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हाईकोर्ट की बड़ी व्यवस्था, आवेदन की अंतिम तिथि के बाद भी जमा किए जा सकते हैं आरक्षित उम्मीदवार की पात्रता के सर्टिफिकेट - HIMACHAL PRADESH HIGH COURT

आरक्षित उम्मीदवार की पात्रता सर्टिफिकेट मामले में हिमाचल हाईकोर्ट ने कहा आवेदन की अंतिम तिथि के बाद भी पात्रता सर्टिफिकेट जमा किए जा सकते हैं.

हिमाचल हाईकोर्ट
हिमाचल हाईकोर्ट (FILE)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 13, 2024, 9:59 PM IST

शिमला: आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों की पात्रता से जुड़े सर्टिफिकेट आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि के बाद भी जमा किए जा सकते हैं. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण व्यवस्था देते हुए इसे स्पष्ट किया है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने बीपीएल का प्रमाण पत्र आवेदन की अंतिम तिथि तक जमा न करने पर पात्रता रद्द करने से जुड़े मामले का निपटारा करते हुए इस कानूनी स्थिति को स्पष्ट किया है.

न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने कहा कि पात्रता से जुड़े प्रमाण पत्र आवेदन जमा करने की लास्ट डेट के बाद भी उचित समय के भीतर संबंधित अथॉरिटी के समक्ष पेश किए जा सकते हैं. अदालत ने कहा कि पद के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि पर आरक्षण के लिए उम्मीदवार की पात्रता को प्रदर्शित करने वाले बीपीएल, एससी, एसटी इत्यादि प्रमाण पत्र अंतिम तिथि के बाद भी उचित समय के भीतर जमा किए जा सकते हैं.

अदालत ने कहा कि आवेदन पत्र के साथ ऐसे दस्तावेज प्रस्तुत न करना कोई बड़ा घातक कदम नहीं है. कोर्ट ने कहा कि कोई उम्मीदवार बीपीएल श्रेणी से संबंधित अपनी पहचान सिर्फ इसलिए नहीं खो देता कि वह अपरिहार्य कारणों से आवेदन पत्र के साथ ही बीपीएल प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाया. हाईकोर्ट ने कहा कि सामान्य नियम यह है कि किसी भी अध्ययन पाठ्यक्रम या पद के लिए आवेदन करते समय, किसी व्यक्ति के पास प्रवेश विवरणिका या आवेदन पत्र में उस प्रयोजन के लिए निर्धारित अंतिम तिथि तक पात्रता योग्यता होनी चाहिए.

इस संबंध में निर्धारित तिथि तक अपेक्षित पात्रता योग्यता रखने के मामले में कोई छूट नहीं दी जा सकती. उम्मीदवार को आवश्यक प्रमाण पत्र, जैसे शैक्षणिक योग्यता की डिग्री या मार्कशीट प्रस्तुत करके इसे स्थापित करना होगा. इसी तरह, आरक्षण का लाभ उठाने के लिए भी आवश्यक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा. परंतु यह आरक्षण के लिए पात्रता को साबित करने का मात्र एक दस्तावेज है और इसे आवेदन की अंतिम तिथि के बाद भी प्रस्तुत किया जा सकता है.

क्या है पूरा मामला

हाईकोर्ट ने एक याचिका के निपटारे में उपरोक्त महत्वपूर्ण व्यवस्था दी है. मामले के अनुसार प्रार्थी राकेश कुमार ने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी. प्रार्थी आवेदन की अंतिम तिथि तक निश्चित प्रमाण पत्र जमा नहीं करवा पाया था. उसकी याचिका का निपटारा करते हुए अदालत ने डीजी सह डायरेक्टर फायर सर्विसेज को आदेश जारी किए कि प्रार्थी के प्रमाण पत्र को स्वीकार करने के बाद वह एसटी (बीपीएल) श्रेणी के तहत फायरमैन के पदों की नियुक्ति के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की योग्यता का नए सिरे से मूल्यांकन करे.

याचिकाकर्ता बीपीएल श्रेणी से संबंधित है. जिस समय याचिकाकर्ता ने फायरमैन के पद के लिए आवेदन किया था, उसने श्रेणी के कॉलम में दर्ज किया था कि वह एसटी (बीपीएल) श्रेणी के तहत आवेदन कर रहा है. आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि यानी 16 सितंबर 2024 तक याचिकाकर्ता ने दस्तावेजों के साथ बीपीएल प्रमाण पत्र संलग्न नहीं किया था. फिर 30 सितंबर 2024 को याचिकाकर्ता ने बीपीएल प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया. यह प्रमाणपत्र उसे आवेदन की अंतिम तिथि के बाद 25 सितंबर 2024 को संबंधित प्राधिकरण द्वारा उसके पक्ष में जारी किया गया था.

याचिकाकर्ता की तरफ से दस्तावेजों के साथ अपना बीपीएल प्रमाण पत्र प्रस्तुत न कर पाने का कारण यह था कि उसे जारी किए गए पहले के प्रमाण पत्र में गांव के नाम में टाइपिंग मिस्टेक थी, इसलिए याचिकाकर्ता ने इसमें सुधार के लिए आवेदन किया. आवश्यक सुधार किए जाने के बाद 25 सितंबर 2024 को उसके पक्ष में नया प्रमाण पत्र जारी किया गया, जिसे तुरंत 30 सितंबर 2024 यानी काउंसलिंग की तिथि को इसे प्रस्तुत किया. परंतु इसे स्वीकार नहीं किया गया. मजबूरन प्रार्थी को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करनी पड़ी थी. इसी याचिका का अदालत ने निपटारा करते हुए महत्वपूर्ण व्यवस्था दी.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में एक और पशु बलि का मामला, पुलिस ने दर्ज किया केस

शिमला: आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों की पात्रता से जुड़े सर्टिफिकेट आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि के बाद भी जमा किए जा सकते हैं. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण व्यवस्था देते हुए इसे स्पष्ट किया है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने बीपीएल का प्रमाण पत्र आवेदन की अंतिम तिथि तक जमा न करने पर पात्रता रद्द करने से जुड़े मामले का निपटारा करते हुए इस कानूनी स्थिति को स्पष्ट किया है.

न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने कहा कि पात्रता से जुड़े प्रमाण पत्र आवेदन जमा करने की लास्ट डेट के बाद भी उचित समय के भीतर संबंधित अथॉरिटी के समक्ष पेश किए जा सकते हैं. अदालत ने कहा कि पद के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि पर आरक्षण के लिए उम्मीदवार की पात्रता को प्रदर्शित करने वाले बीपीएल, एससी, एसटी इत्यादि प्रमाण पत्र अंतिम तिथि के बाद भी उचित समय के भीतर जमा किए जा सकते हैं.

अदालत ने कहा कि आवेदन पत्र के साथ ऐसे दस्तावेज प्रस्तुत न करना कोई बड़ा घातक कदम नहीं है. कोर्ट ने कहा कि कोई उम्मीदवार बीपीएल श्रेणी से संबंधित अपनी पहचान सिर्फ इसलिए नहीं खो देता कि वह अपरिहार्य कारणों से आवेदन पत्र के साथ ही बीपीएल प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाया. हाईकोर्ट ने कहा कि सामान्य नियम यह है कि किसी भी अध्ययन पाठ्यक्रम या पद के लिए आवेदन करते समय, किसी व्यक्ति के पास प्रवेश विवरणिका या आवेदन पत्र में उस प्रयोजन के लिए निर्धारित अंतिम तिथि तक पात्रता योग्यता होनी चाहिए.

इस संबंध में निर्धारित तिथि तक अपेक्षित पात्रता योग्यता रखने के मामले में कोई छूट नहीं दी जा सकती. उम्मीदवार को आवश्यक प्रमाण पत्र, जैसे शैक्षणिक योग्यता की डिग्री या मार्कशीट प्रस्तुत करके इसे स्थापित करना होगा. इसी तरह, आरक्षण का लाभ उठाने के लिए भी आवश्यक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा. परंतु यह आरक्षण के लिए पात्रता को साबित करने का मात्र एक दस्तावेज है और इसे आवेदन की अंतिम तिथि के बाद भी प्रस्तुत किया जा सकता है.

क्या है पूरा मामला

हाईकोर्ट ने एक याचिका के निपटारे में उपरोक्त महत्वपूर्ण व्यवस्था दी है. मामले के अनुसार प्रार्थी राकेश कुमार ने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी. प्रार्थी आवेदन की अंतिम तिथि तक निश्चित प्रमाण पत्र जमा नहीं करवा पाया था. उसकी याचिका का निपटारा करते हुए अदालत ने डीजी सह डायरेक्टर फायर सर्विसेज को आदेश जारी किए कि प्रार्थी के प्रमाण पत्र को स्वीकार करने के बाद वह एसटी (बीपीएल) श्रेणी के तहत फायरमैन के पदों की नियुक्ति के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की योग्यता का नए सिरे से मूल्यांकन करे.

याचिकाकर्ता बीपीएल श्रेणी से संबंधित है. जिस समय याचिकाकर्ता ने फायरमैन के पद के लिए आवेदन किया था, उसने श्रेणी के कॉलम में दर्ज किया था कि वह एसटी (बीपीएल) श्रेणी के तहत आवेदन कर रहा है. आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि यानी 16 सितंबर 2024 तक याचिकाकर्ता ने दस्तावेजों के साथ बीपीएल प्रमाण पत्र संलग्न नहीं किया था. फिर 30 सितंबर 2024 को याचिकाकर्ता ने बीपीएल प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया. यह प्रमाणपत्र उसे आवेदन की अंतिम तिथि के बाद 25 सितंबर 2024 को संबंधित प्राधिकरण द्वारा उसके पक्ष में जारी किया गया था.

याचिकाकर्ता की तरफ से दस्तावेजों के साथ अपना बीपीएल प्रमाण पत्र प्रस्तुत न कर पाने का कारण यह था कि उसे जारी किए गए पहले के प्रमाण पत्र में गांव के नाम में टाइपिंग मिस्टेक थी, इसलिए याचिकाकर्ता ने इसमें सुधार के लिए आवेदन किया. आवश्यक सुधार किए जाने के बाद 25 सितंबर 2024 को उसके पक्ष में नया प्रमाण पत्र जारी किया गया, जिसे तुरंत 30 सितंबर 2024 यानी काउंसलिंग की तिथि को इसे प्रस्तुत किया. परंतु इसे स्वीकार नहीं किया गया. मजबूरन प्रार्थी को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करनी पड़ी थी. इसी याचिका का अदालत ने निपटारा करते हुए महत्वपूर्ण व्यवस्था दी.

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