रायपुर : हमारे देश में अधिकतर लोगों के सुबह की शुरुआत चाय से होती है. कुछ लोग ब्लैक टी यानी काला या लाल चाय पसंद करते हैं. कुछ लोगों को दूध वाली चाय ज्यादा पसंद है. कई लोग ग्रीन टी, लेमन टी और फूल से चाय बनाकर पीने लगे हैं. ऐसे में लोग यह जानना जरूरी है कि इन सभी चाय में क्या और किस तरह की चीजें होती हैं, जो स्वास्थ्य के नजरिए से लाभप्रद मानी गई है. आइए डाइटिशियन डॉक्टर सारिका श्रीवास्तव से जानें कि हमें कौन-कौन सी चाय पीनी चाहिए और कौन सी चाय नहीं पीनी चाहिए.
दूध चाय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक : सुबह हो, शाम हो या रात, दफ्तर हो या फैमिली फंक्शन, बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी चाय पीने के लिए कभी भी तैयार रहते हैं. बात करें दूध वाले चाय की तो इस संबंध में डाइटिशियन डॉक्टर सारिका श्रीवास्तव ने बताया, "दूध और शक्कर मिलकर एसिडिटी कर सकते हैं. शक्कर हमारी कैलोरी को बढ़ाती है और हमारा वजन बढ़ने लगता है. ऐसे में चाय पीते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि चाय हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद या नहीं है. साथ ही चाय हमें फील गुड देगा या स्ट्रेस व तनाव देगा."
"दूध वाली चाय पीने पर कई तरह के हेल्थ इश्यूज देखने को मिलते हैं. दूध वाली चाय ज्यादा पीने से एसिडिटी, वेट बढ़ना, अपचक की समस्या, डिहाईड्रेशन, डायबिटीज टाइप 2, नींद नहीं आना, पेट फूलना, कैल्शियम की कमी होना जैसी समस्या देखने को मिलती है." - डॉ. सारिका श्रीवास्तव, डाइटिशियन
खाली पेट में ग्रीन टी पीने से नुकसान : डाइटिशियन डॉक्टर सारिका श्रीवास्तव ने बताया, "घर के किचन में ऐसा बहुत सा समान है जिसकी माध्यम से हम चाय की दिलचस्पी को कम कर सकते हैं. दूध वाली चाय के बजाय जीरा या अजवाइन के चाय भी पी सकते हैं. सुबह सोकर उठते ही लेमन टी या ग्रीन टी ले सकते हैं. लेकिन ग्रीन टी को लेकर लोगों में कुछ शंकाएं भी हैं. ग्रीन टी सुबह खाली पेट में कभी भी नहीं लेना चाहिए. ग्रीन टी हमारे कार्बोहाइड्रेट मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करती है."
"खाली पेट में अगर ग्रीन टी का सेवन करते हैं तो शुगर कम हो सकता है. बीपी डाउन होने के साथ ही ब्लाटिंग हो सकती है. ऐसे में खाना खाने के 15 से 30 मिनट के बाद ग्रीन टी लेने पर या आपको फील गुड देगा. इसके साथ ही आपके मेटाबॉलिक रेट को कम करने के साथ ही वजन कम करने में मदद करता है." - डॉ. सारिका श्रीवास्तव, डाइटिशियन
फूलों और औषधिय पत्तियों का चाय : कई तरह के फूलों और औषधिय पत्तियों का चाय बनाकर पीना भी बेहद लाभदायक होता है. कैलोमीन के फूल को अगर पानी में उबालकर चाय के रूप में पिया जा सकता है. यह हमारे स्ट्रेस को कम करने के साथ ही नर्वस सिस्टम को रिलैक्स करने का काम करती है. इसके साथ ही नींद जैसी समस्या को दूर करने में भी सहायक होती है.
देश दुनिया में दूध की चाय के साथ अब कई प्रकार के फूल से बने चाय पीने का चलन भी अब धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है. गुड़हल के फूल से बनने वाली चाय, जिसमें एक या दो गुड़हल के फूल को उबालकर चाय के रूप में पिया जाए तो यह हमारे ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के साथ ही हमारे स्किन के लिए अच्छी मानी गई है. इसके साथ ही हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम को ठीक रखने में भी मदद करती है.