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बुंदेलखंड में बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान, मायूस किसानों ने लगाई मुवाअजे की गुहार

झांसी में मंगलवार को सुबह मौसम खराब हो गया. तेज बारिश के साथ (crops due to hailstorm in Jhansi) ओलावृष्टि भी हुई. बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलें चौपट हो गईं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 27, 2024, 3:14 PM IST

Updated : Feb 27, 2024, 3:50 PM IST

झांसी : जिले में मंगलवार सुबह 4 बजे हुई तेज और मध्यम बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. जिले में सबसे ज्यादा फसलों को नुकसान मोठ तहसील में हुआ है. खेतों में खड़ी फसलों के अलावा कटी रखी मटर, मसूर, सरसों की फसलें सबसे ज्यादा खराब हुई हैं. किसानों ने सरकार से ओलावृष्टि और बारिश से खराब हुई फसलों का सर्वे कराकर जल्द मुआवजे की गुहार लगाई है.

झांसी में ओलावृष्टि
झांसी में ओलावृष्टि

बारिश ने खड़ी की किसानों के लिए बड़ी मुसीबत : झांसी में सोमवार सुबह से ओलों के साथ-साथ कभी तेज तो कभी रूकरुक कर हो रही बारिश ने किसानों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी की है. सबसे ज्यादा मोठ तहसील के ग्राम पंचायत पांडौरी मुनकपुरा, चेलरा, नंदपुरा, सेना, जौरा, सिमरिया, लड़वरा में ओले गिरने से खेतों में खड़ी व कटी रखी फसलें बर्बाद हुई हैं. बबीना क्षेत्र के लहर ठकरपुरा, किच्लवारा, खजराहा, पूंछ क्षेत्र के धौरका, सिंकदरा, बाबई, बरौदा समेत दो दर्जन से अधिक गांवों में बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई. तेज हवाएं चलने से गेहूं की फसल बिछ गई और मटर, चना, मसूर, गेहूं की फसलों को काफी नुकसान हुआ है.

बारिश से खेतों में फसल खराब
बारिश से खेतों में फसल खराब

ज्यादातर फसलें : भरारी कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. आदित्य कुमार सिंह का कहना है कि इस समय ज्यादातर फसलें पकाव पर रहती हैं और बारिश और ओले गिरने से फसल गिर जाती है. जिससे फसल नष्ट हो जाती हैं. वहीं, बुंदेलखंड में कुछ किसानों ने फसलों की कटाई शुरू कर दी थी, जोकि अभी खेत पर ही रखी हुई थी. इस बारिश ने उसको भी भिगोकर पूरी तरह नष्ट कर दिया है. बुंदेलखंड की अगर हम बात करें तो ज्यादातर फसलों को बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान ही हुआ है. बारिश से खेत में खड़ी गेहूं, मटर, चना, सरसों, मसूर, सब्जी आदि फसलों को नुकसान हुआ है. मौसम विभाग का कहना है कि आगे भी बादल छाए रहेंगे और हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है.

फसलों का प्लॉट टू प्लॉट कराया जाए सर्वे : बुंदेलखंड किसान पंचायत के अध्यक्ष गौरीशंकर विदुआ ने कहा कि अचानक मौसम के परिवर्तन के बाद बारिश और ओलावृष्टि से जिन किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है, प्रशासन को चाहिए कि उनकी फसलों का प्लॉट टू प्लॉट सर्वे कराया जाए. मुआवजे के लिए किया जाने वाला सर्वे बिलकुल पारदर्शी होना चाहिए, जिससे किसानों को मिलने वाला मुआवजा ईमानदारी से उन तक पहुंच सके. किसानों की फसलों पर नुकसान होने वाली बीमा राशि का हर प्रकार का मुआवजा किसान को दिया जाना चाहिए. जबकि, सरकार की तरफ से 33% से कम फसलों के नुकसान होने वाले किसान को मुआवजा नहीं दिया जाता है. उनका संगठन मांग करता है कि नुकसान चाहे 10% हो या फिर 15% नुकसान तो किसान का ही हुआ है. उसकी मेहनत पर पानी फिरा है. सरकार को नियम बदलकर किसान की छोटे से छोटे नुकसान का सर्वे कराकर मुआवजा दिया जाना चाहिए.

यह भी पढ़ें : AP में 'मिचौंग' पीड़ित तंबाकू किसानों को मिलेगा इंटरेस्ट फ्री लोन, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी

यह भी पढ़ें : किसानों की फसलों को हुआ नुकसान तो सीएसए और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विशेषज्ञ संभालेंगे हालात, जानिए क्या है प्लान

झांसी : जिले में मंगलवार सुबह 4 बजे हुई तेज और मध्यम बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. जिले में सबसे ज्यादा फसलों को नुकसान मोठ तहसील में हुआ है. खेतों में खड़ी फसलों के अलावा कटी रखी मटर, मसूर, सरसों की फसलें सबसे ज्यादा खराब हुई हैं. किसानों ने सरकार से ओलावृष्टि और बारिश से खराब हुई फसलों का सर्वे कराकर जल्द मुआवजे की गुहार लगाई है.

झांसी में ओलावृष्टि
झांसी में ओलावृष्टि

बारिश ने खड़ी की किसानों के लिए बड़ी मुसीबत : झांसी में सोमवार सुबह से ओलों के साथ-साथ कभी तेज तो कभी रूकरुक कर हो रही बारिश ने किसानों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी की है. सबसे ज्यादा मोठ तहसील के ग्राम पंचायत पांडौरी मुनकपुरा, चेलरा, नंदपुरा, सेना, जौरा, सिमरिया, लड़वरा में ओले गिरने से खेतों में खड़ी व कटी रखी फसलें बर्बाद हुई हैं. बबीना क्षेत्र के लहर ठकरपुरा, किच्लवारा, खजराहा, पूंछ क्षेत्र के धौरका, सिंकदरा, बाबई, बरौदा समेत दो दर्जन से अधिक गांवों में बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई. तेज हवाएं चलने से गेहूं की फसल बिछ गई और मटर, चना, मसूर, गेहूं की फसलों को काफी नुकसान हुआ है.

बारिश से खेतों में फसल खराब
बारिश से खेतों में फसल खराब

ज्यादातर फसलें : भरारी कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. आदित्य कुमार सिंह का कहना है कि इस समय ज्यादातर फसलें पकाव पर रहती हैं और बारिश और ओले गिरने से फसल गिर जाती है. जिससे फसल नष्ट हो जाती हैं. वहीं, बुंदेलखंड में कुछ किसानों ने फसलों की कटाई शुरू कर दी थी, जोकि अभी खेत पर ही रखी हुई थी. इस बारिश ने उसको भी भिगोकर पूरी तरह नष्ट कर दिया है. बुंदेलखंड की अगर हम बात करें तो ज्यादातर फसलों को बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान ही हुआ है. बारिश से खेत में खड़ी गेहूं, मटर, चना, सरसों, मसूर, सब्जी आदि फसलों को नुकसान हुआ है. मौसम विभाग का कहना है कि आगे भी बादल छाए रहेंगे और हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है.

फसलों का प्लॉट टू प्लॉट कराया जाए सर्वे : बुंदेलखंड किसान पंचायत के अध्यक्ष गौरीशंकर विदुआ ने कहा कि अचानक मौसम के परिवर्तन के बाद बारिश और ओलावृष्टि से जिन किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है, प्रशासन को चाहिए कि उनकी फसलों का प्लॉट टू प्लॉट सर्वे कराया जाए. मुआवजे के लिए किया जाने वाला सर्वे बिलकुल पारदर्शी होना चाहिए, जिससे किसानों को मिलने वाला मुआवजा ईमानदारी से उन तक पहुंच सके. किसानों की फसलों पर नुकसान होने वाली बीमा राशि का हर प्रकार का मुआवजा किसान को दिया जाना चाहिए. जबकि, सरकार की तरफ से 33% से कम फसलों के नुकसान होने वाले किसान को मुआवजा नहीं दिया जाता है. उनका संगठन मांग करता है कि नुकसान चाहे 10% हो या फिर 15% नुकसान तो किसान का ही हुआ है. उसकी मेहनत पर पानी फिरा है. सरकार को नियम बदलकर किसान की छोटे से छोटे नुकसान का सर्वे कराकर मुआवजा दिया जाना चाहिए.

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Last Updated : Feb 27, 2024, 3:50 PM IST
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