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गोठ गांव को मुख्य मार्ग से नहीं जोड़े जाने के मामले में डीएम लेंगे फैसला, HC ने दिए निर्देश - Uttarakhand High Court

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 13, 2024, 7:23 PM IST

नैनीताल हाईकोर्ट में गोठ गांव को अभी तक मुख्य सड़क मार्ग से नहीं जोड़े जाने के मामले पर सुनवाई हुई. इस दौरान खंडपीठ ने ग्रामीणों द्वारा दिए मेजरमेंट पर जिला अधिकारी से निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं.

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नैनीताल हाईकोर्ट (photo- ETV Bharat)

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पौड़ी जिले के धनोल्टी से 12 किलोमीटर दूर स्थित गोठ गांव को अभी तक मुख्य सड़क मार्ग से नहीं जोड़े जाने के मामले पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने ग्रामवासियों द्वारा दिए गए ग्रामीणों पर जिला अधिकारी से निर्णय लेने को कहा है.

मुख्य मार्ग से अभी तक नहीं जुड़ा गोठ गांव: मामले के अनुसार गोठ गांव वासियों ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उनका गांव पौड़ी के धनोल्टी पर्यटन स्थल से 12 किलोमीटर दूर स्थित है. जब से उत्तराखंड अलग हुआ है, तब से ग्रामीण उनके गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए अपने प्रत्यावेदन देते आए हैं. जब भी राज्य में चुनाव का समय आता है, उस वक्त क्षेत्रीय विधायक व सांसद उनकी मांगों को उच्च स्तर पर रखने का आश्वासन देते आए हैं, लेकिन जीत दर्ज करने के बाद वो अपने वादे भूल जाते हैं.

पिछले पांच सालों से मांग कर रहे ग्रामीण: उनका गांव मुख्य मार्ग से नहीं जुड़ा होने के कारण पिछले पांच सालों में गर्भवती महिलाओं को डोली पर ले जाते वक्त और प्राथमिक उपचार नहीं मिलने पर करीब 15 से अधिक महिलाओं और उनके शिशु की मौत हुई है, जबकि उनका गांव फ्रूट बेल्ट भी है. उसका भी उन्हें कोई लाभ नहीं दिया जा रहा है. उनसे 12 किलोमीटर दूर धनोल्टी जो कि एक पर्यटन स्थल है, उसके विकास के लिए राज्य सरकार हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर रही है. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि उनके द्वारा जो प्रत्यावेदन जिला अधिकारी, राज्य सरकार को दिए हैं, उस पर निर्णय लेकर उनको मुख्य सड़क मार्ग से जोड़ा जाए.

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मुख्य मार्ग से अभी तक नहीं जुड़ा गोठ गांव: मामले के अनुसार गोठ गांव वासियों ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उनका गांव पौड़ी के धनोल्टी पर्यटन स्थल से 12 किलोमीटर दूर स्थित है. जब से उत्तराखंड अलग हुआ है, तब से ग्रामीण उनके गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए अपने प्रत्यावेदन देते आए हैं. जब भी राज्य में चुनाव का समय आता है, उस वक्त क्षेत्रीय विधायक व सांसद उनकी मांगों को उच्च स्तर पर रखने का आश्वासन देते आए हैं, लेकिन जीत दर्ज करने के बाद वो अपने वादे भूल जाते हैं.

पिछले पांच सालों से मांग कर रहे ग्रामीण: उनका गांव मुख्य मार्ग से नहीं जुड़ा होने के कारण पिछले पांच सालों में गर्भवती महिलाओं को डोली पर ले जाते वक्त और प्राथमिक उपचार नहीं मिलने पर करीब 15 से अधिक महिलाओं और उनके शिशु की मौत हुई है, जबकि उनका गांव फ्रूट बेल्ट भी है. उसका भी उन्हें कोई लाभ नहीं दिया जा रहा है. उनसे 12 किलोमीटर दूर धनोल्टी जो कि एक पर्यटन स्थल है, उसके विकास के लिए राज्य सरकार हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर रही है. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि उनके द्वारा जो प्रत्यावेदन जिला अधिकारी, राज्य सरकार को दिए हैं, उस पर निर्णय लेकर उनको मुख्य सड़क मार्ग से जोड़ा जाए.

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