ETV Bharat / state

HPTDC के 18 होटलों को बंद करने संबंधी आदेश में संशोधन का आवेदन, हाईकोर्ट में शुक्रवार को होगी सुनवाई

पर्यटन विकास निगम के 18 होटलों को बंद करने के फैसले में संशोधन के आवेदन पर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. डिटेल में पढ़ें खबर...

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट शिमला
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट शिमला (फाइल फोटो)
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 5 hours ago

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पर्यटन विकास निगम के 18 होटलों को बंद करने का फैसला सुनाया है. इस फैसले में संशोधन के आवेदन को लेकर हाईकोर्ट कल सुनवाई करेगा. अदालत के आदेश में संशोधन के लिए एक आवेदन दाखिल किया गया है. इस आवेदन पर शुक्रवार को सुनवाई होगी. उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने एचपीटीडीसी के पैलेस होटल चायल, होटल गीतांजलि डलहौजी, होटल बाघल दाड़लाघाट, होटल धौलाधार धर्मशाला, होटल कुनाल धर्मशाला, होटल कश्मीर हाउस धर्मशाला, होटल एप्पल ब्लॉस्म फागू शिमला, होटल चंद्रभागा, केलंग होटल देवदार खजियार, होटल गिरिगंगा खड़ापत्थर शिमला, होटल मेघदूत क्यारीघाट, होटल सरवरी कुल्लू, होटल लॉग हट्स मनाली, होटल हिडिंबा कॉटेज मनाली, होटल कुंजुम मनाली, होटल भागसू मैक्लोडगंज, होटल दि कैसल नग्गर कुल्लू व होटल शिवालिक परवाणू शामिल है.

उल्लेखनीय है कि इसी हफ्ते बुधवार को हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक को इन होटलों को बंद करने संबंधी आदेशों की अनुपालना को सुनिश्चित करने के लिए निजी रूप से जिम्मेदार ठहराया था. अदालत ने इस आदेश का कारण स्पष्ट करते हुए कहा था कि ऐसा इसलिए करना जरूरी है ताकि पर्यटन विकास निगम इन सफेद हाथियों के रखरखाव में सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी ना करे. कोर्ट के समक्ष कुल 56 होटलों की तरफ से किए व्यवसाय से जुड़ी जानकारी रखी गई थी.

इस जानकारी को खंगालने के बाद कोर्ट ने उपरोक्त होटलों को सफेद हाथी बताते हुए कहा था कि ये राज्य पर बोझ हैं. कोर्ट ने कहा था कि पर्यटन विकास निगम अपनी संपत्तियों का उपयोग लाभ कमाने के लिए नहीं कर पाया है. इन संपत्तियों का संचालन जारी रखना स्वाभाविक रूप से राज्य के खजाने पर बोझ के अलावा और कुछ नहीं है. हाईकोर्ट ने कहा कि अदालत इस तथ्य का न्यायिक संज्ञान ले सकती है कि राज्य सरकार उनके समक्ष वित्त से जुड़े मामलों में हर बार वित्तीय संकट की बात कहती रहती है.

कोर्ट ने यह आदेश पर्यटन निगम से रिटायर कर्मचारियों को वित्तीय लाभ ना देने से जुड़े मामले पर सुनवाई के बाद दिए हैं. हाईकोर्ट ने पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक को उपरोक्त होटल बंद करने से जुड़े इन आदेशों के क्रियान्वयन के लिए अनुपालना शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ने एचपीटीडीसी से चतुर्थ श्रेणी के रिटायर कर्मचारियों के अलावा उन कर्मचारियों की लिस्ट भी पेश करने को कहा है, जो दुर्भाग्य से अब इस दुनिया में नहीं रहे. ऐसे कर्मचारी जो संसार छोड़ गए हैं और जिन्हें उनके वित्तीय लाभ नहीं मिले हैं, उनकी सूची पेश करनी होगी. फिलहाल, आदेश में संशोधन के लिए दाखिल आवेदन पर शुक्रवार 22 नवंबर को सुनवाई होगी.

ये भी पढ़ें: हाईकोर्ट ने पैलेस होटल चायल सहित पर्यटन विकास निगम के 18 होटल बंद करने के दिए आदेश, एमडी करेंगे आदेश की अनुपालना

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पर्यटन विकास निगम के 18 होटलों को बंद करने का फैसला सुनाया है. इस फैसले में संशोधन के आवेदन को लेकर हाईकोर्ट कल सुनवाई करेगा. अदालत के आदेश में संशोधन के लिए एक आवेदन दाखिल किया गया है. इस आवेदन पर शुक्रवार को सुनवाई होगी. उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने एचपीटीडीसी के पैलेस होटल चायल, होटल गीतांजलि डलहौजी, होटल बाघल दाड़लाघाट, होटल धौलाधार धर्मशाला, होटल कुनाल धर्मशाला, होटल कश्मीर हाउस धर्मशाला, होटल एप्पल ब्लॉस्म फागू शिमला, होटल चंद्रभागा, केलंग होटल देवदार खजियार, होटल गिरिगंगा खड़ापत्थर शिमला, होटल मेघदूत क्यारीघाट, होटल सरवरी कुल्लू, होटल लॉग हट्स मनाली, होटल हिडिंबा कॉटेज मनाली, होटल कुंजुम मनाली, होटल भागसू मैक्लोडगंज, होटल दि कैसल नग्गर कुल्लू व होटल शिवालिक परवाणू शामिल है.

उल्लेखनीय है कि इसी हफ्ते बुधवार को हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक को इन होटलों को बंद करने संबंधी आदेशों की अनुपालना को सुनिश्चित करने के लिए निजी रूप से जिम्मेदार ठहराया था. अदालत ने इस आदेश का कारण स्पष्ट करते हुए कहा था कि ऐसा इसलिए करना जरूरी है ताकि पर्यटन विकास निगम इन सफेद हाथियों के रखरखाव में सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी ना करे. कोर्ट के समक्ष कुल 56 होटलों की तरफ से किए व्यवसाय से जुड़ी जानकारी रखी गई थी.

इस जानकारी को खंगालने के बाद कोर्ट ने उपरोक्त होटलों को सफेद हाथी बताते हुए कहा था कि ये राज्य पर बोझ हैं. कोर्ट ने कहा था कि पर्यटन विकास निगम अपनी संपत्तियों का उपयोग लाभ कमाने के लिए नहीं कर पाया है. इन संपत्तियों का संचालन जारी रखना स्वाभाविक रूप से राज्य के खजाने पर बोझ के अलावा और कुछ नहीं है. हाईकोर्ट ने कहा कि अदालत इस तथ्य का न्यायिक संज्ञान ले सकती है कि राज्य सरकार उनके समक्ष वित्त से जुड़े मामलों में हर बार वित्तीय संकट की बात कहती रहती है.

कोर्ट ने यह आदेश पर्यटन निगम से रिटायर कर्मचारियों को वित्तीय लाभ ना देने से जुड़े मामले पर सुनवाई के बाद दिए हैं. हाईकोर्ट ने पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक को उपरोक्त होटल बंद करने से जुड़े इन आदेशों के क्रियान्वयन के लिए अनुपालना शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ने एचपीटीडीसी से चतुर्थ श्रेणी के रिटायर कर्मचारियों के अलावा उन कर्मचारियों की लिस्ट भी पेश करने को कहा है, जो दुर्भाग्य से अब इस दुनिया में नहीं रहे. ऐसे कर्मचारी जो संसार छोड़ गए हैं और जिन्हें उनके वित्तीय लाभ नहीं मिले हैं, उनकी सूची पेश करनी होगी. फिलहाल, आदेश में संशोधन के लिए दाखिल आवेदन पर शुक्रवार 22 नवंबर को सुनवाई होगी.

ये भी पढ़ें: हाईकोर्ट ने पैलेस होटल चायल सहित पर्यटन विकास निगम के 18 होटल बंद करने के दिए आदेश, एमडी करेंगे आदेश की अनुपालना

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.