नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य के पदों हेतु लोकसेवा आयोग द्वारा जारी विज्ञप्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं को जिनकी उम्र 50 वर्ष से अधिक हो गयी है, उन्हें परीक्षा के शामिल करने के आदेश उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को दिए. साथ ही कोर्ट ने लोक सेवा आयोग व सरकार से छह सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि भर्ती परीक्षा की पूरी प्रक्रिया कोर्ट के निर्णय के अधीन रहेगी. अब मामले की अगली सुनवाई 24 जून को होगी.
मामले के अनुसार प्रवक्ता चन्द्र सिंह पुजारी व अन्य ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा है कि उत्तराखंड में प्रधानाचार्य के पदों में प्रवक्ताओं की विभागीय परीक्षा के तहत भरने हेतु राज्य लोक सेवा आयोग ने 11 मार्च को विज्ञप्ति जारी की थी. जिसमें प्रावधान किया गया है कि इस परीक्षा में वे ही प्रवक्ता शामिल होंगे, जिनकी आयु विज्ञप्ति जारी होने के वर्ष (1 जुलाई को 50 वर्ष) से अधिक न हो. विज्ञप्ति की इस शर्त को याचिकाकर्ताओं ने चुनौती दी.
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याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इस नियम से वे प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति होने से वंचित रह जाएंगे और उनके जूनियर प्रवक्ता प्रधानाचार्य बन जाएंगे. क्योंकि वे वर्षों से प्रवक्ता के पदों पर कार्य कर रहे हैं. प्रधानाचार्य के पदों के लिए विज्ञप्ति नहीं निकलने के कारण उनकी उम्र 50 से अधिक हो गयी. इसलिए उन्हें भी परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जा और लोक सेवा आयोग द्वारा लगाई इस शर्त को हटाया जाए.