पटना: पटना नगर निगम को झटका देते हुए हाईकोर्ट ने पार्किंग प्रंबधन का कार्य कर रही कंपनी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. पटना हाईकोर्ट ने यह फैसला कंपनी की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया है. गुरुवार को पटना हाईकोर्ट के जस्टिस ए अभिषेक रेड्डी ने अमेजिंग इंडिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया. पहले निजी कंपनी को पार्किंग प्रबंधन के कार्य करने से रोक लगा दी गई थी.
पटना हाईकोर्ट में सुनवाई: याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सूरज समदर्शी ने कोर्ट को बताया कि 15 नवंबर, 2024 को पटना नगर निगम ने याचिकाकर्ता को कारण बताओ नोटिस जारी किए बिना कंपनी के पार्किंग प्रबंधन कार्य पर रोक लगा दी. जबकि याचिकाकर्ता और पटना नगर निगम के बीच अनुबंध 1जून 2022 से शुरू होकर पांच साल की अवधि के लिए हुआ था, यदि कोर्ट द्वारा नगर निगम के आदेश पर रोक नहीं लगाया गया तो याचिकाकर्ता को अपूरणीय क्षति होगी. इस मामले को अगली सुनवाई 19 दिसंबर,2024 को होगी.
नवादा में दलितों के घरों को जलाने के मामले में सुनवाई: वहीं पटना हाईकोर्ट ने नवादा में दलितों के घरों को जला देने के मामले में राज्य सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाइयों और राहत देने पर संतोष जाहिर किया. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मामलें पर सुनवाई की. हाई कोर्ट ने नवादा के पुलिस अधीक्षक को इलाके में निरंतर निगरानी का निर्देश दिया है.
28 आरोपियों में 15 को किया गिरफ्तार: राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया कि एफआईआर में नामजद 28 आरोपियों में से 15 को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया. मुख्य आरोपी नंदू पासवान को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. सभी प्रभावित परिवारों को मनरेगा योजना के तहत जॉब कार्ड जारी कर दिए गए हैं तथा 12 परिवारों का पंजीकरण आवास पोर्टल पर किया गया है.
जीविकोपार्जन के लिए मिलेगा ऋण सुविधा: राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि महिलाओं के भरण-पोषण एवं जीविकोपार्जन के लिए ऋण सुविधा सुनिश्चित की गई हैं. प्रभावित परिवारों को राशन कार्ड जारी कर दिए गए हैं तथा विद्युत आपूर्ति प्रमंडल, नवादा द्वारा घटनास्थल पर प्रकाश की व्यवस्था की गई है. साथ ही असैनिक शल्य चिकित्सक-सह-मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, नवादा द्वारा विशेष चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया है. प्रभावित परिवारों के सभी सदस्यों की चिकित्सा जांच की जा रही है.
4 हजार रुपये प्रतिमाह का लाभ दिया जाएगा: कोर्ट को ये भी जानकारी दी गयी कि प्रभावित परिवारों को आयुष्मान कार्ड भी जारी किए गए हैं. बाल संरक्षण इकाई नवादा द्वारा प्रायोजन योजना के तहत 08 योग्य बच्चों की पहचान की गई है. जिन्हें 4 हजार रुपये प्रतिमाह का लाभ दिया जाएगा. कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा उठाये गए कदमों पर संतोष जाहिर करते हुए मामले को निष्पादित कर दिया.
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