ETV Bharat / state

हेल्थ टिप्स: लंबे समय तक कब्ज से हो सकता है पाइल्स, जानिए इससे बचने और राहत पाने के आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे - Ayurvedic home remedies of piles

author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 28, 2024, 6:59 PM IST

अनियमित जीवन शैली और खानपान की गलत आदतों से कब्ज हो सकता है और लगातार कब्ज से पाइल्स. पाइल्स से बचने और पीड़ित होने पर राहत के लिए कुछ आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे अपनाए जा सकते हैं.

Ayurvedic home remedies of piles
पाइल्स से बचने के आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे (ETV Bharat Ajmer)
पाइल्स में कारगर हैं ये आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे (ETV Bharat Ajmer)

अजमेर. अनियमित जीवन शैली और खानपान में लापरवाही कब्ज का कारण बन सकती है. वर्तमान परिपेक्ष्य में भाग-दौड़ भरी जिंदगी जी रहे लोगों में पाइल्स रोग तेजी से बढ़ रहा है. आयुर्वेद में पाइल्स का कारगर इलाज है. वहीं आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे भी पाइल्स में असरकारक हैं.

संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में आयुर्वेद चिकित्सा में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ बीएल मिश्रा ने बताया कि गुदा मार्ग या उसके मुंह पर फोड़ेनुमा मांस या रक्त नलिकाओं का गुच्छा बन जाता है. उसे पाइल्स (अर्श) कहा जाता है. पाइल्स लंबे समय तक बने रहने से इनमें सूजन आ जाती है और इनकी साइज बढ़ जाती है. इससे रोगी को काफी पीड़ा होती है. मलाशय और गुदा द्वार के मध्य पाइल्स ज्यादा तकलीफदायक होता है. जबकि गुदा द्वार के बाहर पाइल्स होने पर यदि उसमें सूजन आती है, तो यह भी पीड़ादायक बन जाते हैं. पाइल्स रोग अधिक समय से है, तो उसमें संक्रमण हो जाने पर यह और भी कष्टकारक बन जाता है.

पढ़ें: हेल्थ टिप्स: लगातार कब्ज रहे, तो स्थानीय संक्रमण से हो सकता है कष्टदायक भगन्दर, जानिए कारण, लक्षण और उपचार - ayurvedic treatment of Constipation

पाइल्स के कारण: डॉ मिश्रा बताते हैं कि कब्ज अधिक समय तक रहना पाइल्स का मुख्य कारण है. मैदा, बेसन से बनी खाद्य सामग्री, मसालेदार भोजन, मीट, फास्ट फूड, डिब्बा बंद भोजन, रात्रि को देर तक जागना, लंबे समय तक सिटिंग करना, भोजन करने के तुरंत बाद सो जाना, भूखे रहना, गलत समय पर भोजन करना, गरिष्ठ भोजन का सेवन पाइल्स के मुख्य कारण है. इसके अलावा मल त्यागते समय अधिक जोर लगाने के कारण भी रक्त नलिकाओं में सूजन आ जाती है. इससे भी पाइल्स होने की संभावना अधिक रहती है.

पढ़ें: Health Tips: कब्ज को हल्के में ना लें वरना भुगतने पड़ेंगे गंभीर परिणाम, जानें क्या कहते हैं वरिष्ठ चिकित्सक

पाइल्स के लक्षण: उन्होंने बताया कि मल त्यागते समय तीव्र पीड़ा होना, जलन होना, गुदामार्ग में सूजन होने से मल त्याग में परेशानी होना, हाई ब्लड प्रेशर, अनिंद्रा, खून की कमी आदि लक्षण होते हैं. डॉ मिश्रा बताते हैं कि पाइल्स जीवन के लिए घातक नहीं है, लेकिन इसकी तीव्रता होने पर यह काफी कष्टदायक बन जाता है. ऐसे में आयुर्वेद में शार सूत्र एक सर्जिकल प्रक्रिया है. अनुभवी चिकित्सक की देखरेख में शार सूत्र के जरिए उपचार किया जाता है. उन्होंने यह भी बताया कि पाइल्स की शुरुआत में ही रोगी चिकित्सक से परामर्श लेकर उपचार और परहेज करें, तो रोगी को औषधियों से भी लाभ मिल जाता है.

पढ़ें: कब्ज से ऐसे पाये छुटकारा

यह खाएं यह ना खाएं: डॉ मिश्रा बताते हैं कि पाइल्स के इलाज से पहले कब्ज का इलाज किया जाता है. उन्होंने बताया कि समय पर भोजन करें और भूखा नहीं रहें. साथ ही फाइबर युक्त भोजन करें. भोजन में हरी सब्जियां, सलाद, गुद्देदार सब्जियां, ताजा छाछ को शामिल करें. इसके अलावा रात को सोने से आधे घंटे पहले एक गिलास दूध पीना भी लाभदायक है. उन्होंने बताया कि बथुआ, गाजर, मूली, लौकी, कद्दू, टमाटर आदि सब्जियों का सेवन पाइल्स रोग में लाभकारी है. मोटा अनाज, भुने हुए चने, रसदार फल और रस, सब्जियों का सूप लें. वहीं तेज मिर्च मसाले युक्त खाद्य सामग्री का सेवन नहीं करें. इसके अलावा जंक फूड, डिब्बा बंद भोजन, चाट, पकौड़ी, चाय, कॉफी का सेवन नहीं करें.

पाइल्स के आयुर्वेदिक नुस्खें:

डॉ मिश्रा ने बताया कि पाइल्स रोग में राहत के लिए ये आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे भी फायदेमंद हैं :

  1. कब्ज दूर करने के लिए रात्रि को किशमिश भिगोकर सुबह खाली पेट चबा-चबा कर खाएं और उसका पानी पिएं.
  2. भीगे हुए चने एवं किशमिश का सेवन दिन में 4 से 5 बजे के बीच नाश्ते के रूप में करें.
  3. हरे सूखे धनिया की देसी घी में सिकी हुई पिंजरी का सेवन भी लाभदायक है.
  4. रात्रि को सोने से पहले मलाइदार दूध और दिन में छाछ या मठ्ठे का सेवन भी लाभदायक है.
  5. हफ्ते में एक बार अरंडी के तेल का रात्रि में दूध के साथ सेवन करने से भी राहत मिलती है.
  6. रात्रि में समय पर सोना और सुबह जल्दी उठकर ताजा पानी पीना, सुबह मॉर्निंग वॉक और रात्रि को खाना खाने के बाद टहलने से भी राहत मिलती है.
  7. पाइल्स होने पर जात्यादि या नारियल तेल को गुदा मार्ग पर लगाने से भी रोगी को कष्ठ में राहत मिलती है.
  8. 2 से 3 अंजीर को रात्रि में भिगोकर सुबह खाने से भी लाभ होता है.

पाइल्स में कारगर हैं ये आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे (ETV Bharat Ajmer)

अजमेर. अनियमित जीवन शैली और खानपान में लापरवाही कब्ज का कारण बन सकती है. वर्तमान परिपेक्ष्य में भाग-दौड़ भरी जिंदगी जी रहे लोगों में पाइल्स रोग तेजी से बढ़ रहा है. आयुर्वेद में पाइल्स का कारगर इलाज है. वहीं आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे भी पाइल्स में असरकारक हैं.

संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में आयुर्वेद चिकित्सा में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ बीएल मिश्रा ने बताया कि गुदा मार्ग या उसके मुंह पर फोड़ेनुमा मांस या रक्त नलिकाओं का गुच्छा बन जाता है. उसे पाइल्स (अर्श) कहा जाता है. पाइल्स लंबे समय तक बने रहने से इनमें सूजन आ जाती है और इनकी साइज बढ़ जाती है. इससे रोगी को काफी पीड़ा होती है. मलाशय और गुदा द्वार के मध्य पाइल्स ज्यादा तकलीफदायक होता है. जबकि गुदा द्वार के बाहर पाइल्स होने पर यदि उसमें सूजन आती है, तो यह भी पीड़ादायक बन जाते हैं. पाइल्स रोग अधिक समय से है, तो उसमें संक्रमण हो जाने पर यह और भी कष्टकारक बन जाता है.

पढ़ें: हेल्थ टिप्स: लगातार कब्ज रहे, तो स्थानीय संक्रमण से हो सकता है कष्टदायक भगन्दर, जानिए कारण, लक्षण और उपचार - ayurvedic treatment of Constipation

पाइल्स के कारण: डॉ मिश्रा बताते हैं कि कब्ज अधिक समय तक रहना पाइल्स का मुख्य कारण है. मैदा, बेसन से बनी खाद्य सामग्री, मसालेदार भोजन, मीट, फास्ट फूड, डिब्बा बंद भोजन, रात्रि को देर तक जागना, लंबे समय तक सिटिंग करना, भोजन करने के तुरंत बाद सो जाना, भूखे रहना, गलत समय पर भोजन करना, गरिष्ठ भोजन का सेवन पाइल्स के मुख्य कारण है. इसके अलावा मल त्यागते समय अधिक जोर लगाने के कारण भी रक्त नलिकाओं में सूजन आ जाती है. इससे भी पाइल्स होने की संभावना अधिक रहती है.

पढ़ें: Health Tips: कब्ज को हल्के में ना लें वरना भुगतने पड़ेंगे गंभीर परिणाम, जानें क्या कहते हैं वरिष्ठ चिकित्सक

पाइल्स के लक्षण: उन्होंने बताया कि मल त्यागते समय तीव्र पीड़ा होना, जलन होना, गुदामार्ग में सूजन होने से मल त्याग में परेशानी होना, हाई ब्लड प्रेशर, अनिंद्रा, खून की कमी आदि लक्षण होते हैं. डॉ मिश्रा बताते हैं कि पाइल्स जीवन के लिए घातक नहीं है, लेकिन इसकी तीव्रता होने पर यह काफी कष्टदायक बन जाता है. ऐसे में आयुर्वेद में शार सूत्र एक सर्जिकल प्रक्रिया है. अनुभवी चिकित्सक की देखरेख में शार सूत्र के जरिए उपचार किया जाता है. उन्होंने यह भी बताया कि पाइल्स की शुरुआत में ही रोगी चिकित्सक से परामर्श लेकर उपचार और परहेज करें, तो रोगी को औषधियों से भी लाभ मिल जाता है.

पढ़ें: कब्ज से ऐसे पाये छुटकारा

यह खाएं यह ना खाएं: डॉ मिश्रा बताते हैं कि पाइल्स के इलाज से पहले कब्ज का इलाज किया जाता है. उन्होंने बताया कि समय पर भोजन करें और भूखा नहीं रहें. साथ ही फाइबर युक्त भोजन करें. भोजन में हरी सब्जियां, सलाद, गुद्देदार सब्जियां, ताजा छाछ को शामिल करें. इसके अलावा रात को सोने से आधे घंटे पहले एक गिलास दूध पीना भी लाभदायक है. उन्होंने बताया कि बथुआ, गाजर, मूली, लौकी, कद्दू, टमाटर आदि सब्जियों का सेवन पाइल्स रोग में लाभकारी है. मोटा अनाज, भुने हुए चने, रसदार फल और रस, सब्जियों का सूप लें. वहीं तेज मिर्च मसाले युक्त खाद्य सामग्री का सेवन नहीं करें. इसके अलावा जंक फूड, डिब्बा बंद भोजन, चाट, पकौड़ी, चाय, कॉफी का सेवन नहीं करें.

पाइल्स के आयुर्वेदिक नुस्खें:

डॉ मिश्रा ने बताया कि पाइल्स रोग में राहत के लिए ये आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे भी फायदेमंद हैं :

  1. कब्ज दूर करने के लिए रात्रि को किशमिश भिगोकर सुबह खाली पेट चबा-चबा कर खाएं और उसका पानी पिएं.
  2. भीगे हुए चने एवं किशमिश का सेवन दिन में 4 से 5 बजे के बीच नाश्ते के रूप में करें.
  3. हरे सूखे धनिया की देसी घी में सिकी हुई पिंजरी का सेवन भी लाभदायक है.
  4. रात्रि को सोने से पहले मलाइदार दूध और दिन में छाछ या मठ्ठे का सेवन भी लाभदायक है.
  5. हफ्ते में एक बार अरंडी के तेल का रात्रि में दूध के साथ सेवन करने से भी राहत मिलती है.
  6. रात्रि में समय पर सोना और सुबह जल्दी उठकर ताजा पानी पीना, सुबह मॉर्निंग वॉक और रात्रि को खाना खाने के बाद टहलने से भी राहत मिलती है.
  7. पाइल्स होने पर जात्यादि या नारियल तेल को गुदा मार्ग पर लगाने से भी रोगी को कष्ठ में राहत मिलती है.
  8. 2 से 3 अंजीर को रात्रि में भिगोकर सुबह खाने से भी लाभ होता है.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.