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लोहरदगा में लगातार बारिश ने मचाई तबाही, नेशनल हाइवे पर आवागमन ठप - HEAVY RAIN IN LOHARDAGA

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 17, 2024, 1:14 PM IST

Rain in Lohardaga. लोहरदगा जिले में लगातार हो रही बारिश की वजह से आम जनजीवन पर काफी ज्यादा असर देखने को मिल रहा है. वाहनों के आवागमन के साथ-साथ पूजा की तैयारी और बाजार व्यवस्था पर भी असर हुआ है. खेती पर भी असर देखने को मिल रहा है. कोयल और शंख नदी उफान पर है.

Heavy rain caused havoc in Lohardaga
लगातार बारिश से कई घर डूबे (ईटीवी भारत)

लोहरदगा: पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लोहरदगा-गुमला मुख्य पथ का डायवर्सन बह जाने की वजह से वाहनों का आवागमन बंद हो गया है. लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा कई मकान ध्वस्त हो गए हैं.

लोहरदगा में भारी बारिश ने मचाई तबाही (ईटीवी भारत)
बता दें कि लोहरदगा में पिछले तीन दिनों के दौरान जमकर बारिश हुई है. जिला कृषि विज्ञान केंद्र के आंकड़े बता रहे हैं कि लोहरदगा जिला में 14 सितंबर को 12 मिमी, 15 सितंबर को 36 मिमी और 16 सितंबर को 54 मिमी बारिश हुई है. जबकि 17 सितंबर को भी सुबह से रिमझिम बारिश हो रही है. जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण आम जाजीवन पर काफी ज्यादा असर पड़ा है.

दुर्गा पूजा की तैयारी शुरू हो गई है. पंडाल का निर्माण कार्य चल रहा है. ऐसे में बारिश ने तैयारी में व्यवधान उत्पन्न किया है. लोहरदगा-गुमला राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 143ए में लोहरदगा जिला के सेन्हा प्रखंड के कंडरा के समीप डायवर्सन बह जाने की वजह से वाहनों का आगमन बंद पड़ गया है. सड़क के दोनों और वाहनों की कतार लगी हुई है. लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं दूसरी ओर लोहरदगा जिले का कोयल और शंख नदी उफान पर है. दोनों ही नदियों का जलस्तर अचानक से बढ़ गया है. जिसकी वजह से शहरी जलापूर्ति योजना का पंप हाउस पानी में डूब गया है. ऐसी स्थिति में अब अगले एक सप्ताह तक जलापूर्ति संभव नहीं है. लगातार हो रही बारिश के कारण बिजली व्यवस्था भी प्रभावित हुई है. लोगों को पिछले 72 घंटे में मुश्किल से 10 घंटे भी बिजली नहीं मिल पाई है. ग्रामीण क्षेत्रों में तो बिजली व्यवस्था पूरी तरह से ठप है. बिजली नहीं रहने से शहरी जलापूर्ति योजना भी बंद हुई है.

बारिश के कारण गरीबों के आशियाने पर आफत बरस पड़ी है. कई गरीबों का मकान ध्वस्त हो गया है. कई स्थानों पर पेड़ गिरने की वजह से भी आवागमन प्रभावित हुआ है. बारिश की वजह से खरीफ की खेती भी प्रभावित हो रही है. लोहरदगा जिला में धान, मक्का, दलहन और तिलहन की खेती पर इसका असर नजर आ रहा है. इसके अलावा सब्जियों की खेती पर भी इसका नुकसान देखने को मिलेगा.

जिला कृषि विज्ञान केंद्र के मुख्य कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर हेमंत कुमार का कहना है की बारिश की वजह से खेती को काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है. यदि बारिश की ऐसी ही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में फसलों को नुकसान हो सकता है. खेतों में पानी का जमा होने से फसलों को नुकसान हो रहा है. किसान खेतों में पानी का जमाव नहीं होने दें.


ये भी पढ़ें- लोहरदगा में बारिश के कारण एक और पुल का पिलर धंसा, आठ साल पहले हुआ था निर्माण - Bridge collapsed in Lohardaga

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बता दें कि लोहरदगा में पिछले तीन दिनों के दौरान जमकर बारिश हुई है. जिला कृषि विज्ञान केंद्र के आंकड़े बता रहे हैं कि लोहरदगा जिला में 14 सितंबर को 12 मिमी, 15 सितंबर को 36 मिमी और 16 सितंबर को 54 मिमी बारिश हुई है. जबकि 17 सितंबर को भी सुबह से रिमझिम बारिश हो रही है. जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण आम जाजीवन पर काफी ज्यादा असर पड़ा है.

दुर्गा पूजा की तैयारी शुरू हो गई है. पंडाल का निर्माण कार्य चल रहा है. ऐसे में बारिश ने तैयारी में व्यवधान उत्पन्न किया है. लोहरदगा-गुमला राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 143ए में लोहरदगा जिला के सेन्हा प्रखंड के कंडरा के समीप डायवर्सन बह जाने की वजह से वाहनों का आगमन बंद पड़ गया है. सड़क के दोनों और वाहनों की कतार लगी हुई है. लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं दूसरी ओर लोहरदगा जिले का कोयल और शंख नदी उफान पर है. दोनों ही नदियों का जलस्तर अचानक से बढ़ गया है. जिसकी वजह से शहरी जलापूर्ति योजना का पंप हाउस पानी में डूब गया है. ऐसी स्थिति में अब अगले एक सप्ताह तक जलापूर्ति संभव नहीं है. लगातार हो रही बारिश के कारण बिजली व्यवस्था भी प्रभावित हुई है. लोगों को पिछले 72 घंटे में मुश्किल से 10 घंटे भी बिजली नहीं मिल पाई है. ग्रामीण क्षेत्रों में तो बिजली व्यवस्था पूरी तरह से ठप है. बिजली नहीं रहने से शहरी जलापूर्ति योजना भी बंद हुई है.

बारिश के कारण गरीबों के आशियाने पर आफत बरस पड़ी है. कई गरीबों का मकान ध्वस्त हो गया है. कई स्थानों पर पेड़ गिरने की वजह से भी आवागमन प्रभावित हुआ है. बारिश की वजह से खरीफ की खेती भी प्रभावित हो रही है. लोहरदगा जिला में धान, मक्का, दलहन और तिलहन की खेती पर इसका असर नजर आ रहा है. इसके अलावा सब्जियों की खेती पर भी इसका नुकसान देखने को मिलेगा.

जिला कृषि विज्ञान केंद्र के मुख्य कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर हेमंत कुमार का कहना है की बारिश की वजह से खेती को काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है. यदि बारिश की ऐसी ही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में फसलों को नुकसान हो सकता है. खेतों में पानी का जमा होने से फसलों को नुकसान हो रहा है. किसान खेतों में पानी का जमाव नहीं होने दें.


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