रांची: चुनाव नजदीक आते ही लोग अपनी-अपनी समस्याओं के आधार पर वोट देने की बात करते नजर आ रहे हैं. राजधानी रांची का औद्योगिक क्षेत्र कहे जाने वाले धुर्वा के लोग भी इस बार मतदान को लेकर काफी गंभीर और सक्रिय दिख रहे हैं. हटिया विधानसभा क्षेत्र में एचईसी का खास प्रभाव है. क्योंकि इस क्षेत्र में रहने वाले अधिकतर लोग किसी न किसी तरह से एचईसी या अन्य उद्योगों से जुड़े हुए हैं.
क्या कहते हैं लोग?
आबादी की बात करें तो इस इलाके में करीब 3 लाख लोग रहते हैं. चुनाव से पहले एचईसी क्षेत्र में रहने वाले लोगों ने कहा था कि वे अपने स्थानीय मुद्दों के आधार पर वोट करेंगे.
एचईसी में रहने वाले मजदूर वर्ग के लोगों में शामिल हवलदार राय कहते हैं कि धुर्वा की जो स्थिति राजधानी बनने से पहले थी, कमोबेश वही स्थिति आज भी है.
धुर्वा निवासी शेखर सुमन कहते हैं कि धुर्वा में रहने वाले युवा उसी उम्मीदवार को वोट देंगे जो धुर्वा और हटिया इलाके में रहने वाले युवाओं को रोजगार मुहैया कराएगा.
एचईसी में कार्यरत कर्मचारी मुकेश तिवारी कहते हैं कि धुर्वा क्षेत्र की जनता एचईसी के हित की बात करने वाले प्रत्याशी को वोट देगी. उन्होंने कहा कि कई सरकारें आईं लेकिन एचईसी के कल्याण की बात नहीं करतीं, बल्कि आश्वासन देकर लोगों को धोखा देती हैं. लेकिन इस बार यहां की जनता उन्हीं उम्मीदवारों को सांसद चुनेगी जो एचईसी में कार्यरत कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए सदन में आवाज उठाएंगे.
मजदूर संघ कर रहे अलग-अलग पार्टी का समर्थन
वहीं, श्रमिक नेता अपने-अपने स्तर पर पार्टी समर्थित का समर्थन कर रहे हैं. भारतीय मजदूर संघ के नेता रामाशंकर ने कहा कि सभी कर्मचारी वर्तमान सांसद का समर्थन कर रहे हैं, जबकि हटिया मजदूर संघ के नेता भवन सिंह ने कहा कि इस बार लोग वर्तमान सांसद के खिलाफ अपना वोट देंगे.
इसी एचईसी क्षेत्र में रहने वाले निहार रंजन दास ने कहा कि पिछले 15 वर्षों में जिस तरह से एचईसी की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है, अब इस क्षेत्र में रहने वाले मतदाताओं को वोट बहिष्कार और नोटा का निर्णय लेने पर भी विचार करना चाहिए.
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