शिमला: चम्बा के अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले में अस्थाई कारोबारियों ने समय से पहले कारोबार करने को लेकर प्रदेश हाईकोर्ट ने जिलाधीश चंबा से इस बाबत जानकारी तलब की है. कोर्ट ने जिलाधीश से पूछा है कि क्या चंबा के चौगान में मिंजर मेले को लेकर बनाई गई अस्थाई दुकानों में कारोबार 19 जुलाई से पहले ही शुरू कर दिया गया था.
कोर्ट ने इस मामले में आबकारी विभाग के अतिरिक्त आयुक्त को भी स्वतः प्रतिवादी बनाया. कोर्ट ने आबकारी विभाग को मामले की जांच कर यह पता लगाने के आदेश जारी किए कि क्या चंबा के चौगान में मेले को लेकर लगाई अस्थाई दुकानों में कारोबार से जुड़ी गतिविधियां संचालित हुई.
मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने आबकारी विभाग के अतिरिक्त आयुक्त और जिलाधीश चंबा से 24 घंटों के भीतर यह जानकारी तलब की है. आज फिर इस मामले पर सुनवाई निर्धारित की गई है.
मामले के अनुसार स्थानीय कारोबारी शिव कुमार शर्मा सहित जसवंत कुकरेजा, जोगिंदर सिंह और सतपाल सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले के लिए बनाई गई अस्थाई दुकानों में निर्धारित समय से पहले कारोबार किए जाने का आरोप लगाया है.
प्रार्थियों का कहना है "इन दुकानों में कारोबार 28 जुलाई से 9 अगस्त तक किए जाने की निविदाएं आमंत्रित की गई थीं. चौगान एक में इसकी कुल बोली 1 करोड़ 96 लाख रुपये लगाई गई थी."
प्रार्थियों का कहना "हाल ही में उनका कारोबार अचानक घट गया. यह घाटा मेले के लिए संचालित की जाने वाली दुकानों में मेले से आठ दिन पहले ही कारोबार करने के कारण हुआ."
इस बाबत उन्होंने स्थानीय प्रशासन को शिकायत भी दी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. मजबूरन उन्हें हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. प्रार्थियों ने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और निविदाओं की शर्तों का उल्लंघन करने पर उचित जुर्माना वसूला जाए.