चरखी दादरी: पढ़ाई के दौरान शरारत करने पर माता-पिता की डांट का हेमंत सांगवान के जीवन पर ऐसा असर पड़ा कि उन्होंने हर कदम पर लोगों को अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. हाल ही में अमेरिका के कोलोराडो में आयोजित विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के 90 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने भारत का नाम रौशन किया है. चरखी दादरी के गांव खेड़ी बूरा निवासी हेमंत सांगवान का गांव लौटने पर ग्रामीणों ने स्वागत किया.
पीएम मोदी का फैन है हेमंत : बाक्सिंग में अपनी प्रतिभा दिखाते हुए गोल्ड मेडल जीतकर अपना और परिजनों का सपना पूरा करने वाले हेमंत महज 17 साल के हैं. इस छोटी सी उम्र में गोल्ड हासिल करने वाले हेमंत विश्व के सबसे छोटी उम्र के खिलाड़ी है. हेमंत के माता-पिता पुलिस सेवा में हैं. साथ ही हेमंत पीएम मोदी का फैन भी है. गोल्ड मेडलिस्ट हेमंत ने देश के खिलाड़ियों को अच्छा माहौल देने पर पीएम का आभार भी जताया है.
विश्व का सबसे कम उम्र का गोल्ड मेडलिस्ट : बता दें कि हेमंत ने फाइनल में 4-1 के स्कोर से जीत हासिल करते हुए गोल्ड पर कब्जा किया है. माता-पिता की माने तो हेमंत शरारती था और एक दिन उसे डांट लगाई थी, उस डांट ने हेमंत का जीवन ही बदल दिया. महज 11 वर्ष की उम्र में ही हेमंत ने बॉक्सिंग शुरू की और लगातार मेहनत करते हुए 17 वर्ष की उम्र में विश्व विजेता का खिताब अपने नाम कर लिया. विश्व का सबसे छोटी उम्र का गोल्ड मेडलिस्ट बनने का रिकार्ड हेमंत सांगवान ने अपने नाम किया है.
ग्रामीणों ने किया स्वागत : मेडल लेकर अपने गांव खेड़ी बूरा लौटे हेमंत सांगवान को परिजनों और ग्रामीणों ने सम्मानित किया. हेमंत सांगवान ने बताया कि वो पीएम मोदी का फैन है और अब ओलंपिक में देश के लिए सोना जीतना ही उसका टारगेट है. उसने कहा कि अपने देश में ओलंपिक होने पर खेलों और प्रतिभाओं को बढ़ावा मिलेगा. युवाओं को नशे से दूर रहकर मेहनत करने का संदेश देते हुए हेमंत ने अपनी सफलता का श्रेय कोच और परिजनों को दिया है.
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