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आर्बिट्रेशन अवार्ड की अनुपालना न करना पड़ा भारी, HC ने अभियंता ऑफिस का फर्नीचर कुर्क करने के दिये आदेश - High court order against PWD

HC order against PWD: आर्बिट्रेशन अवार्ड की अनुपालना न करने पर हाई कोर्ट ने कड़छम डिवीजन के लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता कार्यालय का फर्नीचर कुर्क करने के आदेश जारी किए हैं.

HP High court
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 11, 2024, 9:50 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने आर्बिट्रेशन अवार्ड की अनुपालना न करने पर लोक निर्माण विभाग के भावानगर, जिला किन्नौर स्थित कड़छम डिवीजन के कार्यकारी अभियंता कार्यालय का फर्नीचर कुर्क करने के आदेश जारी किए हैं. हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने मैसर्स गर्ग संस एस्टेट प्रमोटर प्राइवेट लिमिटेड की अनुपालना याचिका की सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किए.

कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा समय पर अवार्ड पर अमल ना करने के पीडब्ल्यूडी के इस रवैये को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता. इसका कारण यह भी है कि अवार्ड की अनुपालना का जिम्मा सरकारी विभाग हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग का है.

अवार्ड का पालन न करने पर ब्याज का भुगतान करना पड़ता है. यह ब्याज स्पष्ट रूप से सामान्य करदाताओं की जेब से भरना होता है क्योंकि संबंधित विभाग के अधिकारी अवार्ड के कार्यान्वयन में देरी के लिए व्यक्तिगत रूप से जवाबदेह नहीं हैं इसलिए कोर्ट ने अवार्ड की अनुपालना के लिए बार-बार दिए समय के बावजूद फिर से समय की मांग को खारिज करते हुए उपरोक्त आदेश जारी किए.

उपरोक्त कार्यालय की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि मामला वित्त विभाग और योजना विभाग के पास धनराशि की मंजूरी के लिए लंबित है. लोक निर्माण विभाग के सम्बन्धित कार्यालय ने अदालत में कहा इसमें कुछ समय लगने की संभावना है और इस कारण से धनराशि जमा नहीं की जा सकी है. कार्यालय की ओर से अधिक समय की प्रार्थना की गई थी. हाई कोर्ट ने इसे नकार दिया और ऑफिस का फर्नीचर कुर्क करने के आदेश जारी किए.

ये भी पढ़ें: IAS अधिकारी आशुतोष गर्ग को बड़ी जिम्मेदारी, जेपी नड्डा के निजी सचिव का सम्भालेंगे कार्यभार

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने आर्बिट्रेशन अवार्ड की अनुपालना न करने पर लोक निर्माण विभाग के भावानगर, जिला किन्नौर स्थित कड़छम डिवीजन के कार्यकारी अभियंता कार्यालय का फर्नीचर कुर्क करने के आदेश जारी किए हैं. हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने मैसर्स गर्ग संस एस्टेट प्रमोटर प्राइवेट लिमिटेड की अनुपालना याचिका की सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किए.

कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा समय पर अवार्ड पर अमल ना करने के पीडब्ल्यूडी के इस रवैये को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता. इसका कारण यह भी है कि अवार्ड की अनुपालना का जिम्मा सरकारी विभाग हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग का है.

अवार्ड का पालन न करने पर ब्याज का भुगतान करना पड़ता है. यह ब्याज स्पष्ट रूप से सामान्य करदाताओं की जेब से भरना होता है क्योंकि संबंधित विभाग के अधिकारी अवार्ड के कार्यान्वयन में देरी के लिए व्यक्तिगत रूप से जवाबदेह नहीं हैं इसलिए कोर्ट ने अवार्ड की अनुपालना के लिए बार-बार दिए समय के बावजूद फिर से समय की मांग को खारिज करते हुए उपरोक्त आदेश जारी किए.

उपरोक्त कार्यालय की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि मामला वित्त विभाग और योजना विभाग के पास धनराशि की मंजूरी के लिए लंबित है. लोक निर्माण विभाग के सम्बन्धित कार्यालय ने अदालत में कहा इसमें कुछ समय लगने की संभावना है और इस कारण से धनराशि जमा नहीं की जा सकी है. कार्यालय की ओर से अधिक समय की प्रार्थना की गई थी. हाई कोर्ट ने इसे नकार दिया और ऑफिस का फर्नीचर कुर्क करने के आदेश जारी किए.

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