ETV Bharat / state

हाईकोर्ट का फैसला; 1998 की सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित की 2006 में नियुक्ति पर पुरानी पेंशन से इनकार - हाईकोर्ट सहायक शिक्षक पुरानी पेंशन

हाईकोर्ट ने कहा है कि बीटीसी ट्रेनिंग योग्यता है, इससे चयन प्रक्रिया पूरी नहीं मानी जा सकती. हाईकोर्ट ने वर्ष 1998 की प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापक भर्ती में चयनितों की प्रशिक्षण प्राप्ति के बाद 2006 में नियुक्ति के कारण पुरानी पेंशन का लाभ देने से इनकार कर दिया है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 4, 2024, 10:36 PM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वर्ष 1998 की प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित अभ्यर्थी की प्रशिक्षण प्राप्ति के बाद 2006 में नियुक्ति के कारण पुरानी पेंशन का लाभ देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि अभ्यर्थी प्रशिक्षण योग्यता हासिल कर रहा हो तो यह नहीं कहा जा सकता कि चयन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. नियुक्ति के बाद ही चयन प्रक्रिया पूरी मानी जाएगी. याची ने विशेष बीटीसी ट्रेनिंग 2006 में पूरी की और नई पेंशन स्कीम एक अप्रैल 2005 को लागू कर दी गई थी. याची की नियुक्ति उसके बाद 20 मई 2006 को हुई इसलिए वह 1998 की भर्ती होने के आधार पर पुरानी पेंशन की मांग नहीं कर सकती.

यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने सुषमा यादव की याचिका को खारिज करते हुए दिया है. याची का कहना था कि उसका चयन 1998 की भर्ती में हुआ है. नियुक्ति में देरी के लिए उसे दोषी नहीं माना जा सकता. कोर्ट के अंतरिम आदेश से याची ने 20 जुलाई 2004 को जंगीपुर प्राथमिक विद्यालय गाजीपुर में सहायक अध्यापक पद पर ज्वाइन किया. विशेष बीटीसी प्रशिक्षण प्रमाणपत्र जारी होने के बाद उसे 2006 में नियुक्त किया गया. नियुक्ति के 17 साल बाद याची ने 17 नवंबर 2023 को पुरानी पेंशन के लिए बेसिक शिक्षा निदेशक को प्रत्यावेदन दिया. कहा कि नियुक्ति में देरी में उसकी गलती नहीं है. मुख्य स्थायी अधिवक्ता विपिन बिहारी पांडेय ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि बीटीसी ट्रेनिंग नियुक्ति की योग्यता है. इसे चयन प्रक्रिया का हिस्सा नहीं माना जा सकता इसलिए याची पुरानी पेंशन की हकदार नहीं हैं. कोर्ट ने जनार्दन राय केस के फैसले का अनुसरण करते हुए पुरानी पेंशन की मांग को निराधार करार देते हुए याचिका खारिज कर दी.

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वर्ष 1998 की प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित अभ्यर्थी की प्रशिक्षण प्राप्ति के बाद 2006 में नियुक्ति के कारण पुरानी पेंशन का लाभ देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि अभ्यर्थी प्रशिक्षण योग्यता हासिल कर रहा हो तो यह नहीं कहा जा सकता कि चयन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. नियुक्ति के बाद ही चयन प्रक्रिया पूरी मानी जाएगी. याची ने विशेष बीटीसी ट्रेनिंग 2006 में पूरी की और नई पेंशन स्कीम एक अप्रैल 2005 को लागू कर दी गई थी. याची की नियुक्ति उसके बाद 20 मई 2006 को हुई इसलिए वह 1998 की भर्ती होने के आधार पर पुरानी पेंशन की मांग नहीं कर सकती.

यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने सुषमा यादव की याचिका को खारिज करते हुए दिया है. याची का कहना था कि उसका चयन 1998 की भर्ती में हुआ है. नियुक्ति में देरी के लिए उसे दोषी नहीं माना जा सकता. कोर्ट के अंतरिम आदेश से याची ने 20 जुलाई 2004 को जंगीपुर प्राथमिक विद्यालय गाजीपुर में सहायक अध्यापक पद पर ज्वाइन किया. विशेष बीटीसी प्रशिक्षण प्रमाणपत्र जारी होने के बाद उसे 2006 में नियुक्त किया गया. नियुक्ति के 17 साल बाद याची ने 17 नवंबर 2023 को पुरानी पेंशन के लिए बेसिक शिक्षा निदेशक को प्रत्यावेदन दिया. कहा कि नियुक्ति में देरी में उसकी गलती नहीं है. मुख्य स्थायी अधिवक्ता विपिन बिहारी पांडेय ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि बीटीसी ट्रेनिंग नियुक्ति की योग्यता है. इसे चयन प्रक्रिया का हिस्सा नहीं माना जा सकता इसलिए याची पुरानी पेंशन की हकदार नहीं हैं. कोर्ट ने जनार्दन राय केस के फैसले का अनुसरण करते हुए पुरानी पेंशन की मांग को निराधार करार देते हुए याचिका खारिज कर दी.

यह भी पढ़ें : हाईकोर्ट ने प्रोफेसरों पर दर्ज मुकदमा किया रद्द, शिकायतकर्ता शिक्षिका पर लगाया 5 लाख रुपये हर्जाना

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.