नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व के आदेश का पालन नहीं करते हुए तत्कालीन पंजाब नेशनल के डिप्टी जोनल मैनेजर अधिकारी हरिद्वार के खिलाफ बेलेबल वारंट जारी किया है. साथ ही क्षेत्रीय प्रबंधक सहित दोनों अधिकरियों को 20 अगस्त को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए हैं. मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ती मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने की.
मामले के अनुसार हरिद्वार की रुड़की निवासी उमा अग्रवाल ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था कि उन्होंने पीएनबी बैंक से हाउस लोन लिया था. जिसकी किश्त उनके द्वारा तय समय पर अदा नहीं की गई, जब उन्होंने इसकी किश्त जमा की तो बैंक ने उनके खाते को एनपीए कर दिया. बैंक द्वारा उनके खाते को एनपीए करने के आधार पर उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की. उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने उन्हें आदेश देते हुए कहा कि वे प्रथम किश्त 8 लाख 25 हजार रुपए दस दिन के भीतर बैंक में जमा करें. साथ ही शेष बची धनराशि के सेटलामेंट के समाधान करने हेतु बैंक में प्रत्यावेदन दें.
याचिकाकर्ता ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए उक्त धनराशि बैंक ड्राफ्ट सहित जमा कर दी, लेकिन बैंक ने कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं करते हुए 8.25 लाख रुपए का बैंक ड्राफ्ट सहित उनके प्रत्यावेदन को वापस कर दिया. आदेश का पालन नहीं करने पर पूर्व में बैक के उच्च अधिकारियों के खिलाफ याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका दायर की थी. पिछली हुई सुनवाई पर कोर्ट ने बैंक के तत्कालीन डिप्टी जोनल अधिकारी सहित क्षेत्रीय शाखा प्रबंधक से कोर्ट में पेश होने को कहा था, लेकिन आज वे कोर्ट में पेश नहीं हुए.
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