पटना: पटना हाईकोर्ट ने सोमवार को अदालती आदेश का पालन नहीं किये जाने पर सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एन जवाहर बाबू पर अवमानना की सजा तय करने के मामले पर उन्हें 29 जुलाई 2024 को पटना कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है. कोर्ट से आदेश मिलने के दो साल के बाद वन विभाग कोर्ट आदेश का अनुपालन नहीं करने के मामले में जस्टिस पी बी बजनथ्री और जस्टिस अनुपमा चक्रवर्ती की खंडपीठ ने संजय कुमार की अवमानना याचिका पर सुनवाई की.
वन विभाग के अवमानना मामले पर सुनवाई: दरअसल, ये मामला शिवहर जिले में बिहार काष्ठ चिराई कानून के तहत लाइसेंस देने का है. फरवरी 2022 में पटना हाई कोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार को संजय की आरा मशीन मील को लाइसेंस देने की प्रक्रिया को निश्चित अवधि में पूरा करने का आदेश दिया था. याचिकाकर्ता के वकील कुमार धीरेंद्र सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट आदेश के दो साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने आदेश का अनुपालन किया.
डीजीपी को स्वयं जांच कर हलफनामा दायर करने का आदेश : वहीं दूसरी ओर पटना हाई कोर्ट ने राज्य के डीजीपी को घर निर्माण व मरम्मती में पुलिस के मनमाने हस्तक्षेप किये जाने के मामले की स्वयं जांच कर हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है. जस्टिस मोहित कुमार शाह की एकलपीठ ने ऋषि कुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर आदेश दिया.
झूठे आपराधिक मामलों में फंसाने की धमकी: दरअसल, खगड़िया स्थित प्रेस गली के ऋषि कुमार को उनके पड़ोसी नीरज कुमार के साथ मिलीभगत से कथित रूप से खगड़िया नगर थाना के प्रभारी व अन्य पुलिसकर्मी घर मरम्मत ओर निर्माण में अनावश्यक व अनाधिकृत रूप से हस्तक्षेप कर रहे हैं. याचिकाकर्ता के वकील अमरेंद्र नाथ वर्मा ने कोर्ट को बताया कि झूठे आपराधिक मामलों में फंसाने की धमकी भी दे रहे हैं. आवेदक एक शांतिप्रिय संगीत शिक्षक है.
याचिका पर कोर्ट शख्त: याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अमरेन्द्र नाथ वर्मा ने बताया कि आवेदक की रिट याचिका पर कोर्ट ने गंभीर रूख अख्तियार करते हुए राज्य के डीजीपी को स्वंय मामले की जांच कर हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है. इस मामले पर आगे भी सुनवाई की जाएगी.
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