर्म ने 1 हजार 497 लोगों से घर के बदले 360 करोड़ रुपये लिए. लोगों को गुरुग्राम सेक्टर 68 में घर बनाकर देने का भरोसा दिया. जो पूरा नहीं किया गया.

ये भी पढ़ें- दुष्यंत चौटाला-चंद्रशेखर के काफिले पर हमला: युवकों ने फेंके पत्थर, एएसपी अध्यक्ष की कार का शीशा टूटा - Attack On Jjp Asp Convoy

पंचकूला: पानीपत जिले की समालखा विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार धर्म सिंह छौकर को तगड़ा झटका लगा है. हाई कोर्ट ने छौकर को चेतावनी दी है कि वो कल यानी 2 अक्टूबर 2024 तक सरेंडर कर दें, नहीं तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार करेगी. हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी के आदेश जारी कर दिए हैं. स्पष्ट है कि अब छौकर का पकड़ा जाना तय है.

गैर जमानती वारंट पर भी गिरफ्तारी नहीं: धर्म सिंह छौकर के खिलाफ हाई कोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाए गए हैं कि वो विधानसभा चुनाव के लिए खुलेआम प्रचार कर रहे हैं. जबकि उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हैं. स्पष्ट है कि प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों पर 5 अक्टूबर को मतदान होना है. लेकिन इससे पहले छोकर के गिरफ्तार होने का असर मतदान और चुनाव नतीजों में देखने को मिल सकता है.

छौकर समेत दो विधायकों को मौका: पानीपत जिले की 2 विधानसभाओं पर कांग्रेस ने अपने दो मौजूदा विधायकों को इस बार फिर मौका दिया है. इनमें से एक समालखा से धर्म सिंह छौकर भी शामिल है. दरअसल, धर्म सिंह छौक्कर पहले पुलिस अधिकारी थे, जो वर्ष 2007 में पुलिस की नौकरी छोड़ राजनीति में आए. गौरतलब है कि धर्म सिंह छौक्कर के दो और भाई थे. इनमें से एक इंदर सिंह छौक्कर, जो हरियाणा पुलिस में कार्यरत थे.

साल 2000 में वह पुलिस की नौकरी छोड़ इनेलो के कार्यकर्ता बने, फिर उन्होंने समालखा विधानसभा से राजनीति की शुरुआत की. इनेलो ने टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय ही चुनाव लड़ा. इस दौरान वह पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के संपर्क में आए. इंदर सिंह का निधन होने के बाद उनके भाई धर्म सिंह छौक्कर ने इंदर सिंह छौकर की जगह ली.

2008 में राजनीति में हुए शामिल: साल 2007 में इंदर सिंह छौक्कर की मौत के बाद साल 2008 में धर्म सिंह छौक्कर राजनीति में आए. पहली बार हजकां के टिकट पर कांग्रेस के उम्मीदवार संजय छौक्कर को हराकर विधायक बने. इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए. 2014 में धर्म सिंह छौक्कर ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा. लेकिन उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र मछरौली से हार का सामना करना पड़ा. हारने के बाद भी 5 साल तक वह अपनी विधानसभा में सक्रिय रहे और 2019 के चुनाव में उन्हें 81898 वोट मिले और बीजेपी के प्रत्याशी शशिकांत कौशिक को 66956 वोट मिले. वह दूसरी बार विधायक बने.

ED ने दर्ज किया था केस: करीब 14 महीने पहले ED ने धर्म सिंह छौक्कर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था. गुरुग्राम पुलिस की FIR के बाद ईडी ने कार्रवाई शुरू की थी. एफआईआर में गुरुग्राम पुलिस ने साई आइना फर्म्स प्राइवेट लिमिटेड को धोखाधड़ी का आरोपी बनाया था. इसमें कहा गया कि फर्म ने 1 हजार 497 लोगों से घर के बदले 360 करोड़ रुपये लिए. लोगों को गुरुग्राम सेक्टर 68 में घर बनाकर देने का भरोसा दिया. जो पूरा नहीं किया गया.

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