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हाईकोर्ट बार चुनाव सुबह स्थगित, शाम को बहाल, जानिए आखिर चुनाव समिति को क्यों लेना पड़ा ऐसा फैसला? - High court news

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 2, 2024, 6:44 AM IST

आचार संहिता उल्लंघन के चलते हाईकोर्ट बार एसोसिएशन चुनाव कराए जाने कै फैसला लिया जाएगा. इस चुनाव को लेकर वोटिंग कल होगी.

High court news
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प्रयागराजः आचार संहिता उल्लंघन की अति ने सोमवार को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की 28 सदस्यीय कार्यकारिणी का चुनाव स्थगित करा दिया था. चुनाव समिति के इस सख्त रुख से लंच के पहले तक प्रचार में पूरी ताकत झोंक रहे प्रत्याशियों के होश उड़ गए. आनन फानन में आया चुनाव समिति का यह निर्णय जंगल में में आग की तरह परिसर में फैल गया. इस निर्णय से प्रत्याशी और उनके समर्थक ही नहीं, आम वकील भी भौचक्का थे। जिन गलियारों में जोरदारी से प्रचार हो रहा था. देखते ही देखते वहां सन्नाटा पसरने लगा. किसी प्रत्याशी के लिए फ्लाई ओवर के नीचे सुबह से हल्ला मचा रहा लाउडस्पीकर भी सन्नाटा मार गया. बाद में प्रत्याशियों के अश्वासन पर देर शाम चुनाव समिति ने आकस्मिक बैठक बुलाई और स्थगन का फैसला वापस लेते हुए चुनाव (मतदान/मतगणना) पूर्व निर्धारित समय पर ही कराने का निर्णय लिया तब जाकर प्रत्याशियों और अन्य की जान में जान आई.

28 सदस्यीय कार्यकारिणी के चुनाव के लिए तीन अप्रैल को होने वाले मतदान की तैयारियां जोरों से चल रही थीं. मतदान में दो दिन शेष देख प्रत्याशियों ने भी सुबह से ही प्रचार में पूरी ताकत झोंक रखी थी. परिसर के प्रत्येक गलियारे विभिन्न पदों के प्रत्याशियों के जूलूस से खचाखच भरे थे और जमीन पैंफलेट से पटी थी. यही नहीं कुछ जुलूस में नारेबाजी भी हुई. बताया जाता है कि एक न्यायाधीश ने चुनाव समिति वालों को से इस पर आपत्ति जताई. एक निवर्तमान पदाधिकारी ने बताया कि वह एक कोर्ट में अपने मुकदमे के लिए खड़े थे तो कोर्ट ने परिसर की स्थिति को लेकर उन्हें टोक दिया. कहा कि क्या हो रहा है. हाईकोर्ट बार का चुनाव है या स्टूडेंट यूनियन का. उधर, फ्लाई ओवर के नीचे भाषणबाजी भी हो रही थी. चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन से आजिज आकर मुख्य चुनाव अधिकारी वीएम जैदी ने आनन फानन में अपनी टीम की बैठक बुलाई. बैठक में मुख्य चुनाव अधिकारी वीएम जैदी, चुनाव अधिकारी विनोद कांत, आरसी सिंह, वशिष्ठ तिवारी, चंदन शर्मा और प्रभाकर अवस्थी ने कहा कि प्रत्याशी आचार संहिता उल्लंघन से बाज नहीं आ रहे हैं जबकि चुनाव समिति कई बार चेतावनी जारी कर चुकी है और अध्यक्ष एवं महासचिव पद के प्रत्याशी स्वयं आचार संहिता के पालन का अश्वासन दे चुके हैं.

चुनाव समिति वैधानिक कार्यवाही की चेतावनी भी दे चुकी है लेकिन प्रत्याशियों के समर्थन में सिविल लाइंस स्थित गेस्ट हाउस व होटलों से लेकर दारागंज के मठों तक होली मिलन और रात्रि भोज के नाम से कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं और ये कार्यक्रम किसी न किसी अधिवक्ता की ओर से आयोजित कराए जा रहे हैं. आश्चर्यजनक यह है कि अध्यक्ष और महासचिव पद के प्रत्याशी चुनाव समिति के साथ बैठक में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित न कराने और न शामिल होने का अश्वासन देने के बाद भी बड़ी संख्या में इन कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं. यह चुनाव आचार संहिता और अमित निगम के मामले में हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना है. समिति ने कहा कि ऐसी स्थिति में चुनाव कराना संभव नहीं है इसलिए उन्हें मजबूरन चुनाव स्थगित करना पड़ रहा है. देखते ही देखते चुनाव समिति के इस निर्णय की हस्ताक्षरित कॉपी सोशल मीडिया में दौड़ने लगी. इसके बाद तो नजारा ही बदल गया. गलियारों में प्रचार थम गया और फ्लाई ओवर के नीचे भाषणबाजी का शोर भी शांत हो गया. प्रत्याशियों की समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें. बताया जाता है कुछ ने चुनाव समिति को घेरा और निर्णय वापस लेने को कहा. कुछ प्रत्याशियों ने आचार संहिता का पालन करने का अश्वासन दिया. उसके बाद देर शाम चुनाव समिति की फिर बैठक हुई जिसमें चुनाव स्थगित करने का निर्णय वापस ले लिया गया.

प्रयागराजः आचार संहिता उल्लंघन की अति ने सोमवार को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की 28 सदस्यीय कार्यकारिणी का चुनाव स्थगित करा दिया था. चुनाव समिति के इस सख्त रुख से लंच के पहले तक प्रचार में पूरी ताकत झोंक रहे प्रत्याशियों के होश उड़ गए. आनन फानन में आया चुनाव समिति का यह निर्णय जंगल में में आग की तरह परिसर में फैल गया. इस निर्णय से प्रत्याशी और उनके समर्थक ही नहीं, आम वकील भी भौचक्का थे। जिन गलियारों में जोरदारी से प्रचार हो रहा था. देखते ही देखते वहां सन्नाटा पसरने लगा. किसी प्रत्याशी के लिए फ्लाई ओवर के नीचे सुबह से हल्ला मचा रहा लाउडस्पीकर भी सन्नाटा मार गया. बाद में प्रत्याशियों के अश्वासन पर देर शाम चुनाव समिति ने आकस्मिक बैठक बुलाई और स्थगन का फैसला वापस लेते हुए चुनाव (मतदान/मतगणना) पूर्व निर्धारित समय पर ही कराने का निर्णय लिया तब जाकर प्रत्याशियों और अन्य की जान में जान आई.

28 सदस्यीय कार्यकारिणी के चुनाव के लिए तीन अप्रैल को होने वाले मतदान की तैयारियां जोरों से चल रही थीं. मतदान में दो दिन शेष देख प्रत्याशियों ने भी सुबह से ही प्रचार में पूरी ताकत झोंक रखी थी. परिसर के प्रत्येक गलियारे विभिन्न पदों के प्रत्याशियों के जूलूस से खचाखच भरे थे और जमीन पैंफलेट से पटी थी. यही नहीं कुछ जुलूस में नारेबाजी भी हुई. बताया जाता है कि एक न्यायाधीश ने चुनाव समिति वालों को से इस पर आपत्ति जताई. एक निवर्तमान पदाधिकारी ने बताया कि वह एक कोर्ट में अपने मुकदमे के लिए खड़े थे तो कोर्ट ने परिसर की स्थिति को लेकर उन्हें टोक दिया. कहा कि क्या हो रहा है. हाईकोर्ट बार का चुनाव है या स्टूडेंट यूनियन का. उधर, फ्लाई ओवर के नीचे भाषणबाजी भी हो रही थी. चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन से आजिज आकर मुख्य चुनाव अधिकारी वीएम जैदी ने आनन फानन में अपनी टीम की बैठक बुलाई. बैठक में मुख्य चुनाव अधिकारी वीएम जैदी, चुनाव अधिकारी विनोद कांत, आरसी सिंह, वशिष्ठ तिवारी, चंदन शर्मा और प्रभाकर अवस्थी ने कहा कि प्रत्याशी आचार संहिता उल्लंघन से बाज नहीं आ रहे हैं जबकि चुनाव समिति कई बार चेतावनी जारी कर चुकी है और अध्यक्ष एवं महासचिव पद के प्रत्याशी स्वयं आचार संहिता के पालन का अश्वासन दे चुके हैं.

चुनाव समिति वैधानिक कार्यवाही की चेतावनी भी दे चुकी है लेकिन प्रत्याशियों के समर्थन में सिविल लाइंस स्थित गेस्ट हाउस व होटलों से लेकर दारागंज के मठों तक होली मिलन और रात्रि भोज के नाम से कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं और ये कार्यक्रम किसी न किसी अधिवक्ता की ओर से आयोजित कराए जा रहे हैं. आश्चर्यजनक यह है कि अध्यक्ष और महासचिव पद के प्रत्याशी चुनाव समिति के साथ बैठक में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित न कराने और न शामिल होने का अश्वासन देने के बाद भी बड़ी संख्या में इन कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं. यह चुनाव आचार संहिता और अमित निगम के मामले में हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना है. समिति ने कहा कि ऐसी स्थिति में चुनाव कराना संभव नहीं है इसलिए उन्हें मजबूरन चुनाव स्थगित करना पड़ रहा है. देखते ही देखते चुनाव समिति के इस निर्णय की हस्ताक्षरित कॉपी सोशल मीडिया में दौड़ने लगी. इसके बाद तो नजारा ही बदल गया. गलियारों में प्रचार थम गया और फ्लाई ओवर के नीचे भाषणबाजी का शोर भी शांत हो गया. प्रत्याशियों की समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें. बताया जाता है कुछ ने चुनाव समिति को घेरा और निर्णय वापस लेने को कहा. कुछ प्रत्याशियों ने आचार संहिता का पालन करने का अश्वासन दिया. उसके बाद देर शाम चुनाव समिति की फिर बैठक हुई जिसमें चुनाव स्थगित करने का निर्णय वापस ले लिया गया.

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