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इंट्रा ऑकुलर प्रेशर बढ़ने से केराबहरा गांव में गई कई लोगों की आंखों की रोशनी

ग्लूकोमा की वजह से केराबहरा गांव में जिन मरीजों की आंखों की रोशनी गई थी उनका इलाज शुरु हो चुका है.

Health department reached Kerabhara
मरीजों का शुरु हुआ इलाज (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 1, 2024, 5:56 PM IST

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: ग्राम पंचायत केराबहरा में कई लोगों ने आंखों की रोशनी खत्म होने की शिकायत की है. ग्रामीणों की शिकायत के बाद अब जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम भी हरकत में आ गई है. पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम केराबहरा गांव पहुंची है. ईटीवी भारत की टीम ने खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया जिसके बाद जिला प्रशासन की टीम एक्शन मोड में है.
आंखों की बीमारी से जूझ रहे गांव वालों का इलाज शुरु: केराबहरा गांव पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मरीजों का इलाज शुरु कर दिया है. गांव में करीब 20 लोग ऐसे हैं जो जो आंखों से कम दिखाई देने की शिकायत कर चुके हैं. सभी पीड़ित लोगों की आज जांच की गई. जांच के दौरान कुछ मरीजों की आंखों की रोशनी ज्यादा कम पाई गई है. डॉक्टरों के मुताबिक जिन मरीजों के आंखों की रोशनी ज्यादा कम है उनमें इंट्रा ऑकुलर प्रेशर काफी बढ़ा हुआ है. डॉक्टरों के मुताबिक ऑप्टिक नर्व पर प्रभाव ज्यादा पड़ रहा है. ऐसे मरीजों को तत्काल इलाज की जरुरत डॉक्टरों ने बताई है.

हमने कई बार स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन से इलाज की गुहार लगाई थी. अब जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम यहां पहुंची है. हमें उम्मीद है कि सबको इलाज मिलेगा. :स्थानीय निवासी, केराबहरा गांव

पीड़ित मरीजों में आईओपी बढ़ा हुआ है. कुछ मरीजों के ऑप्टिक नर्व डैमेज हो चुके हैं. उनका इलाज प्रशासन निशुल्क करा रहा है. :डॉ अविनाश खरे, जिला चिकित्सा अधिकारी


जिला चिकित्सा अधिकारी ने दिया इलाज का भरोसा: जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. अविनाश खरे ने कहा कि वो खुद गांव आकर मरीजों से मिलेंगे उनकी हालत को मुआयना करेंगे. जिनको ऑपरेशन की जरुरत होगी उनका ऑपरेशन भी कराया जाएगा. यह एक अनुवांशिक बीमारी है. इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए सही समय पर इलाज बेहद जरुरी है.

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आंखों की बीमारी से जूझ रहे गांव वालों का इलाज शुरु: केराबहरा गांव पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मरीजों का इलाज शुरु कर दिया है. गांव में करीब 20 लोग ऐसे हैं जो जो आंखों से कम दिखाई देने की शिकायत कर चुके हैं. सभी पीड़ित लोगों की आज जांच की गई. जांच के दौरान कुछ मरीजों की आंखों की रोशनी ज्यादा कम पाई गई है. डॉक्टरों के मुताबिक जिन मरीजों के आंखों की रोशनी ज्यादा कम है उनमें इंट्रा ऑकुलर प्रेशर काफी बढ़ा हुआ है. डॉक्टरों के मुताबिक ऑप्टिक नर्व पर प्रभाव ज्यादा पड़ रहा है. ऐसे मरीजों को तत्काल इलाज की जरुरत डॉक्टरों ने बताई है.

हमने कई बार स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन से इलाज की गुहार लगाई थी. अब जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम यहां पहुंची है. हमें उम्मीद है कि सबको इलाज मिलेगा. :स्थानीय निवासी, केराबहरा गांव

पीड़ित मरीजों में आईओपी बढ़ा हुआ है. कुछ मरीजों के ऑप्टिक नर्व डैमेज हो चुके हैं. उनका इलाज प्रशासन निशुल्क करा रहा है. :डॉ अविनाश खरे, जिला चिकित्सा अधिकारी


जिला चिकित्सा अधिकारी ने दिया इलाज का भरोसा: जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. अविनाश खरे ने कहा कि वो खुद गांव आकर मरीजों से मिलेंगे उनकी हालत को मुआयना करेंगे. जिनको ऑपरेशन की जरुरत होगी उनका ऑपरेशन भी कराया जाएगा. यह एक अनुवांशिक बीमारी है. इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए सही समय पर इलाज बेहद जरुरी है.

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