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मुख्तार अंसारी से जुड़े रूंगटा परिवार को धमकी मामले में अब 26 फरवरी को कोर्ट में होगी सुनवाई - मुख्तार धमकी कोर्ट सुनवाई

नंदकिशोर रूंगटा के अपहरण के मामले में उनकी पत्नी ने सीबीआई जांच की मांग की थी. इस बीच मुख्तार अंसारी ने फोन कर पूरे परिवार को धमकाया (Mukhtar threatens court hearing) था. परिवार की शिकायत पर मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 20, 2024, 6:24 AM IST

वाराणसी : विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत में सोमवार को कारोबारी महावीर प्रसाद रूंगटा और उनके परिवार को बम से उड़ाने की धमकी सबंधित अपील के मामले में सुनवाई हुई. इस मामले में लोअर कोर्ट से पत्रावली आ चुकी है. कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 26 फरवरी की तिथि नियत की है. पिछले तिथि पर प्रभारी जिला जज ने अपील को सुनने के बाद इस मामले में मुख्तार अंसारी की सजा पर रोक लगा दी थी.

धमकी के मामले में पिछले 15 दिसंबर को एसीजेएम-प्रथम (एमपी/एमएलए) उज्ज्वल उपाध्याय की कोर्ट ने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी पाते हुए साढ़े पांच साल की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया था. इस आदेश के खिलाफ आरोपी के अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने जिला जज की अदालत में अपील दाखिल की. प्रभारी जिला जज अनुतोष कुमार शर्मा की कोर्ट ने अपील पर सुनवाई की और अपील स्वीकार करते हुए सजा पर रोक लगा दी.

प्रकरण के अनुसार चर्चित कोयला कारोबारी और विहिप के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नंदकिशोर रूंगटा के 22 जनवरी 1997 को अपहरण के बाद उनकी पत्नी ने सीबीआई जांच के लिए आवेदन किया था. यह मंजूर कर लिया गया. इसे लेकर रूंगटा परिवार पैरवी कर रहा था. इस बीच पांच नवंबर 1997 को मुख्तार अंसारी का धमकी भरा फोन आया. इस मामले को लेकर महावीर प्रसाद रूंगटा ने 13 नवंबर को तत्कालीन डीआईजी से मिलकर बचाव की गुहार लगाई. डीआईजी के आदेश पर एक दिसंबर 1997 को भेलूपुर पुलिस ने मुख्तार अंसारी पर केस दर्ज किया गया था.

यह भी पढ़ें : भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बीच सुलतानपुर कोर्ट में पेश होंगे राहुल गांधी, कई बार जारी हो चुका है वारंट

वाराणसी : विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत में सोमवार को कारोबारी महावीर प्रसाद रूंगटा और उनके परिवार को बम से उड़ाने की धमकी सबंधित अपील के मामले में सुनवाई हुई. इस मामले में लोअर कोर्ट से पत्रावली आ चुकी है. कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 26 फरवरी की तिथि नियत की है. पिछले तिथि पर प्रभारी जिला जज ने अपील को सुनने के बाद इस मामले में मुख्तार अंसारी की सजा पर रोक लगा दी थी.

धमकी के मामले में पिछले 15 दिसंबर को एसीजेएम-प्रथम (एमपी/एमएलए) उज्ज्वल उपाध्याय की कोर्ट ने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी पाते हुए साढ़े पांच साल की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया था. इस आदेश के खिलाफ आरोपी के अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने जिला जज की अदालत में अपील दाखिल की. प्रभारी जिला जज अनुतोष कुमार शर्मा की कोर्ट ने अपील पर सुनवाई की और अपील स्वीकार करते हुए सजा पर रोक लगा दी.

प्रकरण के अनुसार चर्चित कोयला कारोबारी और विहिप के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नंदकिशोर रूंगटा के 22 जनवरी 1997 को अपहरण के बाद उनकी पत्नी ने सीबीआई जांच के लिए आवेदन किया था. यह मंजूर कर लिया गया. इसे लेकर रूंगटा परिवार पैरवी कर रहा था. इस बीच पांच नवंबर 1997 को मुख्तार अंसारी का धमकी भरा फोन आया. इस मामले को लेकर महावीर प्रसाद रूंगटा ने 13 नवंबर को तत्कालीन डीआईजी से मिलकर बचाव की गुहार लगाई. डीआईजी के आदेश पर एक दिसंबर 1997 को भेलूपुर पुलिस ने मुख्तार अंसारी पर केस दर्ज किया गया था.

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