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नर्सिंग छात्रों की परीक्षा मामले को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई, 2023-24 बैच से जुड़ा है मामला - Hearing in nursing student exam - HEARING IN NURSING STUDENT EXAM

nainital high court, Hearing in nursing student exam नर्सिंग के छात्रों को परीक्षा में शामिल कराये जाने के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें हाईकोर्ट ने परीक्षा कराने के निर्देश दिये हैं. साथ ही मामले की अंतिम सुनवाई के लिए एकलपीठ के पास भेज दिया है.

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नर्सिंग छात्रों की परीक्षा मामले को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 5, 2024, 7:42 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने साल 2023- 24 नर्सिंग बैच के छात्रों को बिना एंट्रेस परीक्षा कराये जाने के मामले में सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने एचएनबी मेडिकल कॉलेज गढ़वाल व पिथौरागढ़ नर्सिंग कॉलेज को इन छात्रों की परीक्षा कराने के निर्देश दिये हैं. साथ ही कोर्ट ने मामले की अंतिम सुनवाई के लिए एकलपीठ को भेज दिया है.

मामले के अनुसार दून इंस्टीटूटव ऑफ मेडिकल साइंस, पीजी कालेज बायो मेडिकल साइंस और नर्सिंग कालेज ऑफ पिथौरागढ़ के छात्रों ने खण्डपीठ में विशेष अपील दायर की. जिसमें राज्य सरकार ने प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को देखते हुए नर्सिंग कालेजों में नर्सिंग की सीटें बढ़ाई हैं. राज्य सरकार ने जिस समय ये सीटें बढ़ाई उस समय उनके पास आईएनसी का सर्टिफिकेट नहीं था.

सर्टिफिकेट देर में मिलने के कारण जो नर्सिंग की सीटें राज्य सरकार ने बढ़ाई उसके लिए उनके द्वारा अंतिम दिन आवेदन किया. अब उनकी परीक्षा नहीं कराई जा रही है. इसलिए उनकी नर्सिंग की परीक्षा कराई जाये. उनके द्वारा अंतिम दिन आवेदन किया गया था. उन्होंने इस मामले में विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है. विभाग की लापरवाही के कारण उनकी परीक्षा नहीं हो पाई. जिसके कारण उन्हें न्यायलय की शरण में आना पड़ा है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने साल 2023- 24 नर्सिंग बैच के छात्रों को बिना एंट्रेस परीक्षा कराये जाने के मामले में सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने एचएनबी मेडिकल कॉलेज गढ़वाल व पिथौरागढ़ नर्सिंग कॉलेज को इन छात्रों की परीक्षा कराने के निर्देश दिये हैं. साथ ही कोर्ट ने मामले की अंतिम सुनवाई के लिए एकलपीठ को भेज दिया है.

मामले के अनुसार दून इंस्टीटूटव ऑफ मेडिकल साइंस, पीजी कालेज बायो मेडिकल साइंस और नर्सिंग कालेज ऑफ पिथौरागढ़ के छात्रों ने खण्डपीठ में विशेष अपील दायर की. जिसमें राज्य सरकार ने प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को देखते हुए नर्सिंग कालेजों में नर्सिंग की सीटें बढ़ाई हैं. राज्य सरकार ने जिस समय ये सीटें बढ़ाई उस समय उनके पास आईएनसी का सर्टिफिकेट नहीं था.

सर्टिफिकेट देर में मिलने के कारण जो नर्सिंग की सीटें राज्य सरकार ने बढ़ाई उसके लिए उनके द्वारा अंतिम दिन आवेदन किया. अब उनकी परीक्षा नहीं कराई जा रही है. इसलिए उनकी नर्सिंग की परीक्षा कराई जाये. उनके द्वारा अंतिम दिन आवेदन किया गया था. उन्होंने इस मामले में विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है. विभाग की लापरवाही के कारण उनकी परीक्षा नहीं हो पाई. जिसके कारण उन्हें न्यायलय की शरण में आना पड़ा है.

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