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हिमाचल के बागी विधायकों की याचिका पर SC कोर्ट में सुनवाई, क्या मिलेगी राहत? - SC on 6 Rebel MLAs case

हिमाचल प्रदेश स्पीकर द्वारा अयोग्य घोषित किए कांग्रेस के 6 बागी विधायकों ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. आज इन बागी विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट बागी विधायकों के पक्ष में फैसला सुनाता है या नहीं.

हिमाचल के बागी विधायकों की याचिका पर SC कोर्ट में सुनवाई
हिमाचल के बागी विधायकों की याचिका पर SC कोर्ट में सुनवाई
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 18, 2024, 9:22 AM IST

शिमला: सुप्रीम कोर्ट में आज हिमाचल प्रदेश के 6 कांग्रेस बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई होगी. गौरतलब है कि इन विधायकों ने हिमाचल में राज्यसभा चुनाव के दौरान बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग मामले की थी और सदन में कट मोशन को लेकर जारी व्हिप का उल्लंघन किया था. जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इन 6 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया. स्पीकर के इस फैसले के खिलाफ बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. जिस पर आज सुनवाई होनी है.

बता दें कि मामले में बीते मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इन बागी विधायकों से पूछा था कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा स्पीकर की कार्रवाई से उनके किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने विधायकों का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सत्य पाल जैन से पूछा था कि याचिकाकर्ताओं ने हिमाचल हाईकोर्ट का रुख क्यों नहीं किया?

वहीं, इसके जवाब में बागी कांग्रेस विधायकों के वकील सत्य पाल जैन ने कहा यह उन दुर्लभ मामलों में से एक है, जहां विधायकों को 18 घंटे के भीतर अयोग्य घोषित कर दिया गया है. इस दौरान कोर्ट ने वकील से पूछा कि यहां किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है? जिसके जवाब में वकील ने कहा याचिकाकर्ताओं को चुनाव में लोगों ने विधिवत चुना है. लेकिन कोर्ट ने कहा यह मौलिक अधिकार नहीं है. मामले में दलील सुनने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने 18 मार्च को अगली सुनवाई की तारीख दी थी. ऐसे में आज मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.

गौरतलब है कि 27 फरवरी को हिमाचल प्रदेश में हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायक सुधीर शर्मा, इंद्र दत्त लखनपाल, रवि ठाकुर, राजिंदर राणा, चैतन्य शर्मा और देवेंद्र कुमार भुट्टो ने क्रॉस वोटिंग की थी. इन विधायकों ने बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में वोट किया. जिसकी वजह से कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी को हार का सामना करना पड़ा. वहीं, इन विधायकों ने बजट सत्र के दौरान सदन में कट मोशन को लेकर जारी व्हीप का भी उल्लंघन किया. जिसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने 6 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया और उनकी सदस्यता रद्द कर दी.

कांग्रेस के बागी नेता और पूर्व विधायक सुधीर शर्मा, इंद्र दत्त लखनपाल, रवि ठाकुर, राजिंदर राणा, चैतन्य शर्मा और देवेंद्र कुमार भुट्टो ने सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. वहीं, इन विधायकों के अयोग्य घोषित होने से हिमाचल विधानसभा की 6 सीटें खाली हो गई है. जिस पर लोकसभा चुनाव के साथ इन 6 सीटों पर उपचुनाव होंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त ने हिमाचल में 1 जून को लोकसभा की 4 सीटों पर चुनाव और विधानसभा की 6 उपचुनाव का ऐलान किया है. अगर आज सुनवाई में इन विधायकों के पक्ष में फैसला नहीं आता है तो हिमाचल की लाहौल स्पीति, धर्मशाला, सुजानपुर, बड़सर, गगरेट और कुटलैहड़ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे.

ये भी पढ़ें: सीएम सुक्खू के लिए लोकसभा और विस उपचुनाव की दोहरी चुनौती, BJP और बागियों से कैसे पार पाएगी कांग्रेस?

शिमला: सुप्रीम कोर्ट में आज हिमाचल प्रदेश के 6 कांग्रेस बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई होगी. गौरतलब है कि इन विधायकों ने हिमाचल में राज्यसभा चुनाव के दौरान बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग मामले की थी और सदन में कट मोशन को लेकर जारी व्हिप का उल्लंघन किया था. जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इन 6 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया. स्पीकर के इस फैसले के खिलाफ बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. जिस पर आज सुनवाई होनी है.

बता दें कि मामले में बीते मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इन बागी विधायकों से पूछा था कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा स्पीकर की कार्रवाई से उनके किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने विधायकों का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सत्य पाल जैन से पूछा था कि याचिकाकर्ताओं ने हिमाचल हाईकोर्ट का रुख क्यों नहीं किया?

वहीं, इसके जवाब में बागी कांग्रेस विधायकों के वकील सत्य पाल जैन ने कहा यह उन दुर्लभ मामलों में से एक है, जहां विधायकों को 18 घंटे के भीतर अयोग्य घोषित कर दिया गया है. इस दौरान कोर्ट ने वकील से पूछा कि यहां किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है? जिसके जवाब में वकील ने कहा याचिकाकर्ताओं को चुनाव में लोगों ने विधिवत चुना है. लेकिन कोर्ट ने कहा यह मौलिक अधिकार नहीं है. मामले में दलील सुनने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने 18 मार्च को अगली सुनवाई की तारीख दी थी. ऐसे में आज मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.

गौरतलब है कि 27 फरवरी को हिमाचल प्रदेश में हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायक सुधीर शर्मा, इंद्र दत्त लखनपाल, रवि ठाकुर, राजिंदर राणा, चैतन्य शर्मा और देवेंद्र कुमार भुट्टो ने क्रॉस वोटिंग की थी. इन विधायकों ने बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में वोट किया. जिसकी वजह से कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी को हार का सामना करना पड़ा. वहीं, इन विधायकों ने बजट सत्र के दौरान सदन में कट मोशन को लेकर जारी व्हीप का भी उल्लंघन किया. जिसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने 6 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया और उनकी सदस्यता रद्द कर दी.

कांग्रेस के बागी नेता और पूर्व विधायक सुधीर शर्मा, इंद्र दत्त लखनपाल, रवि ठाकुर, राजिंदर राणा, चैतन्य शर्मा और देवेंद्र कुमार भुट्टो ने सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. वहीं, इन विधायकों के अयोग्य घोषित होने से हिमाचल विधानसभा की 6 सीटें खाली हो गई है. जिस पर लोकसभा चुनाव के साथ इन 6 सीटों पर उपचुनाव होंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त ने हिमाचल में 1 जून को लोकसभा की 4 सीटों पर चुनाव और विधानसभा की 6 उपचुनाव का ऐलान किया है. अगर आज सुनवाई में इन विधायकों के पक्ष में फैसला नहीं आता है तो हिमाचल की लाहौल स्पीति, धर्मशाला, सुजानपुर, बड़सर, गगरेट और कुटलैहड़ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे.

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