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HC में बाल संरक्षण आयोग में अध्यक्ष समेत सदस्यों की नियुक्ति को लेकर सुनवाई, राज्य सरकार को किया गया जवाब तलब - Patna High Court

Patna High Court : पटना उच्च न्यायालय में बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए बिहार राज्य आयोग में अध्यक्ष समेत अन्य सदस्यों की नियुक्ति को लेकर सुनवाई की. मामलें में राज्य सरकार से जवाब तलब किया गया है. पढ़ें पूरी खबर.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 29, 2024, 9:12 PM IST

पटना : पटना हाईकोर्ट ने राज्य के पश्चिम चम्पारण जिला स्थित हारनाटांड स्थित अनुसूचित जनजाति के बालिकाओं के लिए एकमात्र स्कूल की दयनीय अवस्था पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से प्रगति रिपोर्ट मांगी.

'स्कूल की स्थिति बदतर' : याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विकास पंकज ने कोर्ट को बताया था कि बिहार में अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं के लिए पश्चिम चम्पारण के हारनाटांड ही एकमात्र स्कूल है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि पहले यहां पर कक्षा एक से लेकर कक्षा दस तक की पढ़ाई होती थी. लेकिन जबसे इस स्कूल का प्रबंधन सरकार के हाथों में गया, इस स्कूल की स्थिति बदतर होती गई.

'छात्राओं की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित' : विकास पंकज ने कोर्ट को जानकारी दी कि कक्षा सात और आठ में छात्राओं का नामांकन बन्द कर दिया गया. साथ ही कक्षा नौ और दस में छात्राओं का एडमिशन 50 फीसदी ही रह गया. यहां पर सौ बिस्तर वाला हॉस्टल छात्राओं के लिए था, जिसे बंद कर दिया गया. इस स्कूल में पर्याप्त संख्या में शिक्षक भी नहीं है. इस कारण छात्राओं की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है. इस मामले की सुनवाई 26 अप्रैल 2024 को की जाएगी.

HC ने सरकार को किया तलब : वहीं दूसरी ओर, पटना हाई कोर्ट ने बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए बिहार राज्य आयोग में अध्यक्ष समेत अन्य सदस्यों की नियुक्ति को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. इस मामले में आगे की सुनवाई आगामी 3 मई 2024 को की जाएगी.

'रिक्त पदों को नहीं भरा गया' : याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य में इस आयोग में कामकाज सुचारू रूप से किये जाने को लेकर अध्यक्ष समेत अन्य सदस्यों की नियुक्ति किये जाने की जरूरत है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता नीरज कुमार ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा बाल संरक्षण के लिए उक्त आयोग का गठन वर्ष 2010 में किया गया था, लेकिन अब तक इन रिक्त पदों को नहीं भरा गया है.

कदमकुआं वेंडिंग जोन मामले पर सुनवाई : पटना हाईकोर्ट में पटना के कदमकुआं वेंडिंग जोन के निर्माण के मामले पर अगली सुनवाई 26अप्रैल 2024 को होगी. डा. आशीष कुमार सिन्हा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ सुनवाई कर रही है कोर्ट को पटना नगर निगम की ओर से बताया गया था कि कदमकुआं वेंडिंग जोन के निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इसका एक तल्ले के निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है व ऊपरी भाग में निर्माण चल रहा है.

'98 वेंडिग जोन बनाए जाने की योजना' : कोर्ट ने पटना नगर निगम को इस सम्बन्ध में हलफ़नामा दायर करने का निर्देश दिया था. याचिकाकर्ता की अधिवक्ता मयूरी ने कोर्ट को बताया था कि पिछली सुनवाई में राज्य सरकार और पटना नगर निगम ने इस वेडिंग जोन नौ महीने निर्माण कार्य पूरा करने का अश्वासन दिया था. लेकिन अभी भी काफी समय के बाद भी अब तक कदमकुआं वेडिंग जोन का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है. पिछली सुनवाई में पटना नगर निगम की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि निगम क्षेत्र के कदमकुआं, शेखपुरा और बोरिंग रोड के अलावे ये 98 वेंडिग जोन बनाए जाने की योजना है.

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पटना : पटना हाईकोर्ट ने राज्य के पश्चिम चम्पारण जिला स्थित हारनाटांड स्थित अनुसूचित जनजाति के बालिकाओं के लिए एकमात्र स्कूल की दयनीय अवस्था पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से प्रगति रिपोर्ट मांगी.

'स्कूल की स्थिति बदतर' : याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विकास पंकज ने कोर्ट को बताया था कि बिहार में अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं के लिए पश्चिम चम्पारण के हारनाटांड ही एकमात्र स्कूल है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि पहले यहां पर कक्षा एक से लेकर कक्षा दस तक की पढ़ाई होती थी. लेकिन जबसे इस स्कूल का प्रबंधन सरकार के हाथों में गया, इस स्कूल की स्थिति बदतर होती गई.

'छात्राओं की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित' : विकास पंकज ने कोर्ट को जानकारी दी कि कक्षा सात और आठ में छात्राओं का नामांकन बन्द कर दिया गया. साथ ही कक्षा नौ और दस में छात्राओं का एडमिशन 50 फीसदी ही रह गया. यहां पर सौ बिस्तर वाला हॉस्टल छात्राओं के लिए था, जिसे बंद कर दिया गया. इस स्कूल में पर्याप्त संख्या में शिक्षक भी नहीं है. इस कारण छात्राओं की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है. इस मामले की सुनवाई 26 अप्रैल 2024 को की जाएगी.

HC ने सरकार को किया तलब : वहीं दूसरी ओर, पटना हाई कोर्ट ने बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए बिहार राज्य आयोग में अध्यक्ष समेत अन्य सदस्यों की नियुक्ति को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. इस मामले में आगे की सुनवाई आगामी 3 मई 2024 को की जाएगी.

'रिक्त पदों को नहीं भरा गया' : याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य में इस आयोग में कामकाज सुचारू रूप से किये जाने को लेकर अध्यक्ष समेत अन्य सदस्यों की नियुक्ति किये जाने की जरूरत है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता नीरज कुमार ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा बाल संरक्षण के लिए उक्त आयोग का गठन वर्ष 2010 में किया गया था, लेकिन अब तक इन रिक्त पदों को नहीं भरा गया है.

कदमकुआं वेंडिंग जोन मामले पर सुनवाई : पटना हाईकोर्ट में पटना के कदमकुआं वेंडिंग जोन के निर्माण के मामले पर अगली सुनवाई 26अप्रैल 2024 को होगी. डा. आशीष कुमार सिन्हा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ सुनवाई कर रही है कोर्ट को पटना नगर निगम की ओर से बताया गया था कि कदमकुआं वेंडिंग जोन के निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इसका एक तल्ले के निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है व ऊपरी भाग में निर्माण चल रहा है.

'98 वेंडिग जोन बनाए जाने की योजना' : कोर्ट ने पटना नगर निगम को इस सम्बन्ध में हलफ़नामा दायर करने का निर्देश दिया था. याचिकाकर्ता की अधिवक्ता मयूरी ने कोर्ट को बताया था कि पिछली सुनवाई में राज्य सरकार और पटना नगर निगम ने इस वेडिंग जोन नौ महीने निर्माण कार्य पूरा करने का अश्वासन दिया था. लेकिन अभी भी काफी समय के बाद भी अब तक कदमकुआं वेडिंग जोन का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है. पिछली सुनवाई में पटना नगर निगम की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि निगम क्षेत्र के कदमकुआं, शेखपुरा और बोरिंग रोड के अलावे ये 98 वेंडिग जोन बनाए जाने की योजना है.

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