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मुख्तार के करीबी नगर पालिका चेयरमैन की सशर्त अग्रिम जमानत मंजूर - High court news

इलाहाबाद हाईकोर्ट (High court) ने मुख्तार अंसारी (mukhtar ansari) के करीबी मोहम्मदाबाद नगर पालिका परिषद के चेयरमैन शमीम अहमद की धोखाधड़ी के मामले में सशर्त अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है.

High court news
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 3, 2024, 6:48 AM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (High court) ने मुख्तार अंसारी (mukhtar ansari) के करीबी मोहम्मदाबाद नगर पालिका परिषद के चेयरमैन शमीम अहमद की धोखाधड़ी के मामले में सशर्त अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है.

यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने याची के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय और सरकारी वकील को सुनकर दिया है. याची पर आरोप है कि उसने चेयरमैन पद का दुरुपयोग करते हुए शिकायतकर्ता का नाम नगर पालिका से हटा दिया जबकि याची का कहना था कि उसे दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से फंसाया गया है. यह कृत्य सरकारी कर्मचारियों ने किया है. इसमें उसकी कोई भूमिका नहीं है. इससे उसका कोई लेना-देना नहीं है. उसका केवल एक मुकदमे का आपराधिक इतिहास है, जिसकी कार्यवाही पर अदालत से रोक लगी है. इसके बावजूद उसे गिरफ्तार किया जा सकता है. एडवोकेट उपाध्याय ने कहा कि याची की अग्रिम जमानत मंजूर होती है तो वह ट्रायल में पूरा सहयोग करने को तैयार है इसलिए उसे अग्रिम जमानत दी जाए। सरकारी वकील ने अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध किया लेकिन तथ्यों से इनकार नहीं किया. सुनवाई के बाद कोर्ट ने अग्रिम जमानत अर्जी सशर्त मंजूर कर ली.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (High court) ने मुख्तार अंसारी (mukhtar ansari) के करीबी मोहम्मदाबाद नगर पालिका परिषद के चेयरमैन शमीम अहमद की धोखाधड़ी के मामले में सशर्त अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है.

यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने याची के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय और सरकारी वकील को सुनकर दिया है. याची पर आरोप है कि उसने चेयरमैन पद का दुरुपयोग करते हुए शिकायतकर्ता का नाम नगर पालिका से हटा दिया जबकि याची का कहना था कि उसे दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से फंसाया गया है. यह कृत्य सरकारी कर्मचारियों ने किया है. इसमें उसकी कोई भूमिका नहीं है. इससे उसका कोई लेना-देना नहीं है. उसका केवल एक मुकदमे का आपराधिक इतिहास है, जिसकी कार्यवाही पर अदालत से रोक लगी है. इसके बावजूद उसे गिरफ्तार किया जा सकता है. एडवोकेट उपाध्याय ने कहा कि याची की अग्रिम जमानत मंजूर होती है तो वह ट्रायल में पूरा सहयोग करने को तैयार है इसलिए उसे अग्रिम जमानत दी जाए। सरकारी वकील ने अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध किया लेकिन तथ्यों से इनकार नहीं किया. सुनवाई के बाद कोर्ट ने अग्रिम जमानत अर्जी सशर्त मंजूर कर ली.

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