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हल्द्वानी बनभूलपुरा हिंसा में मृतक और घायलों को मुआवजा देने का मामला, कोर्ट ने DM-SSP से मांगा जवाब - HALDWANI violence compensation case

Haldwani Violence Compensation Case नैनीताल बनभूलपुरा घटना में मृतकों और घायलों को मुआवजा देने के मामले पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने डीएम और एसएसपी से जवाब मांगा है.

Haldwani Violence Compensation Case
हल्द्वानी बनभूलपुरा हिंसा में मृतक और घायलों को मुआवजा देने के मामले पर सुनवाई (FILE PHOTO ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 6, 2024, 5:22 PM IST

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा में सरकारी भूमि पर निर्मित मस्जिद और स्कूल हटाने के दौरान हुई घटना में दो लोगों की मौत और घायल लोगों को मुआवजा दिलाए जाने के मामले पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की रिपोर्ट के आधार पर स्वतः संज्ञान लेकर जनहित पर सुनवाई की.

मामले की सुनवाई करने के बाद मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने एसएसपी और जिलाधिकारी नैनीताल से जवाब पेश करने को कहा है. कोर्ट ने यह भी बताने को कहा है कि, वे कौन अधिकारी थे जिनके कार्यकाल में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने के बाद भी उन्हें बिजली-पानी और राशन कार्ड जारी किए गए? उनके खिलाफ क्या एक्शन लिया? अब कई दशक उन्हें वहां रहते हुए हो गए हैं. अब सरकार उनके आशियाने तोड़ रही है. ये मानवता नहीं.

मामले के अनुसार, उच्च न्यायालय ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के 19 फरवरी 2024 के पत्र का स्वतः संज्ञान लिया. इस मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पास घटना के दौरान मृत और घायल लोगों को मुआवजा देने का प्रार्थना पत्र दिया गया था. जिसमें कहा गया था कि घटना के समय दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी. दो लोगों को गंभीर हालात में अस्पताल में भर्ती कराया गया.

घटना के बाद मृतक दो लोगों के परिवारों पर रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. लिहाजा, उनके परिजनों को सरकार की 2020 नियमावली के तहत मुआवजा दिलाया जाए. गंभीर रूप से घायल लोगों को भी मुआवजा दिलाया जाए. जिस पर कोर्ट ने जिलाधकारी और एसएसपी नैनीताल को निर्देश दिए हैं कि इस पर अपना जवाब पेश करें.

ये भी पढ़ें: बनभूलपुरा हिंसा के 107 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल, पुलिस ने अब्दुल मलिक को बताया मास्टर माइंड

ये भी पढ़ें: हल्द्वानी बनभूलपुरा हिंसा मामला: साफिया मलिक को राहत, हाईकोर्ट से मिली जमानत

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा में सरकारी भूमि पर निर्मित मस्जिद और स्कूल हटाने के दौरान हुई घटना में दो लोगों की मौत और घायल लोगों को मुआवजा दिलाए जाने के मामले पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की रिपोर्ट के आधार पर स्वतः संज्ञान लेकर जनहित पर सुनवाई की.

मामले की सुनवाई करने के बाद मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने एसएसपी और जिलाधिकारी नैनीताल से जवाब पेश करने को कहा है. कोर्ट ने यह भी बताने को कहा है कि, वे कौन अधिकारी थे जिनके कार्यकाल में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने के बाद भी उन्हें बिजली-पानी और राशन कार्ड जारी किए गए? उनके खिलाफ क्या एक्शन लिया? अब कई दशक उन्हें वहां रहते हुए हो गए हैं. अब सरकार उनके आशियाने तोड़ रही है. ये मानवता नहीं.

मामले के अनुसार, उच्च न्यायालय ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के 19 फरवरी 2024 के पत्र का स्वतः संज्ञान लिया. इस मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पास घटना के दौरान मृत और घायल लोगों को मुआवजा देने का प्रार्थना पत्र दिया गया था. जिसमें कहा गया था कि घटना के समय दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी. दो लोगों को गंभीर हालात में अस्पताल में भर्ती कराया गया.

घटना के बाद मृतक दो लोगों के परिवारों पर रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. लिहाजा, उनके परिजनों को सरकार की 2020 नियमावली के तहत मुआवजा दिलाया जाए. गंभीर रूप से घायल लोगों को भी मुआवजा दिलाया जाए. जिस पर कोर्ट ने जिलाधकारी और एसएसपी नैनीताल को निर्देश दिए हैं कि इस पर अपना जवाब पेश करें.

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