शिमला: राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर अगली सुनवाई 6 अगस्त को होगी. न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ के समक्ष इस मामले पर सुनवाई हुई.
सिंघवी ने राज्यसभा चुनाव में वोटिंग की बराबरी के बाद पर्ची सिस्टम से निकाले गए परिणामों को चुनौती दी है. सांसद हर्ष महाजन ने इस चुनाव याचिका में जरूरी पक्षकारों को प्रतिवादी न बनाए जाने को गंभीर त्रुटि बताते हुए खारिज करने की मांग की है. सांसद के अनुसार चुनाव आयोग को प्रतिवादी बनाए बगैर यह याचिका मान्य नहीं है.
प्रार्थी सिंघवी के अनुसार, इस चुनाव के दौरान कानूनी प्रक्रिया की अनुपालना नहीं की गई और भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन को विजयी घोषित कर दिया. याचिका में दिए तथ्यों के मुताबिक राज्यसभा वोटिंग में दोनों ही उम्मीदवारों को 34-34 वोट प्राप्त हुए थे.
इसके बाद पर्ची से नाम निकाले गए लेकिन इस पर्ची सिस्टम में जिस तरह से बीजेपी प्रत्याशी को विजेता घोषित किया गया वह गलत है. पर्ची निकलने के हिसाब से जिस उम्मीदवार की जीत होनी चाहिए थी, उससे उल्टा दूसरे उम्मीदवार को जितवाया गया जो कानूनी रूप से गलत है. इन आरोपों को आधार बनाते हुए प्रार्थी ने हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर की है.
गौरतलब है कि 27 फरवरी को हिमाचल राज्यसभा की एक सीट के लिए चुनाव हुआ था जिसमें तीन निर्दलीय विधायकों समेत 6 कांग्रेस बागी विधायकों ने कांग्रेस के प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ़ वोट दिया था.
68 सदस्यों वाली हिमाचल विधानसभा में 34 -34 पर मामला अटक गया था. टाई होने के बाद लॉटरी सिस्टम से नाम निकाला गया जिसमें हर्ष महाजन को विजयी घोषित किया गया. अब लॉटरी सिस्टम की प्रक्रिया को अभिषेक मनु सिंघवी ने हिमाचल हाईकोर्ट में चुनौती दी है और चुनाव रद्द करने की गुहार लगाई है ताकि फिर से इस सीट के लिए चुनाव हो सके.
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