जयपुर. बदलते मौसम के साथ ही शरीर को हाइड्रेट रखना गर्मियों में ज्यादा अहम होता है. तापमान के अधिक होने पर शरीर में वाटर इंटैक्ट का नियंत्रण में होना जरूरी है. जिस तरह से शरीर में प्यास लगती है, उसके बाद इस बात की पुष्टि हो जाती है कि शरीर में पानी के स्तर की कमी हो चुकी है. ऐसे में हर दो से ढाई घंटे में शरीर को कम से कम एक गिलास पानी की आवश्यकता होती है, यानी कि दिन भर में 10 से 12 गिलास पानी की शरीर को जरूरत होती है. नेहा यदुवंशी के मुताबिक शरीर में अगर पानी की मात्रा संतुलित होगी, तो शरीर का तापमान भी नियंत्रण में होगा.
डाइटिशियन नेहा यदुवंशी ने बताया कि पानी की बोतल में सौंफ, रागी या खस डालकर शरीर को डिटॉक्स वॉटर मुहैया करवा सकते हैं. इसके अलावा छाछ भी गर्मियों में शरीर को पोषण प्रदान करने के लिए तरल पदार्थ का एक बेहतर विकल्प होता है. गर्मियों में नींबू पानी और नारियल पानी भी शरीर को पोषण प्रदान करने के लिए एक बढ़िया विकल्प है. जौ की राबड़ी के जरिए भी शरीर के तापमान को संतुलित रखने के साथ-साथ फाइबर फूड के रूप में पाचन क्षमता को बढ़ाने वाला एक भोजन लिया जा सकता है. यह सभी पदार्थ त्वचा और बालों को भी चमकदार बनाए रखने में कारगर साबित होंगे.
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रसदार फलों का भी है महत्वपूर्ण योगदान : उन्होंने बताया कि गर्मियों में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए फल भी महत्वपूर्ण होते हैं. अधिक मात्रा में पानी वाले तरबूज, खरबूज, खीरा और ककड़ी का सेवन भी शरीर में पानी की मात्रा को संतुलित रखता है. इसके अलावा सूखे मेवे भी ऐसे मौसम में मददगार होते हैं, लेकिन इसके लिए विशेष ख्याल यह रखना चाहिए कि उन्हें भिगोकर बाद में ही उपयोग में लिया जाना चाहिए. ड्राई फ्रूट्स में मौजूद एसिड शरीर में आयरन और मैग्नीशियम को शरीर में पोषक तत्वों के रूप में काम करने से रोकता है. इन ड्राई फ्रूट्स को भिगोकर रखने से उनकी तासीर बदल जाती है और शरीर में इसका फायदा भी होता है.
भोजन की संतुलित मात्रा भी है जरूरी : डाइटिशियन नेहा यदुवंशी के अनुसार गर्मियों में तरल पदार्थों के साथ-साथ भोजन की मात्रा को लेकर भी एहतियात रखना चाहिए. ज्यादा मात्रा में भोजन या फिर बिना किसी एक्सपर्ट की मदद के डाइटिंग भी नुकसानदायक हो जाती है. वह सलाह देती हैं कि दिन में तीन मुख्य भोजन नाश्ता, दोपहर का खाना और रात का खाना होना चाहिए. इसके अलावा बीच में दो बार हल्का, यानी कुछ स्नैक्स के रूप में भी सेवन किया जाना चाहिए. गर्मियों में सामान्य भोजन नाश्ते में पोहे के अलावा राबड़ी और जौ या मिलेट्स की चपाती के साथ मौसमी सब्जियों को खाना चाहिए. इसके अलावा दो स्मॉल मील में फ्रूट्स और सूखे मेवे भी लिए जा सकते हैं. हालांकि, डाइटिशियन यह भी सलाह देती है कि भूख की मात्रा में पेट 20% खाली रहना चाहिए यानी 80% पेट भर जाने पर भोजन रोक दिया जाना चाहिए.
विटामिन ए का भी रखें खास ख्याल : गर्मियों के मौसम में उत्तरी भारत में सूरज की किरणें अपना तीखा प्रभाव डालती हैं और इसके कुप्रभाव से बचने के लिए शरीर को विटामिन ए की आवश्यकता होती है. ऐसे में लाल और नारंगी रंग के फल और सब्जियां शरीर के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है. इसलिए गर्मियों में तरबूज, चुकंदर और सेब का भी सेवन किया जा सकता है. तरल पदार्थ के साथ-साथ इस तरह के भोजन से शरीर को लू के प्रभाव से बचाया जा सकता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाया जा सकता है.
इस तरह के खानपान से रखें खुद को दूर : गर्मियों के मौसम में शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए जरूरी है कि मिर्च और मसालेदार भोजन के साथ-साथ तले भुने खान-पान से खुद को बचा कर रखें. इस तरह का खानपान न सिर्फ पाचन क्रिया को प्रभावित करता है, बल्कि शरीर की तासीर को भी गर्म बनाता है. इस तरह का खाना-पीना गर्मियों में फूड पॉइजनिंग के लिए भी कारक बनता है. इसके अलावा गर्मियों में कैफीनेटेड ड्रिंक से भी बचाना जरूरी है, जो आमतौर पर बाजार में टेट्रा पैक्स के रूप में उपलब्ध होता है. इस तरह के ड्रिंक के जरिए शरीर में पहुंची कैफीन की ज्यादा मात्रा न सिर्फ बालों के झड़ने का कारण बनती है, बल्कि शरीर को डिहाइड्रेट करने में भी जिम्मेदार होता है.