जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में इन दिनों भारी बारिश हो रही है. आलम यह है कि कई क्षेत्र जलमग्न हो चुका है. खासकर नीचले क्षेत्रों की हालत बद से बदतर है. बात अगर बस्तर संभाग की करें तो शुक्रवार सुबह हुई झमाझम बारिश ने शहरी और ग्रामीण इलाकों में जमकर तबाही मचाई है. एक तरफ जहां तेज हवा और भारी बारिश की वजह से कोतवाली परिसर में एक विशालकाय पेड़ धराशाई हो गया. वहीं, इस पेड़ के नीचे रखे करीबन 3 से 4 वाहन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. वहीं, जगदलपुर शहर के एक दर्जन से अधिक वार्डो में बारिश का पानी भर गया, जिससे कई घर भी प्रभावित हुए.
बारिश से कई घरों में घुसा पानी: जगदलपुर में भारी बारिश के कारण 100 से अधिक घरों में बारिश का पानी भर गया, जिससे वार्डवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, मूसलाधार बारिश ने नगर निगम के सारे दावों की पोल खोल कर रख दी है. शहर की कई सड़कें नदियों में तब्दील हो गई है. इस बारे में वार्डवासी रेवती सेठिया का कहना है, "सुबह हुई कुछ देर की बारिश का पानी घर में घुस गया, जिससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पार्षद और नगर निगम सफाई बिल्कुल नहीं करवाते, जिस वजह से नालियों का गंदा पानी घरों में घुस जाता है. नाली का पानी घर में घुसने की वजह से घर में बदबू फैल जाता है.
कुछ देर की बारिश ने खोला पोल: इस पूरे मामले में निगम नेता प्रतिपक्ष उदय जेम्स ने कहा, "महापौर और निगम कमिश्नर के दावों का पोल कुछ देर की बारिश ने खोल दी है. सभी नालियों की अच्छी सफाई करने के दावे करने वाले चमचमाती गाड़ी में आते है और निकल जाते है." वहीं महापौर सफीरा साहू ने इसे प्राकृतिक आपदा कहा है.
पानी का जो श्रोत है, वह प्राकृतिक आपदा है. ज्यादा पानी गिरने के कारण जिन-जिन वार्डो में जल भराव की स्थिति नहीं होती थी, उन वार्डो में भी जल भराव की स्थिति बनी है. -सफिरा साहू, महापौर
बहरहाल, शहर में हर साल निगम की ओर से किए गए वादे फेल होते रहे हैं. इस बीच वार्डवासी पीसते हैं. हर साल बारिश निगम को यह अहसास जरूर दिला जाती है कि जल भराव वाले वार्ड कौन-कौन से हैं. बावजूद बारिश के बाद यह दावे ठंडे बस्ते में चले जाते है और बारिश आते ही नेताओं के दावों का पिटारा खुल जाता है.