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सिंचाई शोध संस्थान रुड़की के आवासीय भवन आवंटन मामला, सरकार ने पेश किया शपथपत्र, याचिकाकर्ता से मांगा जवाब - illegal allotment of buildings

Illegal Allotment Of Buildings सिंचाई अनुसंधान संस्थान रुड़की के आवासीय भवन के आवंटन के मुद्दे पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने आवंटन को लेकर कोर्ट में शपथपत्र दाखिल किया. जबकि कोर्ट ने याचिकाकर्ता से शपथपत्र पर जबाव पेश करने के लिए कहा है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 3, 2024, 5:33 PM IST

Illegal Allotment Of Buildings
उत्तराखंड हाईकोर्ट (FILE PHOTO ETV BHARAT)

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सिंचाई शोध संस्थान रुड़की के 100 से अधिक आवासीय भवनों को घर से संपन्न गैर निवर्तमान व्यक्तियों, पूर्व विधायकों, मेयरों और कई राष्ट्रीय पार्टियों के मंडल प्रभारी व्यक्तियों को किराए पर बाजार मूल्य से न्यूनतम दर के किराये पर दिए जाने के मामले पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार के द्वारा पेश किए गए शपथपत्र पत्र पर याचिकाकर्ता से अपना जवाब दो सप्ताह के भीतर देने और जिन गैर लोगों को आवास दिए गए हैं, उनकी लिस्ट पेश करने के लिए कहा है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 जुलाई की तिथि नियत की है.

बुधवार को हुई सुनवाई पर राज्य सरकार ने अपने जवाब में कहा कि, जिन लोगों को आवास दिए गए हैं, वे नियमों के तहत दिए गए हैं. जिसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता के द्वारा कहा गया कि किसी नियमावली का पालन नहीं किया गया. जो आवास दिए गए वे एक आवेदन पर दिए गए. जिस पर कोर्ट ने अवैध रूप दिए गए लोगों की लिस्ट शपथपत्र के माध्यम से कोर्ट में प्रस्तुत करने को कहा है.

मामले के मुताबिक, विधि के छात्र रितिक निषाद ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि सचिव सिंचाई, अधिशासी अधिकारी सिंचाई, शोध संस्थान रुड़की और सचिव हाउसिंग अलॉटमेंट कमेटी, सिंचाई शोध संस्थान रुड़की ने 2004 से 2021-22 तक गैर सरकारी व्यक्तियों, जनप्रतिनिधियों, पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों, प्रशासनिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं, एलआईसी कर्मियों, राजस्व, वन, व्यापार कर विभाग के कर्मचारी आदि को मकानों का आवंटन किया. जिसमें हरिद्वार जिले के कई विधायकों जिनमें मदन कौशिक, प्रणव सिंह चैंपियन, कुंवर दिव्य प्रताप सिंह चैंपियन, प्रदीप बत्रा, फुरकान अहमद, सरवत करीम अंसारी, अमरीश कुमार, फिरदौस, ब्रह्मदत्त त्यागी, पुलिस अधिकारी मंजूनाथ टीसी, संयुक्त सचिव ऊर्जा दिल्ली विनोद कुमार मित्तल, पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष हरिद्वार मीनाक्षी, अधिवक्ता अरविंद गौतम, श्यामबीर, आशीष सैनी नाम प्रमुख हैं. इनमें से कई लोगों ने आवास किराया भी जमा नहीं किया है.

ये भी पढ़ेंः सिंचाई शोध संस्थान रुड़की के आवासीय भवनों को आवांटित करने का मामला, नियमों को कोर्ट में पेश करेगी सरकार

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सिंचाई शोध संस्थान रुड़की के 100 से अधिक आवासीय भवनों को घर से संपन्न गैर निवर्तमान व्यक्तियों, पूर्व विधायकों, मेयरों और कई राष्ट्रीय पार्टियों के मंडल प्रभारी व्यक्तियों को किराए पर बाजार मूल्य से न्यूनतम दर के किराये पर दिए जाने के मामले पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार के द्वारा पेश किए गए शपथपत्र पत्र पर याचिकाकर्ता से अपना जवाब दो सप्ताह के भीतर देने और जिन गैर लोगों को आवास दिए गए हैं, उनकी लिस्ट पेश करने के लिए कहा है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 जुलाई की तिथि नियत की है.

बुधवार को हुई सुनवाई पर राज्य सरकार ने अपने जवाब में कहा कि, जिन लोगों को आवास दिए गए हैं, वे नियमों के तहत दिए गए हैं. जिसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता के द्वारा कहा गया कि किसी नियमावली का पालन नहीं किया गया. जो आवास दिए गए वे एक आवेदन पर दिए गए. जिस पर कोर्ट ने अवैध रूप दिए गए लोगों की लिस्ट शपथपत्र के माध्यम से कोर्ट में प्रस्तुत करने को कहा है.

मामले के मुताबिक, विधि के छात्र रितिक निषाद ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि सचिव सिंचाई, अधिशासी अधिकारी सिंचाई, शोध संस्थान रुड़की और सचिव हाउसिंग अलॉटमेंट कमेटी, सिंचाई शोध संस्थान रुड़की ने 2004 से 2021-22 तक गैर सरकारी व्यक्तियों, जनप्रतिनिधियों, पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों, प्रशासनिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं, एलआईसी कर्मियों, राजस्व, वन, व्यापार कर विभाग के कर्मचारी आदि को मकानों का आवंटन किया. जिसमें हरिद्वार जिले के कई विधायकों जिनमें मदन कौशिक, प्रणव सिंह चैंपियन, कुंवर दिव्य प्रताप सिंह चैंपियन, प्रदीप बत्रा, फुरकान अहमद, सरवत करीम अंसारी, अमरीश कुमार, फिरदौस, ब्रह्मदत्त त्यागी, पुलिस अधिकारी मंजूनाथ टीसी, संयुक्त सचिव ऊर्जा दिल्ली विनोद कुमार मित्तल, पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष हरिद्वार मीनाक्षी, अधिवक्ता अरविंद गौतम, श्यामबीर, आशीष सैनी नाम प्रमुख हैं. इनमें से कई लोगों ने आवास किराया भी जमा नहीं किया है.

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