रायपुर: रायपुर में मंगलवार को कस्टम मिलिंग घोटाला और महादेव सट्टा ऐप स्कैम पर अदालत में सुनवाई हुई. कस्टम राइस मिलिंग घोटाले में मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी को प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में पेश किया. इसके बाद कोर्ट ने 28 मई तक मनोज सोनी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. वहीं महादेव सट्टा मामले में बर्खास्त आरक्षक अर्जुन सिंह यादव को ईओडब्ल्यू ने कोर्ट में पेश किया. अर्जुन सिंह यादव 23 मई तक ईओडब्ल्यू की रिमांड पर रहेंगे. महादेव सट्टा एप मामले में अन्य आरोपियों में निलंबित ASI चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, सुनील दमानी, भीम सिंह यादव, राहुल वकटे और रितेश यादव की भी पेशी हुई. जिसके बाद कोर्ट ने इन सभी आरोपियों को 29 मई तक जेल भेज दिया है.
कब हुई थी मनोज सोनी की गिरफ्तारी: छत्तीसगढ़ में कस्टम मिलिंग घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी को रायपुर से 30 अप्रैल 2024 को अरेस्ट किया था. ईडी के मुताबिक राज्य में 140 करोड रुपए की अवैध वसूली की गई है. जिसमें अफसर से लेकर मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी भी शामिल हैं. कस्टम मिलिंग के इस घोटाले में मनोज सोनी और उनके सहयोगियों का खेल लगभग दो सालों से चल रहा था. इस खेल में मार्कफेड के अफसर और छत्तीसगढ़ स्टेट मिलर्स एशोसिएशन के पदाधिकारी भी शामिल थे. आरोप है कि कस्टम मिलिंग, डीओ काटने, मोटा धान को पतला, पतले धान को मोटा करने के एवज में पैसा लिया जाता था.
महादेव सट्टा ऐप स्कैम का अपडेट जानिए: महादेव सट्टा ऐप केस में भी लगातार जांच चल रही है. इस स्कैम में EOW ने एमपी के पंचमढ़ी से अर्जुन यादव को 9 मई को गिरफ्तार किया था. इसके बाद अर्जुन यादव को कोर्ट ने 14 मई तक EOW की रिमांड पर भेज दिया था. ईओडब्ल्यू की पूछताछ में बर्खास्त आरक्षक अर्जुन यादव ने EOW की टीम को बताया कि महादेव एप पैनल का वह 20 से अधिक जगहों पर संचालन करता है. जिसमें चार पैनल का संचालन श्रीलंका में और एक पैनल का संचालन कोलकाता में करता है. मंगलवार को रायपुर कोर्ट में अर्जुन यादव को पेश किया गया. कोर्ट ने जांच एजेंसी की दलील सुनने के बाद अर्जुन यादव को 23 मई तक EOW की रिमांड पर भेज दिया है.
महादेव सट्टा ऐप स्कैम के आरोपी कब हुए थे गिरफ्तार: महादेव सट्टा एप के अन्य आरोपियों को ईडी ने 23 अगस्त 2023 को गिरफ्तार किया था. इसमें हवाला कारोबारी अनिल और सुनील दमानी का नाम शामिल है. इसके साथ ही चंद्रभूषण वर्मा और सतीश चंद्राकर को भी ईडी ने गिरफ्तार किया था. चारों आरोपियों से ईडी ने दो बार पूछताछ की है. अब कोर्ट ने चारों को न्यायिक रिमांड पर भेजा है.