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बहराइच हिंसा; 23 आरोपियों के घरों पर 4 नवंबर तक नहीं चलेगा बुलडोजर, कोर्ट ने सबूत पेश करने के लिए दिया समय - BAHRAICH VIOLENCE

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सरकार और पीड़ित पक्ष को दिया एक सप्ताह का समय, 13 अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन के दौरान भड़की थी हिंसा

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बहराइच हिंसा. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 23, 2024, 5:30 PM IST

लखनऊ: बहराइच के महसी-महाराजगंज में हिंसा और राम गोपाल मिश्रा की हत्या के बाद आरोपियों पर बुलडोजर एक्शन पर 4 नवंबर तक रोक रहेगी. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बुधवार को इस मामले में दोनों पक्षों को सुना. इसके बाद कोर्ट ने 4 नवंबर तक सरकार और पीड़ितों को अपने-अपने साक्ष्य प्रस्तुत करने का समय दिया है.

बहराइच हिंसा मामले में मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के वकील कलीम हाशमी के मुताबिक, पीडब्ल्यूडी ने 23 लोगों के मकान तोड़ने का नोटिस दिया था. इस पर एपीसीआर संस्था की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. जिस पर तत्काल सुनवाई करते हुए बुल्डोजर एक्शन पर रोक लगा दी थी. बुधवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक बार फिर सुनवाई करते हुए पीड़ित और सरकार पक्ष को सुना है. कोर्ट ने दोनों पक्षों सरकार और पीड़ितों को मामले में अपने अपने साक्ष्य और दस्तावेज पेश करने के आदेश दिए है. मामले में अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी. तब तक बहराइच में PWD के द्वारा दिए नोटिस पर रोक जारी रहेगी.

दरअसल, पिछले सप्ताह बहराइच में मूर्ति विसर्जन के दौरान महराजगंज कस्बे में डीजे को लेकर दो समुदायों में विवाद हो गया था, जो बाद में हिंसक हो गया. इस दौरान एक रामगोपाल मिश्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. कई दिनों तक इस क्षेत्र में तनाव की स्थिति रही थी और जमकर तोड़फोड़ और आगजनी हुई थी. जिन इलाकों में हिंसा भड़की थी, वहां PWD की ओर से 23 लोगों को घर को गिराने के लिए नोटिस जारी किए थे. इन घरों के मालिकों का नाम हिंसा से जुड़ी एक एफआईआर में दर्ज किया गया है. प्रशासन का कहना है कि भवनों का निर्माण अवैध तरीके से किया गया था और यह सरकारी जमीन पर खड़ी हैं. नोटिस पाने वाले तीन लोगों ने बुलडोजर एक्शन के खिलाफ कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी.

बहराइच हिंसा में कब क्या हुआ?

  • 13 अक्टूबर को बहराइच के महसी महराजगंज में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान विवाद के बाद युवक राम गोपाल मिश्रा की हत्या.
  • 14 अक्टूबर को युवक के अंतिम संस्कार के दौरान फिर भड़के लोग. एडीजी लॉ एंड ऑर्डल अमिताभ यश रिवाल्वर लेकर सड़क पर उतरे.
  • पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने थानाध्यक्ष हरदी एसके वर्मा और चौकी इंचार्ज महसी शिव कुमार को निलम्बित किया.
  • 17 अक्टूबर को पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया. इनमें 2 मुख्य आरोपियों सरफराज और तालीम को पुलिस की गोली लगी.
  • 18 अक्टूबर को मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद समेत 23 के घर नोटिस चस्पा किया गया.
  • 20 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने बुलडोजर की कार्रवाई पर 15 तक के लिए लगाई रोक.
  • 21 अक्टूबर- ASP ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी को हटाए गए. उन्हें अब पुलिस महानिदेशक कार्यलाय (DGP HQs) से अटैच किया गया. उनके स्थान पर ASP को बहराइच ग्रामीण में तैनात किया गया.
  • 21 अक्टूबर- महसी बीजेपी विधायक ने जिला अस्पताल में हंगामा मामले में भाजयूमो नगर अध्यक्ष सहित आठ लोगों पर एफआईआर दर्ज कराया.

इसे भी पढ़ें-बहराइच हिंसा: बीजेपी कार्यकर्ता पर FIR मामले में बोले विधायक, उपचुनाव जीतने के लिए आरोप लगा रहे अखिलेश

लखनऊ: बहराइच के महसी-महाराजगंज में हिंसा और राम गोपाल मिश्रा की हत्या के बाद आरोपियों पर बुलडोजर एक्शन पर 4 नवंबर तक रोक रहेगी. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बुधवार को इस मामले में दोनों पक्षों को सुना. इसके बाद कोर्ट ने 4 नवंबर तक सरकार और पीड़ितों को अपने-अपने साक्ष्य प्रस्तुत करने का समय दिया है.

बहराइच हिंसा मामले में मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के वकील कलीम हाशमी के मुताबिक, पीडब्ल्यूडी ने 23 लोगों के मकान तोड़ने का नोटिस दिया था. इस पर एपीसीआर संस्था की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. जिस पर तत्काल सुनवाई करते हुए बुल्डोजर एक्शन पर रोक लगा दी थी. बुधवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक बार फिर सुनवाई करते हुए पीड़ित और सरकार पक्ष को सुना है. कोर्ट ने दोनों पक्षों सरकार और पीड़ितों को मामले में अपने अपने साक्ष्य और दस्तावेज पेश करने के आदेश दिए है. मामले में अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी. तब तक बहराइच में PWD के द्वारा दिए नोटिस पर रोक जारी रहेगी.

दरअसल, पिछले सप्ताह बहराइच में मूर्ति विसर्जन के दौरान महराजगंज कस्बे में डीजे को लेकर दो समुदायों में विवाद हो गया था, जो बाद में हिंसक हो गया. इस दौरान एक रामगोपाल मिश्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. कई दिनों तक इस क्षेत्र में तनाव की स्थिति रही थी और जमकर तोड़फोड़ और आगजनी हुई थी. जिन इलाकों में हिंसा भड़की थी, वहां PWD की ओर से 23 लोगों को घर को गिराने के लिए नोटिस जारी किए थे. इन घरों के मालिकों का नाम हिंसा से जुड़ी एक एफआईआर में दर्ज किया गया है. प्रशासन का कहना है कि भवनों का निर्माण अवैध तरीके से किया गया था और यह सरकारी जमीन पर खड़ी हैं. नोटिस पाने वाले तीन लोगों ने बुलडोजर एक्शन के खिलाफ कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी.

बहराइच हिंसा में कब क्या हुआ?

  • 13 अक्टूबर को बहराइच के महसी महराजगंज में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान विवाद के बाद युवक राम गोपाल मिश्रा की हत्या.
  • 14 अक्टूबर को युवक के अंतिम संस्कार के दौरान फिर भड़के लोग. एडीजी लॉ एंड ऑर्डल अमिताभ यश रिवाल्वर लेकर सड़क पर उतरे.
  • पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने थानाध्यक्ष हरदी एसके वर्मा और चौकी इंचार्ज महसी शिव कुमार को निलम्बित किया.
  • 17 अक्टूबर को पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया. इनमें 2 मुख्य आरोपियों सरफराज और तालीम को पुलिस की गोली लगी.
  • 18 अक्टूबर को मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद समेत 23 के घर नोटिस चस्पा किया गया.
  • 20 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने बुलडोजर की कार्रवाई पर 15 तक के लिए लगाई रोक.
  • 21 अक्टूबर- ASP ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी को हटाए गए. उन्हें अब पुलिस महानिदेशक कार्यलाय (DGP HQs) से अटैच किया गया. उनके स्थान पर ASP को बहराइच ग्रामीण में तैनात किया गया.
  • 21 अक्टूबर- महसी बीजेपी विधायक ने जिला अस्पताल में हंगामा मामले में भाजयूमो नगर अध्यक्ष सहित आठ लोगों पर एफआईआर दर्ज कराया.

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